घर वापसी: भोपाल में युवक की सनातन धर्म में वापसी की इच्छा, कलेक्टर से माँगी अनुमति

घर वापसी: भोपाल के 27 वर्षीय इरफान खान ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया है और कलेक्टर से इसकी अनुमति मांगी है। इस प्रक्रिया के तहत, मध्य प्रदेश के धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2021 के तहत, धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 60 दिन का समय तय किया गया है। इरफान का कहना है कि यह निर्णय उन्होंने अपनी मर्जी से लिया है और इसके साथ वह अपने जीवन में नई दिशा लाना चाहते हैं। धार्मिक गुरु प्रमोद वर्मा शास्त्री और भागीरथ शास्त्री ने भी इस प्रक्रिया में उनका समर्थन किया है।

Samvadika Desk
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Image - AI Generated Symbolic | Samvadika
Highlights
  • भोपाल के इरफान खान ने सनातन धर्म अपनाने की इच्छा जताई।
  • इरफान खान ने कलेक्टर से सनातन धर्म में वापसी के लिए अनुमति मांगी।
  • इरफान ने अपनी मर्जी से इस्लाम छोड़ा और सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया।
  • धर्म परिवर्तन के तहत इरफान को शुद्धिकरण संस्कार की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

भोपाल, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जहांगीराबाद क्षेत्र में रहने वाले 27 वर्षीय इरफान खान ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म (Sanatan Dharma) अपनाने का फैसला किया है। इस युवक ने अपनी इच्छा को औपचारिक रूप देने के लिए भोपाल कलेक्टर कार्यालय में आवेदन जमा किया है। इरफान का कहना है कि यह निर्णय उन्होंने अपनी मर्ज़ी से, बिना किसी दबाव के लिया है। इस कदम के साथ, वह अपने जीवन को नई दिशा देना चाहते हैं।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इरफान ने बताया कि सनातन धर्म के प्रति उनकी गहरी रुचि रही है, और यह फैसला उनके दिल की गहराई से आया है। उन्होंने भोपाल कलेक्टर को सौंपे अपने आवेदन में स्पष्ट किया कि वह पूरी स्वेच्छा से यह कदम उठा रहे हैं। उनके इस निर्णय को समर्थन देने के लिए धार्मिक गुरु प्रमोद वर्मा शास्त्री और भागीरथ शास्त्री ने भी कलेक्टर कार्यालय में अलग से आवेदन देकर अनुमति माँगी है। यह प्रक्रिया मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2021 (Madhya Pradesh Freedom of Religion Ordinance 2021) के तहत पूरी की जाएगी, जो धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को पारदर्शी और कानूनी बनाता है।

मध्य प्रदेश में लागू इस कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो धर्म परिवर्तन करना चाहता है, उसे कम से कम 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को लिखित सूचना देनी होती है। इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से और बिना किसी बाहरी दबाव के हो। कानून के तहत, धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में शामिल व्यक्ति और धार्मिक गुरुओं, दोनों को ही घोषणा पत्र जमा करना होता है। यदि इस प्रक्रिया का उल्लंघन होता है, तो तीन से पाँच साल की सजा और 50,000 रुपये से अधिक का जुर्माना हो सकता है। इरफान के मामले में, सभी कानूनी औपचारिकताएँ पूरी की जा रही हैं, ताकि प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हो।

धार्मिक गुरु प्रमोद वर्मा शास्त्री ने बताया कि कलेक्टर से अनुमति मिलने के बाद इरफान के लिए शुद्धिकरण संस्कार (Purification Ceremony) का आयोजन किया जाएगा। इस संस्कार के बाद इरफान को एक शुद्धिपत्र (Certificate of Purification) प्रदान किया जाएगा, जो उनकी नई धार्मिक पहचान को मान्यता देगा। इसके बाद, इरफान अपनी पसंद से नया नाम चुन सकेंगे और ‘आर्य’ उपनाम जोड़ सकेंगे। इस प्रक्रिया के तहत, शुद्धिपत्र के साथ एक बार फिर कलेक्टर कार्यालय में आवेदन जमा किया जाएगा, जो तहसीलदार के पास भेजा जाएगा। नाम परिवर्तन की सार्वजनिक घोषणा के बाद, 21 दिनों के भीतर इरफान के सभी आधिकारिक दस्तावेजों में आवश्यक बदलाव कर दिए जाएँगे।

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यह प्रक्रिया न केवल कानूनी रूप से पारदर्शी है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि व्यक्ति का निर्णय पूरी तरह से उसकी अपनी इच्छा पर आधारित हो। इरफान ने अपने आवेदन में उल्लेख किया कि वह मेहनत-मज़दूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं और लंबे समय से सनातन धर्म की ओर आकर्षित थे। उन्होंने धार्मिक गुरुओं से संपर्क कर इस प्रक्रिया को समझा और इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया। उनके इस कदम को लेकर स्थानीय स्तर पर चर्चाएँ हो रही हैं, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सभी कानूनी प्रक्रियाएँ पूरी होने तक कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।

मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2021 के तहत, कलेक्टर कार्यालय को 60 दिनों के भीतर आवेदन पर विचार करना होगा। इस दौरान, यह जाँचा जाएगा कि इरफान का निर्णय स्वैच्छिक है और इसमें किसी तरह का दबाव या प्रलोभन शामिल नहीं है। कलेक्टर की अनुमति के बाद, इरफान की धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया विधिवत शुरू होगी। इस प्रक्रिया में शामिल धार्मिक गुरुओं ने भी अपने आवेदन में यही दोहराया है कि इरफान का यह फैसला उनकी निजी इच्छा का परिणाम है।

यह मामला व्यक्तिगत आस्था और कानूनी प्रक्रियाओं का एक अनूठा संगम है। इरफान का यह कदम उनके निजी विश्वास और जीवन को नई दिशा देने की इच्छा को दर्शाता है। प्रशासन इस मामले को पूरी संवेदनशीलता के साथ देख रहा है, ताकि प्रक्रिया न केवल कानून के दायरे में हो, बल्कि सामाजिक सौहार्द भी बना रहे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इरफान अपने नए नाम और धार्मिक पहचान के साथ अपने जीवन की नई शुरुआत कर सकेंगे।

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