भारत vs दक्षिण अफ्रीका: स्नेह राणा की फिरकी और प्रतिका रावल की धमक, भारत ने 15 रनों से रौंदा

INDW vs SAW: महिला त्रिकोणीय सीरीज (Tri Series) के एक हाई-वोल्टेज मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 15 रन से मात दी। प्रतिका रावल की दमदार बल्लेबाज़ी (78 रन) और स्नेह राणा की घातक फिरकी (5 विकेट) ने मैच का रुख पलट दिया। ताजमिन ब्रिट्स की शतकीय पारी भी साउथ अफ्रीका को जीत नहीं दिला सकी।

Samvadika Desk
12 Min Read
Image - Sneh Rana
Highlights
  • भारत की रोमांचक जीत, साउथ अफ्रीका को 15 रन से हराया।
  • स्नेह राणा ने 5 विकेट झटके, पलट दिया पूरा मुकाबला।
  • प्रतिका रावल ने खेली 78 रन की क्लासिक पारी।
  • हरमनप्रीत की कप्तानी में भारत की लगातार दूसरी जीत।
  • प्लेयर ऑफ द मैच बनीं स्नेह राणा, रचा वनडे इतिहास।

भारत vs दक्षिण अफ्रीका: क्रिकेट का मैदान, जहां हर गेंद एक नई कहानी लिखती है, हर रन एक नया जोश जगाता है, और हर विकेट एक नया मोड़ लाता है। मंगलवार को Women’s Tri Series (महिला त्रिकोणीय सीरीज) में भारत और दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच हुए हाई-वोल्टेज मुकाबले ने दर्शकों को अपनी सीटों से बांधे रखा। भारत ने 15 रनों की रोमांचक जीत (thrilling victory) दर्ज की, जिसमें स्नेह राणा (Sneh Rana) की घातक स्पिन और प्रतिका रावल (Pratika Rawal) की विस्फोटक बल्लेबाजी ने कमाल दिखाया। स्नेह ने एक ही ओवर में तीन विकेट झटककर अपने करियर का पहला पांच विकेट हॉल (five-wicket haul) हासिल किया, जबकि प्रतिका की 78 रनों की पारी ने भारत को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। आइए, इस मैच की कहानी को करीब से देखें, जिसमें हर पल क्रिकेट का जादू बिखरा।

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टॉस और भारत की रणनीति: पहले बल्लेबाजी का दांव (भारत vs दक्षिण अफ्रीका)

मैच की शुरुआत में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी (bat first) का फैसला लिया। यह निर्णय उस समय जोखिम भरा लग रहा था, क्योंकि पिच में नमी थी और गेंदबाजों को शुरुआती मदद मिलने की संभावना थी। लेकिन हरमनप्रीत का यह फैसला उनकी टीम की बल्लेबाजी गहराई (batting depth) पर भरोसे को दर्शाता था। भारत ने पारी की शुरुआत स्मृति मंधाना (Smriti Mandhana) और प्रतिका रावल की ओपनिंग जोड़ी के साथ की, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को शुरू से ही दबाव में ला दिया।

प्रतिका रावल ने अपनी आक्रामक शैली (aggressive approach) से दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की लय बिगाड़ दी। उनकी 91 गेंदों में 78 रनों की पारी में पांच चौके और एक छक्का शामिल था। प्रतिका ने न सिर्फ स्कोरबोर्ड को गति दी, बल्कि भारतीय पारी को एक ठोस नींव भी प्रदान की। स्मृति मंधाना ने 36 रनों की सहायक पारी खेली, जिसमें उन्होंने प्रतिका के साथ 18.3 ओवर में 83 रनों की साझेदारी (opening partnership) की। यह जोड़ी दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के लिए सिरदर्द बन चुकी थी, लेकिन 19वें ओवर में एनेरी डर्कसेन (Ayabonga Khaka) ने मंधाना को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। मंधाना को विकेटकीपर कराबो मेसो (Karabo Meso) ने लेग साइड में शानदार कैच (stunning catch) के जरिए पवेलियन भेजा।

मध्य क्रम का योगदान: हरमनप्रीत और जेमिमा की जिम्मेदारी

मंधाना के आउट होने के बाद हरलीन देओल (Harleen Deol) ने प्रतिका का साथ दिया। हरलीन ने 47 गेंदों में 29 रनों की उपयोगी पारी खेली, जिसमें दो चौके शामिल थे। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 68 रनों की साझेदारी (second-wicket partnership) की, जिसने भारत को 150 रनों के पार पहुंचाया। लेकिन दक्षिण अफ्रीका की स्पिनर नॉनकुलुलेको म्लाबा (Nonkululeko Mlaba) ने अपने स्पेल में कमाल दिखाया। म्लाबा ने लगातार दो ओवरों में पहले हरलीन को और फिर प्रतिका को बोल्ड (clean bowled) कर दक्षिण अफ्रीका को मैच में वापसी का मौका दिया। म्लाबा ने 10 ओवर में 55 रन देकर दो विकेट लिए और दक्षिण अफ्रीका की सबसे सफल गेंदबाज रहीं।

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यहां से कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने पारी को संभाला। जेमिमा ने 32 गेंदों में 41 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसमें चार चौके शामिल थे। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी (attacking batting) ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखा। हरमनप्रीत ने 48 गेंदों में नाबाद 41 रनों की कप्तानी पारी खेली, जिसमें चार चौके थे। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 58 गेंदों में 59 रनों की साझेदारी (fourth-wicket partnership) की, जिसने भारत को 250 रनों के करीब पहुंचाया।

पारी के अंत में ऋचा घोष (Richa Ghosh) ने 14 गेंदों में 24 रनों की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें तीन चौके और एक छक्का शामिल था। उनकी इस तेजतर्रार पारी ने भारत को 46वें ओवर में 245 रनों के पार पहुंचाया। भारत ने अंततः 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 276 रन बनाए, जो इस पिच पर एक चुनौतीपूर्ण स्कोर (competitive total) था।

दक्षिण अफ्रीका की आक्रामक शुरुआत: ब्रिट्स का शतक

277 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने आक्रामक शुरुआत (aggressive start) की। ताजमिन ब्रिट्स (Tazmin Brits) और कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट (Laura Wolvaardt) ने भारतीय गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। दोनों ने पहले विकेट के लिए 140 रनों की साझेदारी (opening stand) की, जिसने भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। ब्रिट्स ने 105 गेंदों में 108 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें आठ चौके और एक छक्का शामिल था। यह उनका वनडे करियर का तीसरा शतक (third ODI century) था। वोल्वार्ड्ट ने 43 रनों की उपयोगी पारी खेली, जिसमें पांच चौके थे।

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उमस भरे मौसम (humid conditions) में ब्रिट्स को ऐंठन की समस्या हुई, और 108 रन बनाकर उन्हें रिटायर हर्ट (retired hurt) होना पड़ा। उस समय दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 140/0 था, और ऐसा लग रहा था कि वे आसानी से लक्ष्य हासिल कर लेंगे। भारतीय गेंदबाज शुरुआत में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को रोकने में नाकाम रहे। तेज गेंदबाज अरुंधति रेड्डी (Arundhati Reddy) ने 10 ओवर में 59 रन दिए, जबकि दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) और श्री चारणी (Shreyanka Patil) भी शुरुआत में महंगे साबित हुईं।

स्नेह राणा का जादू: एक ओवर ने बदला खेल

जब दक्षिण अफ्रीका जीत की ओर बढ़ रही थी, तब भारतीय स्पिनरों ने अपनी फिरकी का जाल बिछाना शुरू किया। 28वें ओवर में दीप्ति शर्मा ने वोल्वार्ड्ट को LBW आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई। दीप्ति ने 10 ओवर में 40 रन देकर एक विकेट लिया। इसके बाद स्नेह राणा ने कमान संभाली। उन्होंने लॉरा गुडोल (Laura Goodall) को 9 रन पर आउट कर दक्षिण अफ्रीका को दूसरा झटका दिया।

मैच का टर्निंग पॉइंट (turning point) रहा 48वां ओवर, जब स्नेह राणा ने अपनी स्पिन का जादू बिखेरा। इस ओवर में उन्होंने सिर्फ तीन रन देकर तीन विकेट झटके। पहले उन्होंने क्लो ट्रायोन (Chloe Tryon) को 18 रन पर आउट किया, फिर एनेरी डर्कसेन (Annerie Dercksen) को 30 रन पर पवेलियन भेजा, और इसके बाद नाडिने डिक्लर्क (Nadine de Klerk) को शून्य पर आउट किया। स्नेह यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने फिर से बल्लेबाजी के लिए लौटीं ताजमिन ब्रिट्स को भी आउट कर अपना पांचवां विकेट पूरा किया। स्नेह ने 10 ओवर में 43 रन देकर 5 विकेट लिए और ‘Player of the Match’ का खिताब अपने नाम किया।

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युवा स्पिनर श्री चारणी ने भी अनुभवी सुने लुस (Sune Luus) को 28 रन पर आउट कर भारत की जीत की राह को और आसान बनाया। श्री चारणी ने 10 ओवर में 51 रन देकर एक विकेट लिया। तेज गेंदबाज अरुंधति रेड्डी ने डेब्यूटेंट विकेटकीपर कराबो मेसो को 7 रन पर आउट किया। दक्षिण अफ्रीका की टीम आखिरकार 49.2 ओवर में 261 रनों पर सिमट गई। उनके आखिरी पांच विकेट सिर्फ 21 रनों पर गिरे, जो भारत की शानदार वापसी (remarkable comeback) को दर्शाता है।

भारत की रणनीति: स्पिन का दबदबा

इस मुकाबले में भारत की जीत का श्रेय उनकी स्पिन तिकड़ी—स्नेह राणा, दीप्ति शर्मा, और श्री चारणी—को जाता है। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने शुरुआत में तेज गेंदबाजों को निशाना बनाया, लेकिन जैसे ही स्पिनरों ने गेंद संभाली, खेल का रुख बदल गया। स्नेह की गेंदबाजी में विविधता (variety in bowling) और सटीकता ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को पूरी तरह से बांधे रखा। उनकी फ्लाइटेड गेंदें और सटीक लेंथ (accurate length) ने बल्लेबाजों को गलती करने पर मजबूर किया। दीप्ति और श्री चारणी ने भी महत्वपूर्ण मौकों पर विकेट निकालकर दबाव बनाए रखा।

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बल्लेबाजी में प्रतिका रावल की आक्रामकता, हरमनप्रीत-जेमिमा की साझेदारी, और ऋचा घोष की फिनिशिंग टच ने भारत को एक ऐसा स्कोर दिया, जो दक्षिण अफ्रीका के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। भारत की फील्डिंग भी इस मैच में शानदार रही। ऋचा घोष ने विकेट के पीछे कुछ शानदार कैच (brilliant catches) लपके, जबकि दीप्ति और हरलीन ने महत्वपूर्ण रन-आउट के मौके बनाए।

दक्षिण अफ्रीका का विश्लेषण: कहां हुई चूक?

दक्षिण अफ्रीका के लिए ताजमिन ब्रिट्स की शतकीय पारी (centurion knock) एक सकारात्मक पहलू रही। उनकी पारी ने दिखाया कि वे बड़े स्कोर का पीछा करने में सक्षम हैं। लेकिन ब्रिट्स के रिटायर हर्ट होने के बाद उनकी बल्लेबाजी लाइनअप बिखर गई। वोल्वार्ड्ट और लुस ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन मध्य क्रम में अनुभव की कमी साफ नजर आई। क्लो ट्रायोन और एनेरी डर्कसेन ने तेजी से रन बनाने की कोशिश की, लेकिन स्नेह राणा की फिरकी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

गेंदबाजी में नॉनकुलुलेको म्लाबा ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन बाकी गेंदबाज, खासकर तेज गेंदबाज, भारतीय बल्लेबाजों को रोकने में नाकाम रहे। एनेरी डर्कसेन और नाडिने डिक्लर्क ने कुछ अच्छी गेंदें डालीं, लेकिन वे लगातार दबाव बनाने में विफल रहीं। दक्षिण अफ्रीका को अपनी गेंदबाजी रणनीति (bowling strategy) में सुधार करना होगा, खासकर डेथ ओवर्स (death overs) में।

भारत का बढ़ता आत्मविश्वास

यह जीत भारत की Women’s Tri Series (महिला त्रिकोणीय सीरीज) में लगातार दूसरी जीत थी। इससे पहले उन्होंने श्रीलंका को हराया था। इस जीत ने न सिर्फ भारत का आत्मविश्वास (team confidence) बढ़ाया है, बल्कि टूर्नामेंट में उनकी स्थिति को भी मजबूत किया है। स्नेह राणा की गेंदबाजी और प्रतिका रावल की बल्लेबाजी ने दिखाया कि भारतीय महिला टीम में युवा और अनुभव का शानदार मिश्रण (blend of youth and experience) है।

हरमनप्रीत कौर की कप्तानी भी इस मैच में काबिल-ए-तारीफ रही। उन्होंने सही समय पर गेंदबाजों को रोटेट किया और स्पिनरों का इस्तेमाल करके दक्षिण अफ्रीका की रन गति को रोका। भारत की फील्डिंग यूनिट ने भी इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया, जिसने दक्षिण अफ्रीका को अतिरिक्त रन बनाने से रोका।

क्रिकेट का रोमांच और भारत की जीत

यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक रोलर-कोस्टर राइड (roller-coaster ride) था। प्रतिका रावल की बल्लेबाजी ने नींव रखी, हरमनप्रीत और जेमिमा ने पारी को संभाला, और स्नेह राणा की फिरकी ने जीत को पक्का किया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian Women’s Cricket Team) ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी स्थिति से वापसी कर सकती हैं। स्नेह राणा का पांच विकेट हॉल और प्रतिका की धमाकेदार पारी इस मैच को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। Women’s Tri Series (महिला त्रिकोणीय सीरीज) अब और रोमांचक हो चुकी है, और क्रिकेट फैंस को अगले मुकाबले का बेसब्री से इंतजार है।

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