बिहार में हिंदू मैरेज एक्ट लाने की तैयारी: शादी का रजिस्ट्रेशन होगा तेज और सरल, 30 दिन का इंतजार खत्म

Bihar News: बिहार सरकार जल्द हिंदू मैरेज एक्ट 1955 लागू करने जा रही है, जिससे हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख समुदायों के लिए शादी रजिस्ट्रेशन आसान और तेज होगा। विशेष विवाह अधिनियम की 30 दिन की आपत्ति अवधि खत्म होगी, और कम औपचारिकताओं के साथ तुरंत रजिस्ट्रेशन संभव होगा। यह कानून विवाह निबंधन की संख्या बढ़ाएगा, सामाजिक सुरक्षा देगा और जोड़ों को कानूनी मामलों में सहूलियत प्रदान करेगा।

Samvadika Desk
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बिहार में हिन्दू मैरिज ऐक्ट लागू करने की तैयारी। (प्रतीकात्मक इमेज - संवादिका)
Highlights
  • बिहार में हिंदू मैरेज एक्ट लागू करने की तैयारी, शादी रजिस्ट्रेशन होगा आसान और तेज!
  • हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख समुदायों के लिए सरल होगी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया!
  • नया कानून: कम औपचारिकताएँ, कम समय, और पारदर्शी प्रक्रिया!
  • बिहार सरकार की पहल, विवाह निबंधन से बढ़ेगी सामाजिक सुरक्षा!

पटना, बिहार: बिहार में शादी के रजिस्ट्रेशन को आसान और तेज बनाने के लिए बड़ी पहल शुरू हो रही है। राज्य सरकार जल्द ही हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (Hindu Marriage Act) लागू करने की तैयारी में है। अभी बिहार में विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत विवाह निबंधन होता है, लेकिन हिंदू मैरेज एक्ट लागू होने से हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख समुदाय के लोग अपनी शादी को तुरंत और कम औपचारिकताओं के साथ रजिस्टर करा सकेंगे। इस बदलाव से 30 दिन की आपत्ति अवधि खत्म होगी, और शादी के तुरंत बाद रजिस्ट्रेशन संभव हो सकेगा।

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क्यों जरूरी है नया कानून?

बिहार के मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग ने हिंदू मैरेज एक्ट को लागू करने की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसकी नियमावली लगभग बन चुकी है, और इसे लागू करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल और विधानमंडल की मंजूरी ली जाएगी। वर्तमान में विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) के तहत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली है। इसके कारण बिहार में शादी रजिस्टर कराने वालों की संख्या बेहद कम है। आँकड़ों के मुताबिक, 2024 में पूरे राज्य में सिर्फ 9,000 जोड़ों ने अपनी शादी रजिस्टर कराई, जबकि पिछले साल यह संख्या केवल 2,500 थी।

नया कानून लागू होने से यह प्रक्रिया सरल होगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी शादी रजिस्टर कराएँगे। यह न केवल कानूनी मान्यता देगा, बल्कि वैवाहिक अधिकारों और संपत्ति के मामलों में भी जोड़ों को सुरक्षा प्रदान करेगा।

हिंदू मैरेज एक्ट से क्या बदलेगा?

हिंदू मैरेज एक्ट लागू होने के बाद विवाह निबंधन की प्रक्रिया में कई अहम बदलाव आएँगे:

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  • 30 दिन की आपत्ति खत्म: अभी विशेष विवाह अधिनियम में शादी रजिस्टर करने के लिए जोड़े को आवेदन के बाद 30 दिन का नोटिस पीरियड पूरा करना होता है, जिसमें आपत्तियाँ ली जाती हैं। नए कानून में यह बाध्यता हट जाएगी।
  • तुरंत रजिस्ट्रेशन: शादी के तुरंत बाद वर-वधू जरूरी दस्तावेज जमा करके रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। नियमावली में इसके लिए एक निश्चित समयसीमा तय की जाएगी।
  • कम औपचारिकताएँ: गवाहों की मौजूदगी और लंबी प्रक्रिया की जरूरत कम होगी, जिससे समय और मेहनत बचेगी।
  • कानूनी उम्र का पालन: वर-वधू की न्यूनतम उम्र (लड़के के लिए 21 और लड़की के लिए 18) का सख्ती से पालन होगा।

यह कानून उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक जैसे कई राज्यों में पहले से लागू है, और वहाँ यह जोड़ों के लिए सुविधाजनक साबित हुआ है। बिहार में भी इसे लागू करने से रजिस्ट्रेशन की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

नई प्रक्रिया कैसी होगी?

हिंदू मैरेज एक्ट के तहत विवाह निबंधन के लिए जोड़ों को निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:

  1. आवेदन पत्र: एक निर्धारित फॉर्म में आवेदन करना होगा, जिसमें उम्र, पहचान, और पते के प्रमाण (जैसे आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, या वोटर आईडी) जमा करने होंगे।
  2. शुल्क जमा: रजिस्ट्रेशन के लिए मामूली शुल्क देना होगा।
  3. सत्यापन: निबंधन अधिकारी आवेदन और दस्तावेजों की जाँच करेंगे।
  4. प्रमाणपत्र जारी: सत्यापन के बाद विवाह निबंधन प्रमाणपत्र तुरंत या कुछ ही दिनों में जारी कर दिया जाएगा।

यह प्रक्रिया न केवल तेज होगी, बल्कि पारदर्शी भी होगी, जिससे जोड़ों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

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अन्य धर्मों का क्या?

हिंदू मैरेज एक्ट लागू होने से मुस्लिम और अन्य धर्मों के विवाह निबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इन समुदायों के लिए पुरानी व्यवस्था (विशेष विवाह अधिनियम या अन्य नियम) लागू रहेगी। यह नया कानून खास तौर पर हिंदू, बौद्ध, जैन, और सिख समुदायों के लिए बनाया जा रहा है, ताकि उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुरूप रजिस्ट्रेशन हो सके।

कम रजिस्ट्रेशन की वजह

निबंधन अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था की जटिलता और लंबी प्रक्रिया के कारण लोग शादी रजिस्टर कराने से कतराते हैं। 30 दिन का नोटिस पीरियड, बार-बार दफ्तर जाना, और कागजी कार्रवाई की वजह से कई जोड़े इस प्रक्रिया को टाल देते हैं। इसके अलावा, जागरूकता की कमी भी एक बड़ी वजह है। हिंदू मैरेज एक्ट लागू होने से ये समस्याएँ कम होंगी, और लोग आसानी से अपनी शादी को कानूनी मान्यता दे सकेंगे।

बिहार सरकार की पहल

मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग इस कानून को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। विभाग ने नियमावली को अंतिम रूप दे दिया है, और अब इसे मंत्रिमंडल और विधानमंडल के सामने रखा जाएगा। सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल विवाह निबंधन को बढ़ावा देगा, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और महिलाओं के अधिकारों को भी मजबूत करेगा। रजिस्टर्ड शादी होने से संपत्ति विवाद, तलाक, या अन्य कानूनी मामलों में जोड़ों को आसानी होगी।

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क्या होगा असर?

हिंदू मैरेज एक्ट लागू होने से बिहार में शादी रजिस्ट्रेशन की संख्या में बड़ा उछाल आने की उम्मीद है। यह जोड़ों के लिए समय और पैसे की बचत करेगा। साथ ही, यह कानून सामाजिक जागरूकता को बढ़ाएगा और लोगों को अपनी शादी को कानूनी रूप से मान्यता देने के लिए प्रोत्साहित करेगा। बिहार सरकार का यह कदम उन लाखों जोड़ों के लिए राहत की खबर है, जो जटिल प्रक्रियाओं के कारण रजिस्ट्रेशन से बचते हैं।

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