आंटी को बनाया प्रेमिका, पंचायत में पति के सामने भरी मांग: वैशाली की अनोखी लव स्टोरी

Aunty Love Affair: वैशाली के चकसिकंदर मंसूरपुर गाँव में तीन बच्चों की माँ पारो देवी और उनके प्रेमी रूपेश राम को गाँववालों ने आपत्तिजनक हालत में पकड़ा। रूपेश ने पंचायत बुलाकर पारो की मांग में सिंदूर भरा और उसे पत्नी बनाया। पारो के पति रमेश ने बिना विरोध सहमति दी, लेकिन बच्चों का...

Samvadika Desk
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AI जनित प्रतीकात्मक इमेज
Highlights
  • वैशाली में युवक ने “आंटी” को बनाया प्रेमिका, पंचायत में पति के सामने भरी मांग!
  • पति रमेश ने बिना विरोध दी सहमति, बच्चों को रखने की जताई इच्छा!
  • रूपेश का दावा: पारो का सबसे छोटा बेटा मेरा, तीनों को अपनाऊँगा!

वैशाली, बिहार: बिहार के वैशाली जिले में एक हैरान करने वाली प्रेम कहानी ने सबको चौंका दिया। चकसिकंदर मंसूरपुर गाँव में एक युवक ने तीन बच्चों की माँ, जिसे वह “आंटी” कहता था, को अपनी प्रेमिका बना लिया। 29 मई 2025 को जब गाँववालों ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा, तो युवक ने खुद पंचायत बुलाई और प्रेमिका की मांग में सिंदूर भर दिया। महिला के पति ने बिना विरोध के इसे स्वीकार किया और बच्चों को अपने पास रखने की बात कही। यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।

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प्रेम प्रसंग का खुलासा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैशाली के चकसिकंदर मंसूरपुर गाँव में पारो देवी, जो तीन बच्चों की माँ हैं, का रूपेश राम के साथ पिछले दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। रूपेश, जो पारो को रिश्ते में “आंटी” कहता था, का घर पारो के घर से महज आधा किलोमीटर दूर है। दोनों की मुलाकात तीन साल पहले हुई, और धीरे-धीरे उनकी नजदीकियाँ बढ़ गईं। 29 मई 2025 की रात गाँववालों ने पारो और रूपेश को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया, जिसके बाद हंगामा मच गया।

पंचायत में अनोखा फैसला

हंगामे के बाद रूपेश ने खुद पंचायत बुलाने का फैसला किया। पंचायत में पारो का पति रमेश राम भी मौजूद था। रूपेश ने सबके सामने पारो की मांग में सिंदूर भरकर उसे अपनी पत्नी घोषित कर दिया। इस दौरान रमेश ने कोई विरोध नहीं किया। उसने कहा, “मुझे इस शादी से कोई आपत्ति नहीं। पारो अपने प्रेमी के साथ रहे, लेकिन बच्चे मेरे पास रहेंगे।” पंचायत के बाद रूपेश, पारो का हाथ थामकर उसे अपने घर ले गया।

पति की प्रतिक्रिया

रमेश राम ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया कि रूपेश का पारो के साथ अफेयर दो साल से चल रहा था। उन्होंने कहा, “रूपेश पहले भी कई महिलाओं को प्रेम जाल में फँसा चुका है। मेरी पत्नी से उसकी मुलाकात तीन साल पहले हुई थी। अब उसने पंचायत में मांग भर दी, तो मैंने उसे खुशी-खुशी विदा कर दिया।” रमेश ने यह भी कहा कि उनका परिवार आर्थिक रूप से कमज़ोर है, लेकिन वे अपने बच्चों को खुद पालना चाहते हैं।

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प्रेमी का दावा

रूपेश राम ने स्वीकार किया कि उसका पारो के साथ दो साल से प्रेम संबंध था। उसने बताया, “पारो रिश्ते में मेरी आंटी लगती है। मैंने उसे 20-30 हज़ार रुपये और कई सामान दिए, क्योंकि रमेश इतना कमा नहीं पाता।” रूपेश ने दावा किया कि पारो के तीन बच्चों में सबसे छोटा बेटा उसका है। वह तीनों बच्चों को अपने पास रखना चाहता है, लेकिन इस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

बच्चों का भविष्य अधर में

पारो ने पंचायत में खुलासा किया कि उसका सबसे छोटा बेटा रूपेश का है। इस बात पर रूपेश ने भी सहमति जताई। हालांकि, बच्चों के भविष्य को लेकर रमेश और रूपेश के बीच सहमति नहीं बनी। रमेश बच्चों को अपने पास रखना चाहता है, जबकि रूपेश तीनों को अपनाने की बात कह रहा है। यह मुद्दा अभी अनसुलझा है और गाँव में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

गाँव में सनसनी

यह अनोखी प्रेम कहानी और पंचायत में हुई शादी ने चकसिकंदर मंसूरपुर में सनसनी मचा दी है। गाँववाले इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। रमेश के बलिदान और रूपेश के साहसिक कदम ने सभी को हैरान कर दिया। यह मामला न केवल प्रेम और विश्वास की नई परिभाषा गढ़ रहा है, बल्कि सामाजिक रीति-रिवाजों पर भी सवाल उठा रहा है।

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