चूरू: 11 साल की उम्र में जीजा से शादी, 10 साल बाद देवर संग फरार, अब पुलिस से सुरक्षा की गुहार

Churu News: राजस्थान के चूरू में एक लड़की की अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है। 11 साल की उम्र में जीजा से शादी हुई, लेकिन पति की हिंसा और दुखों से टूटकर वह अपने देवर से प्रेम कर बैठी और दोनों घर छोड़कर भाग गए। अब उन्हें परिवार से जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं, जिसके चलते उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। यह मामला बाल विवाह, जबरन शादी और समाज की कुरीतियों पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है।

Samvadika Desk
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पीड़िता ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। (सांकेतिक तस्वीर - संवादिका)
Highlights
  • 11 साल में जीजा से शादी, 10 साल बाद देवर संग फरार!
  • पति की हिंसा से तंग आई पत्नी को मिला देवर में सहारा।
  • बाल विवाह से शुरू हुई जिंदगी, लिव-इन पर पहुँची।
  • प्यार, इज्जत और सुरक्षा की खोज में कविता का विद्रोह।
  • पुलिस से माँगी सुरक्षा, डर में जी रहे हैं प्रेमी जोड़े।

चूरू, राजस्थान: राजस्थान के चूरू जिले से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जो रिश्तों की उलझनों और सामाजिक दबावों की दर्दनाक हकीकत बयां करती है। 23 साल की कविता (बदला हुआ नाम) की शादी महज 11 साल की उम्र में उसके जीजा विजय (बदला हुआ नाम) से कर दी गई थी। यह शादी उसकी बड़ी बहन की मौत के बाद उसकी ढाई साल की बेटी की देखभाल के लिए की गई थी। लेकिन शादीशुदा जिंदगी में कविता को सिर्फ दुख और हिंसा मिली। 10 साल बाद उसका दिल अपने देवर अजय (बदला हुआ नाम) पर आ गया, और दोनों घर छोड़कर फरार हो गए। अब उन्हें परिवार से जान की धमकियाँ मिल रही हैं, जिसके चलते कविता और अजय ने चूरू पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

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बचपन में बंधन, जिंदगी बनी नरक

कविता की कहानी दिल दहलाने वाली है। जब वह छोटी थी, तब उसकी बड़ी बहन की असमय मृत्यु हो गई। बहन के ढाई साल के बच्चे की देखभाल के लिए परिवार ने कविता की शादी उसके जीजा विजय से कर दी। उस वक्त कविता की उम्र महज 11 साल थी, जबकि विजय उससे कहीं बड़ा था। परिवार का मकसद बच्चे की परवरिश था, लेकिन इस फैसले ने कविता की जिंदगी को दुखों के भँवर में धकेल दिया।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कविता ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद उसकी जिंदगी नरक बन गई। विजय शराब का आदी था और रोज़ शराब पीकर उसे मारता-पीटता था। उसे न तो पति का प्यार मिला और न ही सम्मान। सास शारदा (बदला हुआ नाम) भी उसे ताने मारती थी और घर में उसका कोई वजूद नहीं था। कविता का कहना है कि यह शादी उसकी मर्जी के खिलाफ जबरन की गई थी, और उसने कभी विजय को पति के रूप में स्वीकार नहीं किया।

देवर बना सहारा, प्यार में बदली दोस्ती

इसी दुख और तनाव के बीच कविता को अपने देवर अजय से भावनात्मक सहारा मिला। अजय, जो एक दिहाड़ी मजदूर है, कविता के दर्द को समझता था। दोनों के बीच पहले दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। वे घंटों फोन पर बातें करते, एक-दूसरे का दुख बाँटते। कविता के लिए यह रिश्ता एक नई उम्मीद बनकर आया।

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आखिरकार, 13 फरवरी 2025 को कविता ने अपने 10 साल पुराने दुखद वैवाहिक जीवन को पीछे छोड़ने का फैसला किया। वह घर से देवर संग फरार हो गई। दोनों ने करीब ढाई महीने तक देश के अलग-अलग हिस्सों में समय बिताया। कभी गुरुग्राम में रुके, तो कभी मंदिरों में शरण ली। इस दौरान वे एक-दूसरे के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहे, लेकिन उनकी यह नई शुरुआत आसान नहीं थी।

जान की धमकियाँ और पुलिस की शरण

कविता और अजय की प्रेम कहानी ने उनके परिवार को नाराज़ कर दिया। कविता का आरोप है कि उसका पति विजय और सास शारदा न केवल इस रिश्ते को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकियाँ भी दे रहे हैं। डर और असुरक्षा के बीच कविता और अजय ने चूरू के पुलिस अधीक्षक के सामने पेश होकर अपनी जान की हिफाजत की गुहार लगाई।

कविता ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी बचपन में जबरन की गई थी, और उसने कभी विजय को पति के रूप में स्वीकार नहीं किया। अब वह अपनी मर्जी से अजय के साथ जिंदगी बिताना चाहती है, लेकिन परिवार का गुस्सा और धमकियाँ उसे डरा रही हैं। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

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सामाजिक कुरीतियों का शिकार

कविता की कहानी केवल एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि यह समाज में व्याप्त बाल विवाह और जबरन शादी जैसी कुरीतियों की दुखद हकीकत भी बयां करती है। 11 साल की उम्र में शादी का बोझ उठाने वाली कविता को न तो बचपन जीने का मौका मिला और न ही अपनी पसंद की जिंदगी चुनने की आजादी। उसकी शादी का मकसद परिवार की ज़िम्मेदारी निभाना था, लेकिन इसने उसकी जिंदगी को दुखों से भर दिया।

विजय की शराब की लत और हिंसक व्यवहार ने कविता को और भी तोड़ दिया। ऐसे में अजय के साथ उसका रिश्ता न केवल एक प्रेम कहानी है, बल्कि यह उसकी आजादी और आत्मसम्मान की खोज भी है। लेकिन परिवार की धमकियाँ और सामाजिक दबाव इस जोड़े के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर रहे हैं।

सामाजिक और कानूनी सवाल

यह मामला कई गंभीर सवाल उठाता है। क्या बाल विवाह जैसी प्रथाएँ आज भी समाज में अपनी जड़ें बनाए हुए हैं? क्या परिवार का दबाव और ज़िम्मेदारियाँ किसी लड़की की ज़िंदगी को इस कदर बर्बाद कर सकती हैं? कविता का जबरन विवाह और उसका दुखद वैवाहिक जीवन इस बात का सबूत है कि समाज को इन कुरीतियों के खिलाफ और सख्ती से लड़ना होगा।

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कानूनी दृष्टिकोण से, कविता की शादी न केवल बाल विवाह थी, बल्कि यह उसकी सहमति के बिना की गई थी। अब उसका अजय के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना और परिवार से मिल रही धमकियाँ पुलिस के लिए एक जटिल मामला है। पुलिस को न केवल कविता और अजय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है, बल्कि इस मामले में कानूनी और सामाजिक संतुलन भी बनाना है।

प्यार, दुख और उम्मीद की कहानी

चूरू की यह प्रेम कहानी न केवल रिश्तों की उलझनों को दर्शाती है, बल्कि यह समाज में बदलाव की जरूरत को भी उजागर करती है। कविता की ज़िंदगी बचपन में जबरन शादी से शुरू हुई, जो हिंसा और दुखों से भरी रही। अजय के साथ उसका प्यार एक नई उम्मीद लेकर आया, लेकिन परिवार की धमकियाँ इस जोड़े के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।

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क्या कविता और अजय को अपनी पसंद की जिंदगी जीने का हक मिलेगा? क्या पुलिस उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगी? ये सवाल अभी अनुत्तरित हैं, लेकिन कविता की हिम्मत और उसका अपने लिए बेहतर जिंदगी चुनने का फैसला समाज के लिए एक प्रेरणा हो सकता है। यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि प्यार और आजादी के लिए लड़ना कितना जरूरी है, खासकर तब, जब समाज और परिवार की कुरीतियाँ रास्ते में बाधा बनें।

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