आरा, बिहार: बिहार के भोजपुर जिले के आरा में एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जहाँ एक युवक को उसकी भाभी के साथ कमरे में पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने मंदिर में उनकी शादी करा दी। चरपोखरी थाना क्षेत्र के कोयल गाँव में यह घटना हुई, जहाँ 24 वर्षीय दिलीप कुमार अपनी मौसेरी भाभी रानी के साथ ढाई साल से प्रेम-प्रसंग में था। पंचायत ने दोनों की शादी शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से करवाई, लेकिन शादी के दौरान दिलीप फूट-फूटकर रोता रहा, क्योंकि वह शादी से इनकार कर रहा था।
प्रेम-प्रसंग की शुरुआत
दिलीप कुमार, जो तरारी थाना क्षेत्र के देव चंदा गाँव का रहने वाला है, का रानी के साथ ढाई साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। रानी की शादी 27 फरवरी 2022 को दिलीप के मौसेरे भाई सोनू चौधरी से हुई थी। सोनू और दिलीप बचपन से एक साथ बड़े हुए थे, और रानी की शादी में दिलीप ने खुशी-खुशी नाचा भी था। शादी के बाद रानी अपने ससुराल में रहने लगी। शुरुआती तीन-चार महीने सब ठीक रहा, लेकिन जल्द ही दिलीप और रानी के बीच नजदीकियाँ बढ़ने लगीं। जब भी सोनू घर पर नहीं होता, दिलीप रानी के पास समय बिताने लगता। दो महीने तक यह सिलसिला चला, और दोनों का प्रेम इतना गहरा गया कि वे एक-दूसरे के बिना रह नहीं पाते थे।
पति ने पकड़ा रंगे हाथ
छह महीने पहले रानी के पति सोनू को दोनों के रिश्ते की भनक लगी। उसने दिलीप और रानी को रंगे हाथ पकड़ लिया, जिसके बाद दोनों के बीच जमकर कहासुनी हुई। दिलीप ने रानी से वादा किया कि वह उसे हर सुख देगा, जो एक पति देता है। इसके बाद रानी अपने मायके कोयल गाँव चली गई। दिलीप चोरी-छिपे रानी से मिलने कोयल गाँव आने लगा। लेकिन जब रानी ने शादी की बात उठाई, तो दिलीप टालमटोल करने लगा और शादी से इनकार करने लगा।
ग्रामीणों ने पकड़ा, पंचायत बुलाई
हाल ही में रानी ने दिलीप को फिर से अपने मायके बुलाया। दोनों एक कमरे में बात कर रहे थे, तभी ग्रामीणों को इसकी खबर लगी। उन्होंने रानी के घर पहुँचकर दरवाजा खुलवाया और दिलीप को संदिग्ध स्थिति में पकड़ लिया। हंगामा मच गया, और गाँव में पंचायत बुलाई गई। घंटों चले हाई-वोल्टेज ड्रामे के बाद ग्रामीणों और परिजनों ने आपसी सहमति से दिलीप और रानी की शादी कराने का फैसला किया। पंचायत ने कोयल गाँव के शिव मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से उनकी शादी करवा दी और एक सहमति-पत्र भी सौंपा।
शादी से इनकार, फिर भी बंधन में बँधा
शादी के दौरान दिलीप शादी से इनकार करता रहा। उसका कहना था कि रानी को अभी तलाक नहीं मिला है, तो वह शादी कैसे कर सकता है। दूसरी ओर, रानी का पति सोनू बोला, “मैं रानी को नहीं रखूँगा। अगर वह दिलीप से शादी करना चाहती है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं। उसे जहाँ खुशी मिले, वहीं रहे।” रानी ने साफ कहा कि वह दिलीप के साथ ही रहना चाहती है। पंचायत के दबाव में दिलीप को शादी के लिए मानना पड़ा, लेकिन शादी के समय वह फूट-फूटकर रोता रहा।
थाना प्रभारी का बयान
चरपोखरी थाना प्रभारी ने मीडिया रिपोर्टर को बताया कि यह मामला ग्रामीणों और पंचायत ने आपसी सहमति से सुलझा लिया है। दोनों की शादी मंदिर में कराई गई, और सहमति-पत्र भी बनाया गया। पुलिस को इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली, इसलिए कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई।
सामाजिक और नैतिक सवाल
यह घटना आरा के गाँवों में चर्चा का विषय बन गई है। पंचायत के इस फैसले ने जहाँ रानी और दिलीप को एक नया जीवन दिया, वहीं यह रिश्तों की जटिलता और सामाजिक दबाव को भी उजागर करता है। दिलीप का रोना और शादी से इनकार दिखाता है कि वह इस बंधन के लिए पूरी तरह तैयार नहीं था। यह मामला समाज से सवाल पूछता है कि क्या पंचायत का दबाव हमेशा सही होता है, और क्या प्रेम और शादी जैसे निजी फैसलों में सामाजिक हस्तक्षेप उचित है।