नालंदा में जयमाला के बाद टूटी शादी: दो रसगुल्लों ने खोली दूल्हे की पोल, दुल्हन ने ठुकराया रिश्ता

Bihar News: बिहार के नालंदा में एक शादी उस समय विवाद का कारण बन गई, जब जयमाला के दौरान दूल्हे की अजीब हरकत ने दुल्हन को सोचने पर मजबूर कर दिया। रसगुल्ला खाने के तरीके से उपजे संदेह ने शादी को वहीं रोक दिया। बिना किसी आरोप-प्रत्यारोप के यह मामला समाज में वैवाहिक पारदर्शिता और व्यक्तिगत निर्णय की अहमियत को सामने लाता है।

Samvadika Desk
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दूल्हे की हरकत देख दुल्हन ने शादी से किया इन्कार। (AI जनित प्रतीकात्मक इमेज)
Highlights
  • नालंदा में जयमाला के बाद दुल्हन ने तोड़ी शादी!
  • रसगुल्ला खाने के अंदाज़ ने उठाए दूल्हे पर सवाल!
  • दूल्हा बोला- “शादी मत तोड़ो”, पर जवाब नहीं बदला!
  • घटना ने शादी में पारदर्शिता पर फिर उठाए सवाल!

नालंदा, बिहार: बिहार के नालंदा जिले में एक शादी समारोह उस वक्त विवाद का केंद्र बन गया, जब जयमाला की रस्म के दौरान दूल्हे की एक हरकत ने उसकी मानसिक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए। दुल्हन ने तुरंत शादी से इनकार कर दिया और बारात को बिना दुल्हन के बैरंग लौटना पड़ा। यह घटना सिलाव थाना क्षेत्र के भुई गाँव की है, जहाँ दो रसगुल्लों ने दूल्हे की पोल खोल दी और दुल्हन ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा फैसला ले लिया।

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जयमाला में हुआ हंगामा

खबरों के मुताबिक, मामला बुधवार (8 मई 2025) रात का है, जब भुई गाँव में निशा (काल्पनिक नाम) के घर नूरसराय के झामावरा गाँव से विनीत कुमार रक्षक की बारात गाजे-बाजे के साथ पहुँची। बारातियों का जोरदार स्वागत हुआ, और शादी की तैयारियाँ उत्साह के साथ चल रही थीं। जयमाला की रस्म शुरू हुई, और दुल्हन ने दूल्हे को वरमाला पहनाई। इसके बाद, परंपरा के अनुसार दोनों को मिठाई दी गई।

लेकिन यहीं से माहौल बदल गया। दूल्हे ने दोनों हाथों से रसगुल्ले उठाए और अजीब तरीके से खाने लगा। उसकी इस हरकत को देखकर दुल्हन सन्न रह गई। दूल्हे की असामान्य हरकतों ने दुल्हन को शक दिलाया कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। गुस्से में तमतमाई दुल्हन स्टेज से उतर गई और साफ शब्दों में कह दिया, “मैं यह शादी नहीं करूँगी।”

दूल्हे की गिड़गिड़ाहट भी बेकार

दूल्हे ने दुल्हन के सामने गिड़गिड़ाकर शादी को बचाने की कोशिश की। उसने कहा कि वह उसे छोड़कर न जाए, लेकिन दुल्हन अपने फैसले पर अडिग रही। दूल्हे के परिवार वालों ने भी दुल्हन और उसके परिजनों को मनाने की कोशिश की, लेकिन दुल्हन ने साफ इनकार कर दिया। आखिरकार, बारात को बिना दुल्हन के वापस लौटना पड़ा। इस घटना ने पूरे गाँव में चर्चा का माहौल बना दिया।

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दूल्हे की पोल कैसे खुली?

गाँव वालों के अनुसार, निशा की शादी विनीत कुमार रक्षक के साथ तय हुई थी। शादी की सारी तैयारियाँ पूरी थीं, और बारात का स्वागत भी शानदार तरीके से हुआ। लेकिन जयमाला के दौरान दूल्हे की हरकतों ने उसकी मानसिक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए। दोनों हाथों से रसगुल्ले खाने और उसका असामान्य व्यवहार देखकर दुल्हन को यकीन हो गया कि दूल्हा मानसिक रोगी है। दुल्हन ने तुरंत फैसला लिया कि वह इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाएगी।

परिवार का बयान: बेटी की जिंदगी बच गई

दुल्हन के परिवार ने इस घटना पर राहत की साँस ली। उन्होंने बताया कि जब रिश्ता तय हुआ था, तब दूल्हे के परिवार ने यह नहीं बताया कि वह मानसिक रोगी है। जयमाला के दौरान उसकी हरकतों ने सच्चाई सामने ला दी। परिवार ने कहा, “ऐन वक्त पर दूल्हे की पोल खुल गई, वरना हमारी बेटी की जिंदगी बर्बाद हो सकती थी। इस फैसले से हमारी बेटी का भविष्य सुरक्षित हुआ।”

संभावनाओं और सवालों के घेरे में यह घटना

इस घटना ने न सिर्फ समारोह के माहौल को अचानक बदल दिया, बल्कि कई नए सवाल भी खड़े किए। क्या दूल्हे का व्यवहार वास्तव में असामान्य था, या वह एक क्षणिक हिचकिचाहट या घबराहट थी? क्या ऐसे अवसरों पर हम सही मायने में किसी की मानसिक स्थिति का मूल्यांकन कर सकते हैं?

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दुल्हन द्वारा शादी से इनकार का फैसला उसकी व्यक्तिगत सोच और तत्काल अनुभव पर आधारित था। यह घटना दिखाती है कि विवाह जैसे निर्णयों में व्यक्ति की सहजता और आंतरिक भावनाओं की भूमिका कितनी बड़ी होती है। समाज को यह समझने की ज़रूरत है कि हर निर्णय के पीछे कई परतें होती हैं, जिन्हें एकतरफा नज़रिये से नहीं देखा जा सकता।

क्या कहती है कानूनी स्थिति

फिलहाल, इस मामले में कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं हुई है, जैसा कि खबरों से पता चलता है। लेकिन दुल्हन के परिवार ने दूल्हे के परिवार पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। अगर यह मामला कानूनी रूप लेता है, तो दूल्हे के परिवार को धोखाधड़ी या गलत जानकारी देने के लिए जवाबदेह ठहराया जा सकता है।

निर्णय और दृष्टिकोण का विषय

नालंदा की यह घटना जहां एक तरफ अचानक लिए गए फैसले को दर्शाती है, वहीं दूसरी तरफ यह भी दिखाती है कि रिश्तों में सिर्फ रस्मों की नहीं, आपसी समझ और सहजता की अहमियत होती है।

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यह कहना मुश्किल है कि घटना का मूल कारण क्या था — घबराहट, संकोच, मज़ाक या कोई गहरा मुद्दा — लेकिन यह ज़रूर स्पष्ट है कि शादी जैसे संबंध में दोनों पक्षों को मानसिक रूप से सहज और संतुष्ट महसूस करना जरूरी होता है। इस घटना ने उस भावनात्मक परत को सामने लाया, जिसे अक्सर शादी के शोर में अनदेखा कर दिया जाता है।

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