लखनऊ, उत्तर प्रदेश: भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे रिंकू सिंह जल्द ही नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने उन्हें बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली 2022 के तहत उनकी नियुक्ति का आदेश जारी हो चुका है। अलीगढ़ के इस साधारण परिवार से निकले क्रिकेटर की यह उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा बन रही है।
रिंकू सिंह का शानदार सफर
जानकारी के अनुसार, रिंकू सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ में एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके पिता खानचंद्र गैस सिलिंडर वितरण का काम करते थे, और रिंकू ने भी बचपन में इस काम में उनका साथ दिया। गरीबी और चुनौतियों से जूझते हुए उन्होंने क्रिकेट में अपनी जगह बनाई। डीपीएस मैदान पर आयोजित इंटरनेशनल स्कूली विश्वकप में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब जीतकर उन्होंने पहली बार सुर्खियाँ बटोरीं। इसके बाद उनका क्रिकेट करियर तेजी से ऊँचाइयों पर चढ़ा।
रिंकू ने आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए 2023 में शानदार प्रदर्शन कर देशभर में चर्चा बटोरी। उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी ने उन्हें भारतीय टी-20 और एकदिवसीय टीम में जगह दिलाई। हाल ही में आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में केकेआर ने उन्हें 13 करोड़ रुपये में रिटेन किया, जो उनकी प्रतिभा का प्रमाण है।
शिक्षा विभाग में नई जिम्मेदारी
बेसिक शिक्षा विभाग ने रिंकू सिंह को उनकी खेल उपलब्धियों के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्त करने का फैसला किया है। यह नियुक्ति 2022 की सीधी भर्ती नियमावली के तहत होगी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का अवसर देती है। विभाग ने इसकी औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है, और जल्द ही रिंकू इस नई भूमिका में दिखाई देंगे।
निजी जीवन में व्यस्तता
रिंकू सिंह की हाल ही में समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज के साथ सगाई हुई थी। लखनऊ में आयोजित इस समारोह में खेल और राजनीति जगत की कई हस्तियाँ शामिल हुईं। उनकी शादी 18 नवंबर 2025 को वाराणसी में होने वाली थी, लेकिन घरेलू क्रिकेट में व्यस्तता के कारण यह कार्यक्रम टल गया। चर्चाओं के मुताबिक, रिंकू के परिवार द्वारा शादी की नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी।
प्रेरणा और सामाजिक प्रभाव
रिंकू सिंह की कहानी मेहनत और लगन का प्रतीक है। एक साधारण परिवार से निकलकर क्रिकेट के मैदान पर चमकने और अब शिक्षा विभाग में अधिकारी बनने की उनकी यात्रा युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। यह नियुक्ति न केवल उनके लिए सम्मान है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि खेल और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले युवाओं को समाज में कैसे महत्व मिल रहा है। सवाल उठता है कि क्या ऐसी पहल अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित करेगी? रिंकू की यह नई पारी निश्चित रूप से चर्चा का विषय बनी रहेगी।