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मैनपुरी, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में शनिवार रात एक नाबालिग किशोरी की शादी उस समय रुक गई, जब पुलिस और बाल कल्याण समिति की टीम मौके पर पहुँचकर बारात को वापस लौटा दिया। दुल्हन शादी के जोड़े में सज-धजकर तैयार थी, और बारात जनवासे (Janwasa) तक पहुँच चुकी थी, लेकिन बाल विवाह की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने शादी को रोक दिया। दूल्हा पक्ष ने स्थिति समझकर बारात वापस ले जाने का फैसला किया, और दूल्हा बिना दुल्हन के लौट गया।
कन्नौज से आई थी बारात
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र के एक गाँव में हुई। गाँव के एक व्यक्ति अपनी नाबालिग बेटी की शादी कन्नौज के एक परिवार के साथ तय कर चुके थे। शनिवार रात को कन्नौज से बारात गाँव पहुँची थी, और शादी की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही थीं। लेकिन इस बीच किसी ने इस बाल विवाह की जानकारी चाइल्ड केयर हेल्पलाइन (Child Care Helpline) और जिला बाल कल्याण समिति (District Child Welfare Committee) को दे दी। सूचना मिलते ही दोनों संगठनों ने त्वरित कार्रवाई की।
पुलिस और बाल कल्याण समिति की सक्रियता
चाइल्ड केयर हेल्पलाइन के जिला कोऑर्डिनेटर राजीव कुमार, बाल कल्याण समिति के सदस्य वेद प्रकाश शुक्ला, प्रशांत शर्मा, जयचंद्र, और बेवर थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह पुलिस बल के साथ गाँव पहुँचे। उस समय बारात जनवासे में प्रवेश कर चुकी थी, और शादी की रस्में शुरू होने वाली थीं। पुलिस ने दूल्हे के पिता और अन्य परिजनों को समझाया कि बाल विवाह करना और करवाना कानूनन अपराध (Child Marriage Offense) है। इसके दुष्परिणामों के बारे में बताने के बाद दूल्हा पक्ष सहमत हो गया और बारात को वापस कन्नौज ले गया।
किशोरी के परिजनों को चेतावनी
पुलिस और बाल कल्याण समिति ने किशोरी के परिजनों को बाल विवाह के सामाजिक और कानूनी नुकसानों के बारे में विस्तार से बताया। उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि किशोरी के बालिग होने तक उसकी शादी नहीं की जाएगी। दोनों पक्षों से इस संबंध में लिखित सहमति (Written Agreement) ली गई, जिसके बाद किशोरी के परिजनों ने बाल विवाह न करने का वादा किया। इस तरह प्रशासन ने बाल विवाह को सफलतापूर्वक रोक लिया।
बाल कल्याण समिति के सामने होगी पेशी
चाइल्ड केयर हेल्पलाइन के जिला कोऑर्डिनेटर राजीव कुमार ने बताया कि सही समय पर सूचना मिलने के कारण इस बाल विवाह को रोका जा सका। उन्होंने कहा कि किशोरी को मंगलवार को जिला बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा, ताकि उसकी सुरक्षा और भविष्य के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। राजीव ने यह भी बताया कि उनकी टीम बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लगातार काम कर रही है।
सामाजिक जागरूकता की जरूरत
यह घटना मैनपुरी में बाल विवाह के खिलाफ प्रशासन की सक्रियता को दर्शाती है। स्थानीय लोग इस कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह की प्रथा को पूरी तरह खत्म करने के लिए और जागरूकता की जरूरत है। पुलिस और बाल कल्याण समिति ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अन्य परिवारों को भी चेतावनी दी है कि बाल विवाह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।