प्रयागराज में जयमाल पर बिगड़ा खेल: दूल्हे की शरारत से टूटी शादी, दुल्हन ने ठुकराया रिश्ता

UP News: प्रयागराज के एक शादी समारोह में जयमाल के वक्त दूल्हे ने मज़ाक में कुछ ऐसा कह दिया, जिससे दुल्हन भड़क गई और शादी से इनकार कर दिया। दुल्हन पक्ष ने दहेज की माँग और मानसिक अस्थिरता का आरोप लगाते हुए रिश्ता तोड़ दिया। दूल्हा पक्ष ने इसे हल्का मज़ाक बताया, लेकिन शादी टूट गई और बारात बिना दुल्हन के लौट गई।

Samvadika Desk
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प्रतीकात्मक इमेज
Highlights
  • प्रयागराज में जयमाल पर टूटी शादी, दूल्हे की शरारत बनी वजह!
  • बारात लौटी खाली हाथ, शादी रद्द होने से मचा हड़कंप!
  • एक शरारत ने उजाड़ा मंडप, लोग बोले - गंभीरता ज़रूरी है!

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक शादी समारोह उस वक्त विवाद का केंद्र बन गया, जब जयमाल (Jaimala Ceremony) के दौरान दूल्हे की शरारत दुल्हन को नागवार गुज़री। दूल्हे ने अपनी जन्मतिथि गलत बताकर मज़ाक करने की कोशिश की, लेकिन दुल्हन ने इसे गंभीरता से लिया और शादी से इनकार कर दिया। दुल्हन के परिवार ने दूल्हे को मानसिक रूप से अस्वस्थ (Mentally Unstable) बताते हुए दहेज की माँग का भी आरोप लगाया। दूसरी ओर, दूल्हा पक्ष ने इसे महज़ मज़ाक बताया, लेकिन सारी कोशिशों के बावजूद शादी टूट गई, और बारात को बिना दुल्हन के लौटना पड़ा।

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जयमाल पर शुरू हुआ विवाद

जानकारी के मुताबिक, मेजा तहसील के अकबर शाहपुर गाँव में शुक्रवार को रामसागर कुशवाहा की बेटी पिंकी की शादी का समारोह चल रहा था। बारात का स्वागत-सत्कार और द्वारचार (Dwarachar Ceremony) की रस्में पूरी होने के बाद जयमाल का समय आया। दूल्हा स्टेज पर पहुँचा, और दुल्हन की सहेलियाँ उससे हँसी-मज़ाक करने लगीं। इसी दौरान एक सहेली ने दूल्हे से उसकी जन्मतिथि पूछी। दूल्हे ने जवाब में अपनी जन्मतिथि 2025 बताई, जो स्पष्ट रूप से गलत और असंभव थी।

यह सुनते ही दुल्हन भड़क गई। उसने जयमाल डालने से साफ इनकार कर दिया और स्टेज छोड़कर चली गई। दुल्हन के इस रुख से दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया। परिवारजनों और रिश्तेदारों ने उसे मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन दुल्हन अपने फैसले पर अड़ी रही। आखिरकार, समारोह रुक गया, और बारात को बिना शादी के लौटना पड़ा।

दुल्हन पक्ष के गंभीर आरोप

दुल्हन के भाई ने इस घटना के पीछे की वजह बताते हुए दूल्हा पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पिंकी उनके सात भाइयों की इकलौती बहन है, और उसकी शादी के लिए परिवार ने 11 लाख रुपये और एक बाइक समेत भारी खर्च किया था। लेकिन दूल्हे की हरकत और उसके पिता की ओर से बार-बार दहेज की माँग (Dowry Demands) ने उन्हें शादी तोड़ने पर मजबूर किया।

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उन्होंने दूल्हे को मानसिक रूप से अस्थिर बताते हुए कहा कि वह न तो मोबाइल चला पाता है, न बाइक चलाने में सक्षम है, और यहाँ तक कि अपनी सही जन्मतिथि भी नहीं बता सका। दुल्हन के भाई का कहना था कि ऐसी स्थिति में अपनी बहन का भविष्य दाँव पर नहीं डाला जा सकता।

दूल्हा पक्ष का बचाव

दूल्हा पक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उनका कहना था कि दूल्हे ने जन्मतिथि को लेकर सिर्फ मज़ाक किया था, और यह कोई गंभीर मसला नहीं था। उन्होंने दुल्हन के परिवार को समझाने की कोशिश की और शादी को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया। दूल्हा पक्ष के मुताबिक, दुल्हन का परिवार छोटी-सी बात को अनावश्यक रूप से तूल दे रहा था। लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम रहीं, और बारात को मायूस होकर लौटना पड़ा।

परंपरा, मज़ाक और मर्यादा की सीमा

यह घटना भारतीय शादियों में हँसी-मज़ाक और रस्मों की सीमाओं को उजागर करती है। जयमाल के दौरान हल्का-फुल्का मज़ाक आम है, लेकिन इस मामले में दूल्हे की शरारत ने गलत संदेश दिया। दुल्हन के लिए यह न केवल अपमान का विषय था, बल्कि दूल्हे की गंभीरता पर सवाल उठाने का कारण भी बना।

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दहेज की माँग का आरोप इस घटना को और जटिल बनाता है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में दहेज एक गंभीर सामाजिक बुराई है, और इस तरह के विवाद अक्सर शादियों में तनाव का कारण बनते हैं। दुल्हन के परिवार का दूल्हे को मानसिक रूप से अस्थिर बताना भी इस मामले को संवेदनशील बनाता है, क्योंकि यह दूल्हे की प्रतिष्ठा (Social Reputation) पर सवाल उठाता है।

कानूनी और सामाजिक पहलू

इस घटना में अभी तक कोई औपचारिक पुलिस शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन दहेज के आरोप गंभीर हैं। दहेज निषेध अधिनियम, 1961 (Dowry Prohibition Act) के तहत ऐसी माँगें अवैध हैं, और अगर दुल्हन पक्ष शिकायत दर्ज करता है, तो दूल्हा पक्ष को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

साथ ही, यह घटना समाज में शादी से पहले पारदर्शिता और आपसी समझ की ज़रूरत को रेखांकित करती है। दूल्हे की मानसिक स्थिति पर सवाल उठना एक संवेदनशील मुद्दा है, और दोनों पक्षों के दावों की सत्यता की जाँच ज़रूरी है।

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एक छोटी शरारत का बड़ा नुकसान

प्रयागराज के अकबर शाहपुर में जयमाल के दौरान टूटी यह शादी एक छोटी-सी शरारत के बड़े परिणामों की कहानी है। दूल्हे का मज़ाक दुल्हन को अपमानजनक लगा, और दहेज के आरोपों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। यह घटना न केवल दोनों परिवारों के लिए दुखद रही, बल्कि यह समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि शादी जैसे पवित्र बंधन में विश्वास और सम्मान कितना ज़रूरी है। बारात के बिना दुल्हन के लौटने और दुल्हन के परिवार की निराशा ने इस कहानी को एक दुखद मोड़ दे दिया।

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