RCB vs LSG: IPL 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के बीच मंगलवार, 27 मई 2025 को खेले गए मैच में मांकडिंग को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया। LSG के गेंदबाज दिग्वेश राठी ने RCB के कप्तान जितेश शर्मा को नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रन-आउट की कोशिश की, लेकिन LSG कप्तान ऋषभ पंत ने अपील वापस ले ली। इस फैसले पर दिग्गज गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने कड़ी नाराजगी जताई और इसे गेंदबाज का “खुला अपमान” करार दिया। अश्विन ने कहा कि पंत का यह कदमे दिग्वेश जैसे गेंदबाजों का मनोबल तोड़ता है।
17वें ओवर में क्या हुआ?
यह घटना LSG और RCB के बीच बेंगलुरु में खेले गए IPL 2025 के एक रोमांचक मुकाबले के 17वें ओवर में हुआ। LSG के युवा गेंदबाज दिग्वेश राठी ने देखा कि नॉन-स्ट्राइकर छोर पर जितेश शर्मा क्रीज से बाहर खड़े हैं।। दिग्वेश ने तुरंत बेल्स गिराकर रन-आउट की अपील की। रिप्ले में दिखा कि जितेश क्रीज से बाहर थे, लेकिन दिग्वेश का डिलीवरी स्ट्राइड पूरा हो चुका था, जिसके कारण थर्ड अंपायर ने जितेश को नॉट आउट दिया।
लेकिन असली विवाद तब शुरू हुआ, जब LSG के कप्तान ऋषभ पंत ने अपील को वापस लेने का फैसला किया। पंत के इस कदम को खेल भावना के तौर पर देखा गया, और जितेश ने मैदान पर आकर पंत को गले लगाया। लेकिन यह घटना अश्विन को बिल्कुल पसंद नहीं आई।
अश्विन का गुस्सा और तर्क
अपने यूट्यूब शो में रविचंद्रन अश्विन ने इस घटना पर खुलकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा, “जितेश शर्मा अगर गेंदबाज के डिलीवरी स्ट्राइड शुरू होने से पहले क्रीज से बाहर थे, तो उन्हें आउट दिया जा सकता था। दिग्वेश की अपील पूरी तरह वैध थी। तकनीकी रूप से जितेश आउट नहीं थे, क्योंकि दिग्वेश का फ्रंट फुट लैंड हो चुका था। लेकिन पंत का अपील वापस लेना गलत था।”
अश्विन ने पंत के फैसले को गेंदबाज के लिए अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा, “कप्तान का काम अपनी टीम, खासकर गेंदबाज का साथ देना है। लेकिन पंत ने करोड़ों दर्शकों के सामने दिग्वेश की अपील को खारिज कर दिया। यह गेंदबाज के लिए अपमान है। दिग्वेश मेरा दोस्त नहीं, न रिश्तेदार, मैं उसे जानता भी नहीं। लेकिन मैं यह कह रहा हूँ कि ऐसी हरकत गेंदबाज को अंदर तक तोड़ देती है। अब दिग्वेश शायद दोबारा मांकडिंग की कोशिश ही न करे।”
मांकडिंग का पुराना विवाद
मांकडिंग (नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रन-आउट) क्रिकेट में हमेशा से विवादास्पद रहा है। कुछ लोग इसे नियमों के दायरे में खेल भावना के खिलाफ मानते हैं, तो कुछ इसे बल्लेबाज की गलती का फायदा उठाने का जायज तरीका मानते हैं। अश्विन खुद मांकडिंग के पक्षधर रहे हैं और पहले भी कई बार इसे अंजाम दे चुके हैं। उनकी नजर में, यह गेंदबाज का हक है कि वह बल्लेबाज को क्रीज से बाहर निकलने की सजा दे।
अश्विन ने यह भी कहा कि कप्तान को गेंदबाज की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। “पंत ने खेल भावना दिखाने के चक्कर में अपने गेंदबाज को नीचा दिखाया। यह न सिर्फ दिग्वेश, बल्कि हर गेंदबाज के लिए गलत संदेश है।”
पंत का पक्ष और खेल भावना
पंत के फैसले को कई फैंस और विशेषज्ञों ने खेल भावना के तौर पर सराहा। उनका मानना था कि तकनीकी रूप से आउट न होने के बावजूद पंत ने अपील वापस लेकर खेल की गरिमा को बनाए रखा। जितेश का पंत को गले लगाना भी इस भावना का प्रतीक था। लेकिन अश्विन का मानना है कि यह उदारता गेंदबाज के आत्मविश्वास को ठेस पहुँचाती है।
क्रिकेट में बहस का नया मुद्दा
यह घटना IPL 2025 में मांकडिंग पर नई बहस छेड़ गई है। क्या कप्तान को खेल भावना के लिए अपने गेंदबाज की भावनाओं को नजरअंदाज करना चाहिए? क्या मांकडिंग को पूरी तरह स्वीकार कर लेना चाहिए, जैसा कि नियम अनुमति देते हैं? अश्विन के बयान ने इस बहस को और हवा दी है। उन्होंने साफ कहा कि गेंदबाज को अपील करने का पूरा हक है, और कप्तान को उसका समर्थन करना चाहिए।
मैच का हाल
LSG और RCB के बीच यह मुकाबला कई मायनों में चर्चा में रहा। हालाँकि, इस विवाद ने मैच के परिणाम को कुछ हद तक पीछे छोड़ दिया। LSG ने RCB को कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंत में RCB ने जीत हासिल की। जितेश शर्मा की कप्तानी में RCB ने इस सीजन में शानदार प्रदर्शन किया है, जबकि LSG को कुछ और जीत की जरूरत है। लेकिन इस मैच की सबसे बड़ी बात मांकडिंग विवाद रही, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को दो खेमों में बाँट दिया।