IPL 2025 Ended: क्रिकेट का मैदान, जहां हर शॉट, हर रणनीति, और हर कप्तानी का फैसला इतिहास बनाता है। श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने इस बार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में पंजाब किंग्स (Punjab Kings) को फाइनल तक पहुंचाकर साबित कर दिया कि वे न सिर्फ एक शानदार बल्लेबाज हैं, बल्कि एक ऐसे कप्तान भी हैं, जिनकी टीम इंडिया (Team India) को भविष्य में जरूरत पड़ सकती है। भले ही वे मंगलवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ IPL फाइनल में 6 रनों से हार गए, लेकिन उनकी कप्तानी और जज्बे ने क्रिकेट जगत को बता दिया कि वे बड़े मंच के लिए तैयार हैं। हालांकि, इंग्लैंड दौरे (England tour) के लिए भारतीय टेस्ट टीम (Indian Test team) में उनकी अनदेखी ने कई सवाल खड़े किए हैं। आइए, इस रोमांचक कहानी को करीब से देखें, जिसमें श्रेयस ने अपनी कप्तानी की छाप छोड़ी और भारतीय क्रिकेट के लिए नई राह खोली।
पिछले साल KKR, इस बार पंजाब किंग्स: कप्तानी का जादू
2024 में श्रेयस अय्यर ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को 10 साल के खिताबी सूखे से उबारकर IPL चैंपियन बनाया। लेकिन KKR ने उनकी रिटेंशन फीस (retention fee) की मांग को ठुकराकर उन्हें रिलीज कर दिया। यह KKR का नुकसान था, जो पंजाब किंग्स के लिए वरदान साबित हुआ। 30 साल के श्रेयस ने पंजाब किंग्स को एक ऐसा कप्तान दिया, जो संयम (composure) में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) और आक्रामकता (aggression) में विराट कोहली (Virat Kohli) का मिश्रण है। मुंबई के इस ‘बिंदास’ खिलाड़ी में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) जैसी बेफिक्री भी झलकती है।
श्रेयस की कप्तानी में पंजाब किंग्स ने इस सीजन में शानदार प्रदर्शन किया। वे फाइनल में पहुंचे, लेकिन RCB के खिलाफ 6 रनों से हार गए। इस हार के बावजूद श्रेयस का आत्मविश्वास (confidence) अडिग रहा। उन्होंने न सिर्फ अपनी बल्लेबाजी से योगदान दिया, बल्कि रणनीतिक फैसलों (strategic decisions) से भी टीम को मजबूत किया। उनकी कप्तानी में पंजाब किंग्स ने कई बार मुश्किल परिस्थितियों से वापसी की, जो उनकी लीडरशिप (leadership) की गहराई को दर्शाता है।
रिकी पोंटिंग का समर्थन: “वह हर मैच जीतना चाहता है”
पंजाब किंग्स के कोच और ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) ने श्रेयस की कप्तानी की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी। IPL प्लेऑफ से पहले ‘ICC रिव्यू’ में पोंटिंग ने कहा, “श्रेयस को भारतीय टेस्ट टीम में न चुना जाना मेरे लिए हैरान करने वाला था। लेकिन उन्होंने इस निराशा को शालीनता से स्वीकार किया और आगे बढ़ गए। उनकी आंखों में हर बार अच्छा प्रदर्शन करने की भूख दिखती है। वह हर मैच जीतना चाहता है और एक बेहतरीन कप्तान (world-class captain) बनना चाहता है।”
पोंटिंग और श्रेयस का रिश्ता पुराना है। 2017 में जब गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) की कप्तानी बीच सीजन में छोड़ी, तब पोंटिंग की सलाह पर ही श्रेयस को कप्तान बनाया गया। उनकी कप्तानी में दिल्ली 2020 में IPL फाइनल (IPL final) तक पहुंची, जो उस फ्रेंचाइजी की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। पोंटिंग का यह बयान सिर्फ एक कोच का अपने खिलाड़ी के लिए समर्थन नहीं, बल्कि श्रेयस की रणनीतिक प्रतिभा (strategic brilliance) का प्रमाण है।
KKR से पंजाब किंग्स तक: श्रेयस की कप्तानी का सफर
2024 में KKR की खिताबी जीत में श्रेयस की कप्तानी को उतना श्रेय नहीं मिला, जितना गंभीर की रणनीति को दिया गया। श्रेयस ने उस सीजन में निचले क्रम (lower order) में बल्लेबाजी की और टीम की जरूरतों को प्राथमिकता दी। लेकिन इस बार पंजाब किंग्स के साथ उन्होंने अपनी कप्तानी का लोहा मनवाया। दो अलग-अलग फ्रेंचाइजियों (franchises) को दो लगातार सीजन में फाइनल तक ले जाना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। यह उनकी रणनीतिक समझ (tactical acumen) और विभिन्न प्रबंधन (management) और खिलाड़ियों के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता को दर्शाता है।
श्रेयस ने इस सीजन में कई मास्टरस्ट्रोक (masterstrokes) दिखाए। गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) के खिलाफ उन्होंने वैशाक विजय कुमार (Vaisakh Vijay Kumar) से वाइड यॉर्कर (wide yorkers) डालने को कहा, जो बेहद कारगर साबित हुआ। क्वालिफायर-2 में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के खिलाफ उन्होंने वैशाक से नकल बॉल (knuckle ball) के साथ गति कम करने की रणनीति अपनाई, जिसने मुंबई की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया। पिच की परिस्थितियों (pitch conditions) को पढ़ने में उनकी बेजोड़ समझ ने पंजाब किंग्स को कई मौकों पर जीत दिलाई।
बल्लेबाजी में सुधार: अभिषेक नायर और प्रवीण आमरे का योगदान
श्रेयस की बल्लेबाजी में इस सीजन में जबरदस्त सुधार देखने को मिला। उनकी मेंटल स्ट्रेंग्थ (mental strength) को मजबूत करने में KKR के सहायक कोच अभिषेक नायर (Abhishek Nayar) और उनके बचपन के कोच प्रवीण आमरे (Pravin Amre) का बड़ा योगदान रहा। आमरे ने भारतीय टीम से बाहर रहने के दौरान श्रेयस के खेल पर कड़ी मेहनत की। उनके एक करीबी दोस्त ने बताया, “श्रेयस खाली समय में बल्ला लेकर काल्पनिक गेंदों (imaginary deliveries) पर शॉट्स का अभ्यास करते हैं। वे हर स्थिति के लिए खुद को तैयार रखते हैं।”
इस सीजन में क्वालिफायर-2 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ श्रेयस की नाबाद 87 रनों की पारी (unbeaten 87) ने उनकी बल्लेबाजी की गहराई को दिखाया। उन्होंने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि प्रियांश आर्य (Priyansh Arya) जैसे युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया और उन्हें स्वाभाविक खेल (natural game) खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। हालांकि, शशांक सिंह (Shashank Singh) के रन-आउट पर उनकी नाराजगी भी देखने को मिली, जो उनकी जीत की भूख को दर्शाती है।
“हम लड़ाई हारे हैं, युद्ध नहीं”
पहले क्वालिफायर में RCB से हार के बाद श्रेयस का बयान, “हम लड़ाई हारे हैं, युद्ध नहीं” (We lost the battle, not the war), सोशल मीडिया पर वायरल (viral) हो गया। इस बयान ने उनकी लड़ने की भावना (fighting spirit) को दर्शाया। क्वालिफायर-2 में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी से इस बयान को सही साबित किया। उनकी नाबाद 87 रनों की पारी ने पंजाब किंग्स को फाइनल में पहुंचाया, लेकिन फाइनल में RCB के खिलाफ 6 रनों की हार ने उनके गोल्डन इतिहास (golden history) को दोहराने से रोक दिया।
टीम इंडिया में अनदेखी: एक बड़ा सवाल
श्रेयस की कप्तानी और बल्लेबाजी के बावजूद उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली। यह फैसला न सिर्फ पोंटिंग, बल्कि कई क्रिकेट पंडितों (cricket pundits) के लिए हैरान करने वाला रहा। 50 ओवर के फॉर्मेट (ODI format) में श्रेयस एक शानदार बल्लेबाज हैं, और उनकी कप्तानी ने उन्हें रोहित शर्मा के बाद वनडे कप्तानी (ODI captaincy) के लिए मजबूत दावेदार बनाया है। T20 और टेस्ट फॉर्मेट में भी वे जल्द ही अपनी जगह पक्की कर सकते हैं।
दूसरी ओर, शुभमन गिल (Shubman Gill) को इंग्लैंड में कप्तानी की बड़ी चुनौती का सामना करना होगा। लेकिन 3 जून 2025 के बाद श्रेयस अय्यर को भारतीय क्रिकेट के सबसे बेहतरीन कप्तानों में गिना जाना चाहिए। उनकी रणनीतिक समझ, दबाव में संयम, और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने की क्षमता उन्हें खास बनाती है।
श्रेयस की कप्तानी की खासियत
श्रेयस की कप्तानी में कई खास बातें देखने को मिलीं:
- पिच को पढ़ने की समझ: उन्होंने पिच की परिस्थितियों को समझकर गेंदबाजों का सही इस्तेमाल किया। उदाहरण के लिए, काइल जेमीज़न (Kyle Jamieson) की ‘बैक ऑफ द लेंथ’ गेंदों का उपयोग उछाल कम होने वाली पिचों पर कारगर रहा।
- रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक: गुजरात टाइटंस और मुंबई इंडियंस के खिलाफ उनकी गेंदबाजी रणनीतियां (bowling strategies) ने विरोधी टीमों को बैकफुट पर धकेल दिया।
- युवाओं को प्रोत्साहन: प्रियांश आर्य जैसे युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करना और उन्हें आत्मविश्वास देना उनकी लीडरशिप का मजबूत पहलू है।
- दबाव में संयम: धोनी जैसा संयम और कोहली जैसी आक्रामकता का मिश्रण उन्हें एक संतुलित कप्तान बनाता है।
भविष्य का कप्तान?
श्रेयस अय्यर भले ही इस बार IPL ट्रॉफी (IPL trophy) जीतने से चूक गए, लेकिन उन्होंने साबित कर दिया कि वे एक ऐसे कप्तान हैं, जो टीम इंडिया के लिए बड़े मंच पर कमाल कर सकते हैं। उनकी रणनीतिक समझ, बल्लेबाजी, और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें रोहित शर्मा के बाद वनडे कप्तानी के लिए मजबूत दावेदार बनाया है। इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम में उनकी अनदेखी भले ही चर्चा का विषय हो, लेकिन श्रेयस ने अपने प्रदर्शन से बता दिया कि वे भारतीय क्रिकेट (Indian cricket) के भविष्य हैं।
पंजाब किंग्स के लिए यह सीजन ऐतिहासिक रहा, और श्रेयस की कप्तानी ने उन्हें क्रिकेट जगत में एक नई पहचान दी। उनका बयान, “हम लड़ाई हारे हैं, युद्ध नहीं,” न सिर्फ उनकी मानसिकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे अभी और बड़े युद्ध जीतने के लिए तैयार हैं।
(ये जानकारी आजतक की रिपोर्ट के पर आधार है।)