प्रेम विवाह की सजा: गर्भवती बहू को गौशाला में रख; सास ने जहर मिला मटन खिला कर की हत्या!

Jharkhand News: लोहरदगा में प्रेम विवाह करने वाली 8 महीने की गर्भवती महिला की रहस्यमयी मौत ने सनसनी फैला दी है। परिजन ससुराल पर जहर देकर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। ललिता को गोशाले में रखा गया था, और मौत से पहले उसने खुद बताया था कि सास ने उसे जहर मिला मटन खिलाया। पुलिस जांच जारी है।

Samvadika Desk
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प्रतीकात्मक इमेज - संवादिका
Highlights
  • प्रेम विवाह करने वाली गर्भवती बहू की संदिग्ध हालात में मौत!
  • ससुराल वालों पर जहर देकर हत्या का आरोप!
  • सास ने मटन में जहर मिलाकर खिलाया – परिवार का दावा
  • इंसाफ की मांग पर अड़े परिजन, पुलिस जांच शुरू

लोहरदगा, झारखंड: झारखंड के लोहरदगा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। कुडू थाना क्षेत्र में प्रेम विवाह करने वाली 8 महीने की गर्भवती ललिता कुमारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। ललिता के परिवार ने ससुराल वालों पर जहर देकर हत्या करने का गंभीर आरोप लगाया है। परिवार का दावा है कि सास ने ललिता को जहर मिला मटन खिलाया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी जान चली गई। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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प्रेम विवाह और ससुराल में प्रताड़ना

NBT की रिपोर्ट के अनुसार, ललिता कुमारी, जो कैरो थाना क्षेत्र की रहने वाली थी, अपनी पढ़ाई के लिए मामा के घर रहती थी। यहीं उसकी मुलाकात कुडू थाना क्षेत्र के पंडरा निवासी सूरज महतो से हुई। दोनों में प्यार हो गया, लेकिन सामाजिक दबाव और परिवार के डर से वे आंध्र प्रदेश भाग गए। बाद में परिजनों ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस बुलाया और उनकी शादी कर दी। लेकिन शादी के बाद ललिता की जिंदगी और मुश्किल हो गई।

ललिता के परिवार का आरोप है कि ससुराल में उसे लगातार प्रताड़ित किया गया। सूरज के परिवार को यह प्रेम विवाह मंजूर नहीं था। ललिता, जो 8 महीने की गर्भवती थी, को ससुराल में इंसानी सम्मान तक नहीं मिला। उसे रहने के लिए गाय और बैल के गोशाले में जगह दी गई, जो अपने आप में अमानवीय व्यवहार को दर्शाता है।

जहर मिले मटन का आरोप

घटना की रात को ललिता का पति सूरज किसी काम से बाहर गया था। परिवार का दावा है कि इसी दौरान ललिता की सास ने उसे मटन खिलाया। मटन खाने के बाद ललिता की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। रात भर उसकी हालत खराब रही, लेकिन उसे तुरंत अस्पताल नहीं ले जाया गया। सुबह एक स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया गया, लेकिन उसकी हालत और बिगड़ गई। आखिरकार, उसे कुडू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया

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ललिता के परिजनों का कहना है कि मटन में जहर मिलाया गया था। उन्होंने दावा किया कि मरने से पहले ललिता ने उन्हें बताया था कि सास ने जानबूझकर जहर मिला मटन खिलाया। परिवार का यह भी आरोप है कि ससुराल वाले ललिता के प्रेम विवाह से नाराज थे और उसे लगातार अपमानित करते थे।

पति का दावा: हार्ट अटैक से मौत

ललिता के पति सूरज महतो ने दावा किया कि उनकी पत्नी की मौत हार्ट अटैक से हुई है। लेकिन ललिता के परिवार ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि ललिता स्वस्थ थी और गर्भावस्था के दौरान उसकी कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। परिवार ने ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस जांच और सामाजिक पहलू

कुडू पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए लोहरदगा सदर अस्पताल भेजा, और मंगलवार को उसे परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो सकता है कि ललिता की मौत की असल वजह क्या थी

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यह भी सामने आया है कि ललिता महली समुदाय से थी, जबकि सूरज महतो समाज से। इस अंतर ने शायद ससुराल वालों की नाराजगी को और बढ़ाया हो। प्रेम विवाह और जातिगत अंतर जैसे मुद्दों ने इस मामले को और जटिल बना दिया है।

सामाजिक कुरीतियों का शिकार

दावों की रोशनी में, ललिता की यह दुखद कहानी समाज में प्रेम विवाह के प्रति बनी रूढ़ियों और ससुराल में बहुओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को उजागर करती है। प्रेम विवाह करने वाली लड़कियों को अक्सर सामाजिक और पारिवारिक दबाव का सामना करना पड़ता है। ललिता का मामला इस बात का सबूत है कि कई बार परिवार प्रेम विवाह को स्वीकार नहीं करता, और इसका खामियाजा युवतियों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है।

गाय के गोशाले में रहने की मजबूरी और गर्भवती होने के बावजूद अमानवीय व्यवहार ललिता के साथ हुए अन्याय को दर्शाता है। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या प्रेम विवाह को स्वीकार करने की मानसिकता अभी भी हमारे समाज में पूरी तरह विकसित नहीं हुई है।

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कानूनी और नैतिक सवाल

ललिता की मौत ने कई कानूनी और नैतिक सवाल खड़े किए हैं। अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहर की पुष्टि होती है, तो यह एक सुनियोजित हत्या का मामला बन सकता है। पुलिस की जांच और ससुराल वालों के खिलाफ कार्रवाई इस मामले की दिशा तय करेगी। साथ ही, यह सवाल भी उठता है कि गर्भवती महिला के साथ इस तरह का व्यवहार करने वाले परिवार को क्या सजा मिलेगी?

इंसाफ की उम्मीद

ललिता कुमारी की मौत न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज में प्रेम विवाह और महिलाओं के प्रति हिंसा के मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाती है। 8 महीने की गर्भवती ललिता को गाय के गोशाले में रखना और कथित तौर पर जहर देकर मारना एक जघन्य अपराध की ओर इशारा करता है। ललिता के परिवार की माँग है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए।

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पुलिस की जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इस मामले की सच्चाई सामने लाएगी। लेकिन यह साफ है कि ललिता की कहानी समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि प्रेम विवाह करने वाली लड़कियों को कब तक ऐसी सजा भुगतनी पड़ेगी। यह घटना हमें यह सिखाती है कि समाज को प्रेम विवाह के प्रति अपनी सोच बदलनी होगी, ताकि कोई और ललिता ऐसी दुखद नियति का शिकार न बने।

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