भिवानी, हरियाणा: हरियाणा के भिवानी जिले में एक सनसनीखेज भिवानी हत्याकांड ने सोशल मीडिया और पारिवारिक कलह के बीच अपराध की एक नई परत उजागर की है। 25 मार्च 2025 को, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और टीवी एक्ट्रेस रवीना राव केस में अपने यूट्यूबर प्रेमी सुरेश के साथ मिलकर पति प्रवीण की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या के बाद दोनों ने रात 2:30 बजे प्रवीण का शव बाइक पर लादकर 6 किलोमीटर दूर दीनोद रोड के एक ड्रेन में फेंक दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने CCTV फुटेज और कन्फेशन के आधार पर केस सुलझाया, लेकिन सुरेश का फरार होना जांच में एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस घटना ने न सिर्फ स्थानीय समुदाय को हिलाया, बल्कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव पर भी सवाल उठाए हैं।
पृष्ठभूमि: रवीना और प्रवीण का रिश्ता और शुरुआती जिंदगी
रवीना राव (32), रेवाड़ी जिले के जुड़ी गांव की रहने वाली, की शादी आठ साल पहले भिवानी के गुर्जरों की ढाणी निवासी प्रवीण (35) से धूमधाम से हुई थी। प्रवीण एक सैंड एंड ग्रेवल शॉप में ड्राइवर के तौर पर काम करते थे और शराब की लत से जूझ रहे थे, जैसा पुलिस जांच में स्थानीय लोगों ने बताया। दंपति का एक 6 साल का बेटा है, जो अब दादा सुबhash और चाचा संदीप के संरक्षण में है। शादी के शुरुआती सालों में दोनों के बीच प्यार और समझ थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, रवीना की जिंदगी में बदलाव आने लगे।
रवीना का झुकाव सोशल मीडिया और मनोरंजन की दुनिया की ओर बढ़ा। उसने इंस्टाग्राम पर दो अकाउंट्स बनाए, जिनमें से एक पर 34,000 से अधिक फॉलोअर्स थे। इसके अलावा, उसने हरियाणवी संस्कार चैनल के लोकप्रिय शो ‘धाकड़ सासु की धाकड़ बहु’ में अभिनय किया, जो एक पारिवारिक कॉमेडी नाटक है। यह जानकारी पुलिस पूछताछ और स्थानीय स्रोतों से मिली। रवीना के इन प्रयासों का मकसद फेमस होना था, जिसमें वह धीरे-धीरे सफल भी हो रही थी। लेकिन यह सफलता उसके पारिवारिक जीवन के लिए आफत बन गई। प्रवीण और उसके परिवार ने रवीना की इन गतिविधियों का विरोध शुरू कर दिया, खासकर जब वह देर रात तक शूटिंग या रील्स बनाने में व्यस्त रहती थीं।
प्रवीण की शराब की लत और रवीना की स्वतंत्रता की चाह ने रिश्ते में दरार डाल दी। प्रवीण अक्सर रवीना को रोक-टोक करते थे, जिससे घर में झगड़े आम हो गए। लगभग डेढ़ साल पहले, रवीना की मुलाकात हिसार के प्रेमनगर निवासी यूट्यूबर सुरेश से इंस्टाग्राम पर हुई। सुरेश ने रवीना को शॉर्ट फिल्मों में काम करने का ऑफर दिया, जो शुरुआत में प्रोफेशनल साझेदारी थी। लेकिन समय के साथ यह रिश्ता निजी हो गया, और दोनों एक-दूसरे के करीब आने लगे। यह नजदीकी प्रवीण के लिए खतरे की घंटी बन गई, जिसे उन्होंने शायद महसूस नहीं किया।
घटना का क्रम: हत्या से शव को ठिकाने लगाने तक
25 मार्च 2025 को दोपहर के समय प्रवीण घर लौटा और रवीना को सुरेश के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया। यह दृश्य प्रवीण के लिए झटका था, और इसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। पुलिस के अनुसार, गुस्से में रवीना ने दुपट्टे से प्रवीण का गला घोंट दिया, जिसमें सुरेश ने उसका साथ दिया। हत्या के बाद दोनों ने शव को छिपाने की साजिश रची। उन्होंने प्रवीण के शव को घर में एक कमरे में छिपाया और रात होने का इंतजार किया।
रात करीब 2:30 बजे, रवीना और सुरेश ने बाइक पर प्रवीण का शव लादकर 6 किलोमीटर दूर दीनोद रोड पर एक सुनसान ड्रेन तक पहुंचाया। उन्होंने शव को ड्रेन में फेंका और जल्दी से वापस लौट आए, ताकि किसी की नजर न पड़े। 28 मार्च को शव बरामद हुआ, जो सड़ा हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। आश्चर्यजनक रूप से, रवीना के परिवार ने प्रवीण के गायब होने की शिकायत नहीं की, जिससे संदेह और गहराया कि वे इस घटना से अवगत थे या इसमें शामिल हो सकते थे।
पुलिस की छानबीन: CCTV और कन्फेशन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने इस भिवानी हत्याकांड में CCTV फुटेज को मुख्य साक्ष्य बनाया। भिवानी पुलिस ने आसपास के इलाकों में लगे कैमरों की फुटेज की बारीकी से जांच की। एक फुटेज में एक बाइक पर तीन लोग दिखे—सुरेश हेलमेट पहने, रवीना मुंह ढके, और बीच में प्रवीण का शव। वापसी में बाइक पर सिर्फ दो लोग थे, जो शव गायब होने का स्पष्ट संकेत था। इस फुटेज ने पुलिस को रवीना तक पहुंचाया, और पूछताछ के दौरान वह टूट गई। रवीना ने हत्या की बात कबूल कर ली, और सुरेश ने भी अपना जुर्म स्वीकार किया, लेकिन वह मौके से भाग निकला।
पुलिस ने रवीना को गिरफ्तार कर लिया, और वह अब न्यायिक हिरासत में है। सुरेश की तलाश के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं, जो उसके ठिकाने का पता लगाने में जुटी हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला घोंटने की पुष्टि हुई, लेकिन हत्या के सटीक समय और तरीके को लेकर और जांच चल रही है। पुलिस ने रवीना के परिवार से भी पूछताछ की, लेकिन उनके चुप्पी साधने से मामले में नया मोड़ आ सकता है।
सामाजिक प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर बहस
इस भिवानी हत्याकांड के बाद जनता में गुस्सा और हैरानी है। स्थानीय लोग रवीना को कोस रहे हैं, और कई सोशल मीडिया क्राइम को इसके पीछे का कारण बता रहे हैं। कुछ का मानना है कि रील्स और फेमस होने की चाह ने रवीना को इस कदम तक पहुंचाया, जबकि अन्य उसकी खूबसूरती और शौक को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मेरठ के सौरभ हत्याकांड से तुलना की जा रही है, जहां मुस्कान ने प्रेमी के साथ पति की हत्या की थी। भिवानी में शव को ड्रेन में फेंकना और मेरठ में ड्रम में छिपाना तरीके में अंतर है, लेकिन दोनों मामलों में सोशल मीडिया की भूमिका समान रूप से चर्चा में है।
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने रवीना के इंस्टाग्राम अकाउंट को ट्रोल किया, जबकि अन्य ने ‘धाकड़ सासु की धाकड़ बहु’ जैसे शो को दोष दिया, जो रवीना की छवि से मेल नहीं खाती। यह बहस समाज में सोशल मीडिया के प्रभाव और पारिवारिक मूल्यों पर सवाल उठा रही है।
पुलिस और तकनीकी दृष्टिकोण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, CCTV की मदद से भिवानी पुलिस ने इस भिवानी हत्याकांड को तीन दिन में सुलझाया, जो तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल को दर्शाता है। पुलिस ने बताया कि फुटेज की जांच में कई घंटे लगे, और हर फ्रेम को गहराई से देखा गया। सुरेश का फरार होना जांच में बड़ी बाधा है, और पुलिस को उसके ठिकाने का कोई सुराग नहीं मिला है। इसके अलावा, रवीना के परिवार की चुप्पी ने पुलिस को और सतर्क किया है। परिवार के सदस्यों से पूछताछ जारी है, और संभावना जताई जा रही है कि वे इस घटना से अवगत हो सकते थे।
सांस्कृतिक प्रभाव और कानूनी प्रक्रिया
रवीना का ‘धाकड़ सासु की धाकड़ बहु’ में काम करना और फिर अपराधी बनना चौंकाने वाला पहलू है। यह दिखाता है कि सोशल मीडिया और टीवी फेम की चाह कैसे रिश्तों को प्रभावित कर सकती है। रवीना का किरदार, जो शो में हास्य और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक था, वास्तविक जीवन में एक अपराधी के रूप में सामने आया, जो सोचने पर मजबूर करता है। कानूनी रूप से, रवीना पर हत्या का मुकदमा दर्ज है, और सजा का फैसला कोर्ट तय करेगी। पुलिस के अनुसार, केस की सुनवाई जल्द शुरू हो सकती है, लेकिन सुरेश की गिरफ्तारी तक जांच अधूरी रहेगी।
यह सोशल मीडिया क्राइम का एक और उदाहरण है, जो समाज को इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित करता है। भिवानी पुलिस का कहना है कि वे इस तरह के मामलों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं, ताकि सोशल मीडिया का दुरुपयोग न हो।
नोट: यह रिपोर्ट हमारी जाँच, विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और उनमें दिए गए पुलिस बयानों पर आधारित है।