सवाई माधोपुर, राजस्थान: राजस्थान के सवाई माधोपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ ‘लुटेरी दुल्हन’ अनुराधा ने 7 महीनों में 25 शादियाँ रचाकर धोखाधड़ी की। हर शादी के कुछ दिन बाद वह जेवर, नकदी और सामान लेकर फरार हो जाती थी। मानटाउन थाना पुलिस ने चालाकी से जाल बिछाकर अनुराधा को भोपाल से गिरफ्तार किया। यह खुलासा हुआ कि वह एक फर्जी विवाह गिरोह का हिस्सा थी, जो शादी के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करता था। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है।
विष्णु शर्मा से शुरू हुआ खुलासा
मामला तब सामने आया जब सवाई माधोपुर के IHS कॉलोनी निवासी विष्णु शर्मा ने 3 मई 2025 को मानटाउन थाने में शिकायत दर्ज की। विष्णु ने बताया कि खण्डवा (मध्य प्रदेश) की सुनीता और खेडला के पप्पू मीना ने उसे मनपसंद दुल्हन से शादी करवाने का वादा किया। उन्होंने अनुराधा की तस्वीर दिखाई और संपर्क करवाया। 20 अप्रैल 2025 को सवाई माधोपुर कोर्ट में इकरारनामा तैयार हुआ, और विष्णु ने 2 लाख रुपये का भुगतान किया। शादी के बाद, 2 मई की रात अनुराधा जेवर, नकदी और मोबाइल लेकर फरार हो गई। इस शिकायत ने अनुराधा के काले कारनामों की पोल खोल दी।
पुलिस ने जाल बिछाकर पकड़ा
विष्णु की शिकायत के बाद मानटाउन थानाधिकारी ने एक विशेष टीम बनाई, जिसका नेतृत्व ASI मीठा लाल यादव ने किया। टीम को सूचना मिली कि अनुराधा भोपाल में छिपी है। ASI मीठा लाल पुलिस दल के साथ भोपाल पहुँचे और अनुराधा को पकड़ने के लिए चतुराई भरा जाल बिछाया। उन्होंने एक कांस्टेबल को फर्जी ग्राहक बनाकर अनुराधा के दलाल से संपर्क किया। दलाल ने कई महिलाओं की तस्वीरें दिखाईं, जिनमें अनुराधा भी थी। इसके बाद पुलिस ने मौके पर धावा बोलकर अनुराधा को गिरफ्तार कर लिया।
7 महीनों में 25 शादियाँ, हर 8वें दिन नया दूल्हा
जाँच में खुलासा हुआ कि अनुराधा ने 7 महीनों में लगभग 25 फर्जी शादियाँ कीं, यानी औसतन हर 8वें दिन वह नया दूल्हा चुनती थी। हर बार वह शादी के कुछ दिन बाद जेवर, पैसे और कीमती सामान लेकर फरार हो जाती थी। विष्णु के साथ ठगी के बाद उसने भोपाल के काला पीपल पन्ना खेडी में गब्बर नाम के व्यक्ति से 2 लाख रुपये लेकर फिर शादी रचाई और उसके साथ रह रही थी। पुलिस को शक है कि अनुराधा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, और अन्य राज्यों में भी कई लोगों को ठगा है, लेकिन सवाई माधोपुर में सिर्फ एक मामला दर्ज हुआ।
फर्जी विवाह गिरोह का पर्दाफाश
खबरों के मुताबिक, अनुराधा भोपाल में सक्रिय एक फर्जी विवाह गिरोह का हिस्सा थी, जिसमें रोशन, सुनीता, रघुवीर, गोलू, मजबूत सिंह यादव, और जुर्जन जैसे लोग शामिल थे। यह गिरोह स्थानीय दलालों के जरिए विवाह के इच्छुक लोगों से संपर्क करता था। वे मोबाइल पर लड़कियों की तस्वीरें दिखाते, 2 से 5 लाख रुपये की डील तय करते, और फर्जी दस्तावेजों के साथ शादी करवाते। शादी के बाद ‘लुटेरी दुल्हन’ मौका पाकर जेवर और नकदी लेकर गायब हो जाती। अनुराधा इस गिरोह की मुख्य किरदार थी, जो बार-बार अलग-अलग शहरों में ठगी करती थी।
पुलिस की जाँच और अगले कदम
मानटाउन थाना पुलिस अब अनुराधा से गहन पूछताछ कर रही है ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके ठिकानों का पता लगाया जा सके। ASI मीठा लाल ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया कि अनुराधा के मोबाइल और बैंक खातों की जाँच की जा रही है, जिससे ठगी की रकम और उसके लेनदेन का खुलासा हो सके। पुलिस को शक है कि इस गिरोह ने कई राज्यों में सैकड़ों लोगों को निशाना बनाया होगा। सवाई माधोपुर पुलिस ने भोपाल पुलिस से भी संपर्क किया है ताकि गिरोह के स्थानीय दलालों को पकड़ा जा सके।
सामाजिक शर्मिंदगी और सबक
यह मामला न केवल ठगी की एक बड़ी वारदात है, बल्कि उन लोगों के लिए सबक भी है जो बिना जाँच-पड़ताल के अजनबियों पर भरोसा कर लेते हैं। विष्णु जैसे कई पीड़ितों ने अपनी जिंदगी की कमाई गँवा दी, और सामाजिक शर्मिंदगी भी झेली। यह घटना दर्शाती है कि फर्जी विवाह रैकेट कितने संगठित तरीके से काम करते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि शादी के लिए किसी भी दलाल पर आँख मूँदकर भरोसा न करें और दस्तावेजों की जाँच जरूर करें।