अलीगढ़, यूपी: अलीगढ़ की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक, एक सवाल गूँज रहा है—सास-दामाद कहाँ गायब हैं? 6 अप्रैल 2025 को राहुल अपनी होने वाली सास अनिता देवी को लेकर फरार हो गया था, और अब उसका एक बयान सामने आया है, जो रिश्तों की परिभाषा को चुनौती देता है। “जब मेरी सास ही नहीं रही, तो मैं क्यों लौटूँ?” राहुल ने अपने पिता से कहा। यह बयान न सिर्फ़ परिवार को हिलाकर रख गया, बल्कि रिश्तों का टूटना और बदलना भी उजागर करता है।
पिछली कहानी: 6 अप्रैल का हादसा
पिछले हफ्ते अलीगढ़ के मडराक थाना क्षेत्र के मनोहरपुर गाँव में एक शादी की तैयारियाँ धूमधाम से चल रही थीं। जितेंद्र कुमार, जो बेंगलुरु में नौकरी करते हैं, अपनी बेटी शिवानी की शादी राहुल के साथ तय कर चुके थे। शादी 16 अप्रैल को होनी थी। जितेंद्र ने 5 लाख रुपये के गहने और 3.5 लाख रुपये नकद जोड़े थे। लेकिन शादी से नौ दिन पहले, अनिता देवी और राहुल गहने-नकदी लेकर गायब हो गए। “मुझे लगा था, वो रिश्तेदारों के पास गई होगी,” जितेंद्र ने कहा।
शिवानी ने टूटे दिल से बताया, “माँ ने 10 रुपये तक नहीं छोड़े।” परिवार ने मडराक थाने में शिकायत दर्ज की, और एक तस्वीर सामने आई थी, जिसमें राहुल और अनिता साथ दिखे। “यह देखकर मैं बिखर गई,” शिवानी ने कहा। “माँ मेरे लिए मरी हुई है।”
नया खुलासा: राहुल का बयान
13 अप्रैल तक, राहुल और अनिता का कोई सुराग नहीं मिला। लेकिन राहुल के एक बयान ने मामला और उलझा दिया। 6 अप्रैल को भागने के बाद, उसने अपने पिता से आखिरी बार बात की थी। “राहुल ने कहा, ‘जब मेरी सास ही नहीं रही, तो मैं क्यों लौटूँ?’” उसके रिश्तेदार बिशंभर ने बताया। यह बयान साफ करता है कि राहुल अब अनिता को सास नहीं मानता। “वो रिश्ता टूट चुका है,” बिशंभर ने कहा। “राहुल ने हमें छोड़ दिया।”
जितेंद्र को भी राहुल ने तंज कसा था। “20 साल रह लिए ना तुम उसके साथ, अब उसे भूल जाओ,” उसने फोन पर कहा। “मैंने कहा, मेरी पत्नी से बात करवाओ, लेकिन उसने फोन काट दिया,” जितेंद्र ने बताया। ये बयान रिश्तों का टूटना दर्शाते हैं—सास-दामाद का रिश्ता अब कुछ और बन चुका है, और पति-पत्नी का रिश्ता भी लगभग खत्म सा हो गया है।
पुलिस की तलाश: रुद्रपुर की राह
TV9 की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने राहुल और अनिता के फोन की कॉल डिटेल्स खंगाली। “उनकी आखिरी लोकेशन रुद्रपुर, उत्तराखंड की थी,” मडराक थाने के क्षेत्राधिकारी महेश कुमार ने बताया। “राहुल वहाँ पहले नौकरी करता था।” लेकिन रुद्रपुर में पुलिस के हाथ खाली रहे। “दोनों ने फोन बंद कर दिए हैं,” क्षेत्राधिकारी ने कहा। जितेंद्र और राहुल के पिता, दोनों ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की है। “हम जल्द उन्हें पकड़ लेंगे,” पुलिस ने दावा किया, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं दिखी।
वशीकरण का शक: रिश्तों में दरार
राहुल के पिता ने एक नया दावा किया, जो रिश्तों का टूटना और अविश्वास को उजागर करता है। “मुझे लगता है, अनिता ने मेरे बेटे पर ताबीज बाँधकर वशीकरण किया,” उन्होंने कहा। “राहुल पहले ऐसा नहीं था।” पुलिस ने इस दावे को गंभीरता से नहीं लिया। “हम तथ्यों पर काम कर रहे हैं,” क्षेत्राधिकारी ने कहा। लेकिन यह शक दिखाता है कि परिवारों के बीच भरोसा पूरी तरह खत्म हो चुका है।
पहले का कनेक्शन: 5 दिन का साथ
जाँच में यह भी पता चला कि अनिता पहले राहुल के घर पाँच दिन रह चुकी थी। “उसने कहा था, राहुल बीमार है, मैं देखभाल के लिए जा रही हूँ,” जितेंद्र ने बताया। “वो लौटी, लेकिन अगले दिन राहुल के साथ भाग गई।” यह खुलासा उनके रिश्ते की गहराई को दिखाता है, जो परिवार से छिपा था। “मुझे भनक तक नहीं थी,” जितेंद्र ने कहा।
शिवानी का दर्द: माँ-बेटी का रिश्ता खत्म
शिवानी इस सदमे से उबर नहीं पाई। “माँ ने मेरे सपने तोड़े,” उसने कहा। “मैंने राहुल से कहा था, माँ से कम बात करो, लेकिन वो झगड़ती थी।” शिवानी की तबीयत बिगड़ने से उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। “मुझे सिर्फ़ पापा का पैसा और गहने चाहिए,” उसने कहा। माँ-बेटी का रिश्ता अब सिर्फ़ गुस्से और दर्द में सिमट गया है।
सामाजिक सवाल: रिश्तों की मर्यादा
यह घटना रिश्तों का टूटना और समाज की सोच को चुनौती देती है। सास-दामाद का रिश्ता समाज में सम्मान का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस घटना ने कई सवाल उठाए। राहुल और अनिता की गुमशुदगी ने न सिर्फ़ दो परिवारों को तोड़ा, बल्कि रिश्तों की परिभाषा पर बहस छेड़ दी। क्या यह प्यार था, या सिर्फ़ धोखा? यह सवाल अभी अनुत्तरित है।
आगे क्या?
पुलिस की तलाश जारी है, लेकिन राहुल और अनिता का कोई सुराग नहीं। “हम हर एंगल से जाँच कर रहे हैं,” क्षेत्राधिकारी ने कहा। लेकिन राहुल का बयान और अनिता का गायब होना रहस्य बरकरार रखे हुए है। क्या यह रिश्तों का टूटना एक नई शुरुआत है, या परिवारों के लिए अंत? समय ही बताएगा।
नोट: यह रिपोर्ट उपलब्ध जानकारी और मीडिया के रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार की गई है। इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए, पाठकों से अनुरोध है कि इसे व्यक्तिगत राय बनाने के लिए इस्तेमाल न करें।