मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक नवविवाहिता ने शादी के मात्र चार दिन बाद अपने पति को ‘लड़का सीधा है’ बताकर उसके साथ रहने से इनकार कर दिया। पाकबड़ा थाना क्षेत्र की इस युवती ने ससुराल छोड़कर मायके लौटने के बाद थाने में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने कई बार दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, लेकिन रिश्ता बचाने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं। आखिरकार, पंचायत ने दोनों पक्षों की सहमति से तलाक करा दिया और वर पक्ष पर 6.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। यह समझौता स्टांप पेपर पर दर्ज किया गया, और अब यह मामला गाँव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
शादी और मायके की वापसी
जानकारी के अनुसार, पाकबड़ा थाना क्षेत्र के समाथल गाँव की एक युवती की शादी 30 अप्रैल 2025 को कटघर थाना क्षेत्र के वसंतपुर रामराय गाँव के एक युवक से हुई थी। शादी की सभी रस्में धूमधाम से पूरी हुईं, और दुल्हन ससुराल पहुँची। लेकिन चार दिन बाद, 4 मई 2025 को, उसने अचानक ससुराल छोड़ दिया और अपने मायके लौट आई। उसने ससुराल वालों को बताया कि वह पति के साथ नहीं रह सकती, क्योंकि “लड़का सीधा है” । दुल्हन का यह बयान सुनकर ससुराल वाले हैरान रह गए। उन्होंने समझाने की कोशिश की, लेकिन दुल्हन अपने फैसले पर अडिग रही। इसके बाद उसने अपनी शिकायत को पाकबड़ा थाने तक ले गई।
पुलिस की काउंसलिंग और दुल्हन की जिद
पाकबड़ा थाना पुलिस इस मामले से स्तब्ध थी कि शादी के इतने कम समय में ऐसा क्या हुआ कि दुल्हन ने तलाक की माँग कर दी। पुलिस ने मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को थाने बुलाया और कई दिनों तक काउंसलिंग सत्र आयोजित किए। इन सत्रों में दुल्हन से ससुराल लौटने और रिश्ते को एक मौका देने की अपील की गई। लेकिन दुल्हन ने साफ इनकार कर दिया। उसका कहना था कि पति का स्वभाव उसके लिए अनुपयुक्त है, और वह उसके साथ वैवाहिक जीवन नहीं बिता सकती। पुलिस ने वर पक्ष से भी बात की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। दुल्हन की जिद और दोनों पक्षों के बीच बढ़ते तनाव ने मामले को और जटिल बना दिया।
पंचायत का फैसला: तलाक और जुर्माना
जब पुलिस की काउंसलिंग से कोई हल नहीं निकला, तो मामला पंचायत के हवाले किया गया। 21 मई 2025 को थाने में दोनों पक्षों की मौजूदगी में पंचायत बुलाई गई। गाँव के सम्मानित लोगों ने दोनों पक्षों की बात सुनी। दुल्हन ने पति के स्वभाव को लेकर अपनी आपत्ति दोहराई, जबकि वर पक्ष ने इसे बेवजह का विवाद बताया। लंबी चर्चा के बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से तलाक का रास्ता चुना। पंचायत ने वर पक्ष पर 6.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जो शादी के खर्च और सामाजिक समझौते के तौर पर था। वर पक्ष ने यह राशि तुरंत अदा कर दी। इस समझौते को स्टांप पेपर पर लिखा गया, ताकि भविष्य में कोई कानूनी विवाद न हो।
थाना प्रभारी का बयान
पाकबड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार ने स्थानीय पत्रकार को बताया कि दोनों पक्षों ने थाने में अपने-अपने तर्क रखे। दुल्हन का कहना था कि वह पति के स्वभाव के कारण उसके साथ नहीं रह सकती, जबकि वर पक्ष ने इसे अनुचित माँग माना। पंचायत की मध्यस्थता से तलाक और जुर्माने पर सहमति बनी। थाना प्रभारी ने कहा कि दोनों पक्ष अब इस मामले को खत्म करना चाहते हैं, और कोई भी आगे की कानूनी कार्रवाई की माँग नहीं कर रहा। पुलिस ने इस मामले को बंद कर दिया है, और समझौता लागू हो चुका है।
सामाजिक और वैवाहिक सबक
यह मामला मुरादाबाद के गाँवों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह घटना वैवाहिक रिश्तों की जटिलता और शादी से पहले आपसी समझ की जरूरत को रेखांकित करती है। दुल्हन का इतने कम समय में तलाक माँगना और थाने तक जाना यह दर्शाता है कि आधुनिक समाज में व्यक्तिगत अपेक्षाएँ और स्वतंत्रता महत्वपूर्ण हो गई हैं। यह मामला उन परिवारों के लिए भी सबक है जो शादी के लिए जल्दबाजी करते हैं, बिना यह सुनिश्चित किए कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के स्वभाव और अपेक्षाओं को समझते हैं।