सूरत, गुजरात: गुजरात के सूरत शहर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें 23 वर्षीय ट्यूशन टीचर (23 year old Teacher) अपने 13 साल के नाबालिग छात्र (13 year old Student) को लेकर फरार हो गई। चार दिन की तलाश के बाद पुलिस ने दोनों को राजस्थान सीमा के पास एक बस से पकड़ा। पूछताछ में टीचर ने दावा किया कि वह पांच महीने की गर्भवती है और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का पिता यही नाबालिग छात्र है। इस खुलासे ने न केवल पुलिस को, बल्कि पूरे समुदाय को स्तब्ध कर दिया। पुलिस ने टीचर के खिलाफ अपहरण और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है, और अब डीएनए टेस्ट के जरिए दावों की सत्यता की जांच की जाएगी।
प्रेम संबंध से शुरू हुई कहानी
सूरत के पूना इलाके में रहने वाला 13 वर्षीय छात्र और उसकी 23 वर्षीय ट्यूशन टीचर के बीच पिछले दो साल से प्रेम संबंध थे। टीचर ने पुलिस को बताया कि जब छात्र पांचवीं कक्षा में था, तब वह उसके घर पर ट्यूशन पढ़ाने जाया करती थी। बाद में उसने छात्र को अपने घर पर बुलाना शुरू किया। पूछताछ में टीचर ने कबूल किया कि पिछले एक साल से वह छात्र के साथ शारीरिक संबंध बना रही थी।
छात्र ने भी पुलिस को बताया कि टीचर ने कई बार उसका शारीरिक शोषण किया, जिसमें एक बार उसके घर पर भी ऐसा हुआ। हाल ही में जब टीचर को अपनी गर्भावस्था का पता चला, तो उसने छात्र के साथ सूरत छोड़कर भागने का फैसला किया। उसका इरादा किसी दूसरे शहर में छिपकर नई जिंदगी शुरू करने का था।
13 वर्षीय छात्र के साथ चार दिन, पांच शहरों की यात्रा
टीचर और छात्र 25 अप्रैल 2025 को सूरत से फरार हुए। पुलिस ने उनकी तलाश के लिए चार टीमें गठित कीं, और आखिरकार 30 अप्रैल को दोनों को राजस्थान सीमा के पास एक निजी बस से पकड़ा गया। पूछताछ में टीचर ने बताया कि चार दिनों में उन्होंने पांच शहरों की यात्रा की। सबसे पहले वे सूरत से वडोदरा पहुंचे, जहां एक होटल में रात बिताई। अगले दिन वे अहमदाबाद गए और पूरा दिन वहाँ घूमते रहे। फिर रात की बस से जयपुर पहुंचे। जयपुर में एक दिन रुकने के बाद वे दिल्ली गए, वहाँ से वृंदावन में मंदिर के दर्शन किए, और फिर जयपुर लौटे। 30 अप्रैल की सुबह वे जयपुर से अहमदाबाद की ओर जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
टीचर ने दावा किया कि इस दौरान दोनों ने कई बार शारीरिक संबंध बनाए। पुलिस अब वडोदरा के होटल से सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूत जुटाने की तैयारी कर रही है।
23 साल की टीचर के भागने की साजिश: नया सिम और कपड़े
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि टीचर ने भागने की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई थी। गर्भावस्था की जानकारी मिलने के बाद उसने छात्र से दो-तीन जोड़ी कपड़े मंगवाए और अपने पास रख लिए। भागने से दो दिन पहले उसने एक नया ट्रॉली बैग, स्कूल बैग और सिम कार्ड खरीदा। 25 अप्रैल को सूरत से फरार होने से पहले उसने छात्र के लिए नए कपड़े और जूते भी खरीदे। यह सब दर्शाता है कि टीचर ने इस घटना को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया।
पुलिस की कार्रवाई और कानूनी कदम
मीडिया रिपोर्ट्स के लिए, सूरत की पूना पुलिस ने शुरुआत में टीचर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137(2) के तहत नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज किया था। बाद में, मामले की गंभीरता को देखते हुए पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 8 और 12 को भी जोड़ा गया। पुलिस ने टीचर को एक दिन की रिमांड पर लिया है, ताकि और सबूत जुटाए जा सकें।
छात्र की मेडिकल जांच में पता चला है कि वह पिता बनने में सक्षम है। पुलिस अब अजन्मे बच्चे और छात्र का डीएनए टेस्ट कराएगी, ताकि टीचर के दावों की सत्यता का पता लगाया जा सके। शुरुआत में छात्र की उम्र 11 साल बताई गई थी, लेकिन दस्तावेजों की जांच में उसकी उम्र 13 साल से अधिक पाई गई।
सामाजिक और नैतिक सवाल
यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और नैतिक सवाल भी उठाता है। एक 23 वर्षीय शिक्षिका और 13 साल के नाबालिग छात्र के बीच शारीरिक संबंध और गर्भावस्था का दावा समाज में शिक्षक-छात्र के रिश्ते की पवित्रता पर सवाल खड़े करता है। टीचर की ओर से एक नाबालिग का शारीरिक और भावनात्मक शोषण न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह समाज में विश्वास की नींव को भी हिलाता है।
इस मामले ने अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ा दी है, जो अपने बच्चों को ट्यूशन टीचर्स के भरोसे छोड़ते हैं। यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या शिक्षकों की नियुक्ति और उनके व्यवहार पर अधिक सख्त निगरानी की जरूरत है।
एक सनसनीखेज घटना, कई अनुत्तरित सवाल
सूरत का यह मामला न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह समाज के लिए एक चेतावनी भी है। 23 साल की टीचर और 13 साल के छात्र के बीच प्रेम संबंध (23 year old teacher love with 13 year old student boy) , गर्भावस्था का दावा और चार दिन की फरारी ने कई सवाल खड़े किए हैं। पुलिस की जांच और डीएनए टेस्ट इस मामले की सच्चाई को सामने लाएंगे, लेकिन यह घटना समाज में शिक्षक-छात्र के रिश्ते, नाबालिगों की सुरक्षा और नैतिकता पर गंभीर सवाल छोड़ गई है।
क्या यह टीचर की सुनियोजित साजिश थी, या भावनाओं में बहकर लिया गया गलत फैसला? क्या नाबालिग छात्र इस रिश्ते का शिकार बना, या वह भी इसमें सहमति से शामिल था? इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिलेंगे, लेकिन यह मामला लंबे समय तक चर्चा में बना रहेगा। पुलिस की कार्रवाई और अदालत का फैसला इस कहानी की दिशा तय करेगा, लेकिन यह साफ है कि इस घटना ने समाज को कई स्तरों पर झकझोर दिया है।