Viral Reddit Post: एक महिला का अपने देवर की 6 साल की बेटी पर ऐसा शक हुआ कि उसने रिश्तों की मर्यादा तोड़ दी। शक था कि बच्ची दरअसल उसी घर के किसी ‘छुपे राज़’ की निशानी है—और इस बात को साबित करने के लिए उसने चुपचाप बच्ची का डीएनए टेस्ट करवा डाला। मगर नतीजा सामने आने पर जो हुआ, उसने न सिर्फ उसे सबके सामने शर्मिंदा कर दिया, बल्कि परिवार में तनाव और अविश्वास की चिंगारी भी भड़का दी। यह पूरी घटना खुद देवर ने Reddit पर साझा की, जहां यह पोस्ट वायरल हो गई और लोगों ने बहस छेड़ दी—कि क्या वाकई महिला की हरकत सही थी या उसने परिवार के निजी दायरे को पार कर दिया?
गोद ली बेटी की मार्मिक कहानी
रेडिट पर यूजर @ThrowRASILtester, जो 30 वर्षीय है, ने अपनी कहानी बयाँ की। उसने बताया कि उसकी 6 साल की बेटी दरअसल उसके जिगरी दोस्त की बेटी है, जिसे उसने गोद लिया है। बच्ची के माता-पिता की एक ऑफिस में हुई गोलीबारी में मौत हो गई थी, जब वह मात्र 6 महीने की थी। बच्ची की माँ 23 साल की थी और पिता 25 साल के थे। दोनों एक ही बिल्डिंग के अलग-अलग दफ्तरों में काम करते थे। उनके पास कोई नजदीकी रिश्तेदार नहीं था, इसलिए शख्स ने बच्ची को गोद ले लिया। उसने अपने परिवार को साफ बता दिया था कि बच्ची उसकी जैविक बेटी नहीं है। जैसे-जैसे बच्ची बड़ी हुई, उसने उसे भी बताया कि उसके असली माता-पिता एक दुर्घटना में मारे गए। बच्ची की शक्ल उसकी माँ से मिलती है, और शख्स उसे अपनी बेटी ही मानता है। वह कहता है कि लोग अक्सर बच्ची को उसकी बेटी समझ लेते हैं, और उसे इस बात से कोई ऐतराज नहीं।
भाभी का शक और गुप्त डीएनए टेस्ट
शख्स के बड़े भाई की मंगेतर, जो दो साल से उनके साथ है, को बच्ची के गोद लिए होने की जानकारी नहीं थी। एक दिन परिवार माता-पिता के घर इकट्ठा हुआ। वहाँ भाभी ने एक तस्वीर देखी, जिसमें शख्स अपनी दोस्त (बच्ची की माँ) के साथ था। उसने पूछा कि वह कौन है। शख्स ने बताया कि वह बच्ची की असली माँ थी। भाभी को गलतफहमी हुई कि शख्स और बच्ची की माँ के बीच प्रेम-संबंध थे, लेकिन उन्होंने शादी नहीं की। उसे शक हुआ कि शख्स झूठ बोल रहा है और बच्ची उसकी अपनी है। इस शक के चलते उसने बिना किसी को बताए बच्ची का डीएनए टेस्ट करवाया। तुलना के लिए उसने अपने मंगेतर (शख्स के बड़े भाई) का ब्लड सैंपल लिया, यह सोचकर कि अगर बच्ची शख्स की है, तो भाई का डीएनए भी कुछ हद तक मैच कर सकता है।
डीएनए टेस्ट का नतीजा और शर्मिंदगी
डीएनए टेस्ट का नतीजा वही आया, जो अपेक्षित था—बच्ची और शख्स का कोई जैविक रिश्ता नहीं था। भाभी यह ‘खुलासा’ करने पूरे परिवार के सामने पहुँची। उसने बच्ची के सामने ही कहा कि शख्स एक मृत महिला की बेटी को पाल रहा है। शख्स ने कुछ देर भाभी को घूरा, फिर हँसने लगा। उसने बताया कि यह बात परिवार और बच्ची को पहले से पता है। भाभी को अपनी गलती का एहसास हुआ, और वह गुस्से में वहाँ से चली गई। शख्स के बड़े भाई को छोटे भाई का हँसना पसंद नहीं आया। उसने कहा कि शख्स को भाभी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए था। जवाब में शख्स ने कहा कि भाभी ने बिना इजाजत उसके निजी जीवन में दखल दिया, और खुद अपनी शर्मिंदगी बुलाई। इस बात पर दोनों भाइयों में तीखी बहस हुई, और रिश्तों में तनाव पैदा हो गया।
रेडिट पर वायरल पोस्ट और समर्थन
शख्स ने रेडिट के r/AITAH ग्रुप पर यह घटना साझा की और पूछा कि क्या उसका हँसने का रिएक्शन सही था। पोस्ट ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी, जिसे 62,000 से ज्यादा लाइक्स और हजारों कमेंट्स मिले। ज्यादातर लोगों ने शख्स का समर्थन किया। उन्होंने भाभी की हरकत को गलत बताया, खासकर बच्ची के सामने ऐसी बात कहने को। कई यूजर्स ने कहा कि बिना इजाजत डीएनए टेस्ट करवाना अनैतिक और निजता का उल्लंघन था। लोगों ने बड़े भाई की भी आलोचना की, जो अपनी मंगेतर को रोकने के बजाय छोटे भाई से नाराज हुआ। कई ने सलाह दी कि शख्स को बड़े भाई और उसकी मंगेतर से दूरी बना लेनी चाहिए, क्योंकि उनका व्यवहार बच्ची के लिए हानिकारक हो सकता है। कुछ यूजर्स ने शख्स की तारीफ की, जो एक अनाथ बच्ची को प्यार और परिवार दे रहा है।
रिश्तों में विश्वास की जरूरत
रिश्तों की नींव विश्वास पर टिकी होती है, और जब शक उस नींव में दरार डालता है, तो उसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है। एक मासूम बच्ची, जिसे एक व्यक्ति ने अपना मानकर गोद लिया और पाला, उसकी असलियत जानने की कोशिश ने सिर्फ भाभी को शर्मिंदा ही नहीं किया, बल्कि एक संवेदनशील रिश्ते को भी चोट पहुँचाई। डीएनए टेस्ट जैसे कदम, जब बिना सहमति और संवेदना के उठाए जाते हैं, तो वे सिर्फ सच्चाई नहीं उजागर करते, बल्कि भावनाओं और निजता को भी रौंदते हैं। यह कहानी हमें यह समझाने के लिए काफी है कि दूसरों की जिंदगी में झाँकने से पहले हमें यह ज़रूर सोचना चाहिए—कहीं हमारा शक, किसी के जीवन की सबसे कीमती चीज़ को तो नहीं तोड़ रहा?