बरेली, उत्तर प्रदेश: बरेली जिले के बहेड़ी थाना क्षेत्र के देवीपुरा गाँव में एक शादी का खुशनुमा माहौल पलभर में मातम में बदल गया। दुल्हन शांति की अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे इलाज के लिए ले गए, लेकिन एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने उसकी जिंदगी छीन ली। शादी के लिए सजा मंडप, बजता डीजे, और बारात का इंतजार सब बेकार हो गया। गुस्साए दूल्हे ने कहा, “मैं उस डॉक्टर को नहीं छोड़ूँगा।” इस हृदयविदारक घटना ने पूरे गाँव को शोक में डुबो दिया।
शादी की तैयारियाँ और अचानक मातम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देवीपुरा गाँव के थान सिंह की 20 वर्षीय बेटी शांति की शादी नवाबगंज के अजयवीर के साथ तय हुई थी। 14 मई 2025 को बारात आने वाली थी। गाँव में उत्सव का माहौल था—टेंट सजे थे, खाना तैयार था, और मेहमान बारात के स्वागत के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। लेकिन दोपहर करीब 3 बजे शांति को अचानक घबराहट और बेचैनी (Restlessness) होने लगी। परिजनों ने बिना देर किए उसे बहेड़ी कस्बे के शिफा हॉस्पिटल नामक एक निजी क्लिनिक में ले गए, जहाँ कथित तौर पर झोलाछाप डॉक्टर तसलीम अहमद उर्फ भूरा ने उसका उपचार शुरू किया।
झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही
डॉक्टर ने शांति की हालत को कमजोरी (Weakness) बताकर उसे एक इंजेक्शन लगाया और ड्रिप लगाने की बात कही। लेकिन इंजेक्शन लगते ही शांति की हालत तेजी से बिगड़ने लगी। उसकी साँसें उखड़ने लगीं, और स्थिति अनियंत्रित हो गई। डॉक्टर ने घबराहट में उसे बरेली के बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही शांति ने दम तोड़ दिया। इस खबर ने शादी की खुशियों को मातम में बदल दिया। परिजनों और गाँववालों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा, जब वे अस्पताल पहुँचे और पाया कि डॉक्टर तसलीम क्लिनिक छोड़कर फरार हो चुका था।
हंगामा और पुलिस कार्रवाई
शांति की मौत की खबर फैलते ही गाँव में कोहराम मच गया। गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने शिफा हॉस्पिटल पर हंगामा शुरू कर दिया, और डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की। सूचना पाकर बहेड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुँची और लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। मृतका के पिता थान सिंह ने डॉक्टर तसलीम के खिलाफ लापरवाही से इलाज और गैरकानूनी तरीके से क्लिनिक चलाने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर फरार डॉक्टर की तलाश शुरू कर दी है। शांति का शव पोस्टमॉर्टम (Post-Mortem) के लिए भेजा गया, और जाँच जारी है।
दूल्हे का गुस्सा और परिवार का दुख
शांति की अचानक मौत ने दूल्हे अजयवीर को गहरा सदमा पहुँचाया। वह बार-बार रोते हुए कह रहा था, “मैं उस डॉक्टर को नहीं छोड़ूँगा, जिसने मेरी शांति को मुझसे छीन लिया।” शांति के परिवार का हाल बेहाल है। थान सिंह और उनकी पत्नी अपनी इकलौती बेटी को खोने के गम में डूबे हैं। गाँववाले भी इस घटना से स्तब्ध हैं और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। एक ग्रामीण ने कहा, “ऐसे नकली डॉक्टरों की वजह से कितने घर उजड़ जाते हैं। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।”
सामाजिक और चिकित्सकीय सवाल
यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों (Quack Doctors) की समस्या को फिर से उजागर करती है। बरेली जैसे क्षेत्रों में कई निजी क्लिनिक बिना लाइसेंस और प्रशिक्षित डॉक्टरों के चल रहे हैं, जो मरीजों की जान के लिए खतरा बन रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गाँवों में स्वास्थ्य सेवाओं (Healthcare Services) की कमी और जागरूकता का अभाव ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देता है। यह त्रासदी समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने और झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल कसने के लिए क्या कदम उठाए जाएँ।
गाँव में छाया शोक
देवीपुरा गाँव में शादी का उत्सव शोक में बदल गया है। सजे हुए टेंट और तैयार खाना अब मातम की गवाही दे रहे हैं। शांति के परिवार और अजयवीर के लिए यह नुकसान कभी न भरने वाला है। गाँववाले इस घटना को एक सबक के रूप में देख रहे हैं और माँग कर रहे हैं कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों पर भी सवाल उठाती है।