मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद में बीफ तस्करी के मामले को दबाने की कोशिश ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस सनसनीखेज मामले में पाकबड़ा थाना प्रभारी (SHO) समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उन पर बीफ को गड्ढे में दबाने और तस्करी की कार छिपाने का गंभीर आरोप है। SSP सतपाल अंटिल के आदेश पर जाँच हुई, जिसमें मांस की पुष्टि बीफ के रूप में हुई। पुलिस अब तस्करों की तलाश में जुटी है।
बीफ तस्करी का खुलासा
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार देर रात यूपी-112 की पुलिस टीम ने पाकबड़ा थाना क्षेत्र के उमरी सब्जीपुर जंगल में एक संदिग्ध होंडा सिटी कार को रोका। जाँच में कार में भारी मात्रा में बीफ बरामद हुआ। नियमों के अनुसार, पुलिस को तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना चाहिए था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने इस मामले को दबाने की कोशिश की। यह घटना तब सामने आई, जब SSP सतपाल अंटिल को गुप्त सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने तत्काल जाँच के आदेश दिए।
सबूत मिटाने की साजिश
आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने मौके पर ही गड्ढा खोदकर बीफ को दबा दिया और कार को दूसरी जगह ले जाकर छिपा दिया। सूत्रों के मुताबिक, कुछ पुलिसकर्मी तस्करों के साथ समझौता करने की कोशिश में भी थे। इस लापरवाही और संदिग्ध मिलीभगत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। SSP ने विशेष अभियान दल (SOG) और पशु चिकित्सकों की टीम को जाँच के लिए भेजा, जिन्होंने गड्ढे से मांस निकाला और उसकी पुष्टि बीफ के रूप में की।
10 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
जाँच में सबूत छिपाने की पुष्टि होने के बाद SSP सतपाल अंटिल ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने तत्काल 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। निलंबित पुलिसकर्मियों में पाकबड़ा SHO मनोज कुमार, चौकी प्रभारी (ग्रोथ सेंटर) अनिल कुमार, उपनिरीक्षक महावीर सिंह, तसलीम (यूपी-112), हेड कांस्टेबल बंसेत कुमार, धीरेंद्र कसाना, कांस्टेबल मोहित, मनीष, राहुल (यूपी-112), और कांस्टेबल चालक सोनू सैनी शामिल हैं। SSP ने स्पष्ट किया कि ऐसी लापरवाही और मिलीभगत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कार और तस्करों की तलाश
जाँच में पता चला कि जब्त कार मोहल्ला सादात, कुंदरकी निवासी मोहम्मद शमी के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस को शक है कि बीफ गजरौला से कुंदरकी ले जाया जा रहा था। कार को कब्जे में ले लिया गया है, और तस्करों की तलाश के लिए पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही हैं। SP सिटी कुंवर रणविजय सिंह ने कहा कि तस्करों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और मामले की गहन जाँच की जा रही है।
सामाजिक और प्रशासनिक सवाल
यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली, तस्करी, और सामाजिक संवेदनशीलता पर सवाल उठाती है। बीफ तस्करी जैसे संवेदनशील मामले को दबाने की कोशिश ने पुलिस की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह मामला समाज से जागरूकता, पुलिस से पारदर्शिता, और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की माँग करता है। साथ ही, यह सवाल उठता है कि क्या कुछ पुलिसकर्मियों की तस्करों से मिलीभगत थी, जिसने इस मामले को दबाने की कोशिश को बढ़ावा दिया।
मुरादाबाद में हलचल
इस घटना ने मुरादाबाद में हड़कंप मचा दिया है। लोग पुलिसकर्मियों की इस हरकत पर हैरानी जता रहे हैं और SSP के सख्त एक्शन की सराहना कर रहे हैं। बीफ तस्करी और पुलिस की लापरवाही का यह मामला स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है। लोग जाँच के परिणाम और तस्करों की गिरफ्तारी पर नजर रखे हुए हैं। यह प्रकरण न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर भी गहरी बहस छेड़ रहा है।

