गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। लोनी कोतवाली के बंथला इलाके में 24 साल के पवन गुप्ता ने ब्लैकमेल और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर साड़ी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले पवन ने अपने भाई को दो वीडियो और तीन पन्नों का सुसाइड नोट भेजा, जिसमें उसने दिल्ली के सरफराज और अपनी प्रेमिका के नए बॉयफ्रेंड को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने 27 मई 2025 को सरफराज को हिरासत में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रेम, धोखा और ब्लैकमेल की कहानी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पवन गुप्ता दिल्ली की एक फाइनेंस कंपनी में काम करता था। वह डेढ़ साल से एक युवती से प्रेम करता था। लेकिन चार महीने पहले उसकी प्रेमिका ने उससे दूरी बना ली और दिल्ली के सरफराज नामक युवक के साथ रिश्ता शुरू कर लिया। पवन ने जब अपनी प्रेमिका से बात करने की कोशिश की, तो सरफराज ने उसे धमकियाँ देना शुरू कर दिया। परिजनों के मुताबिक, सरफराज ने पवन को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 50 हजार रुपये और कुछ गहने भी ऐंठ लिए।
पवन अप्रैल 2025 से लगातार मानसिक उत्पीड़न का शिकार था। उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सरफराज और उसकी प्रेमिका ने उसे ब्लैकमेल किया। वह इस दबाव को और बर्दाश्त नहीं कर सका। मंगलवार, 27 मई 2025 की रात, पवन अपने ताऊ के निर्माणाधीन मकान की दूसरी मंजिल पर गया। वहाँ उसने साड़ी से फंदा बनाकर अपनी जान दे दी।
वीडियो और सुसाइड नोट में दर्द
पवन ने मरने से पहले अपने भाई को दो वीडियो भेजे, जिनमें वह रोते हुए न्याय की गुहार लगा रहा था। उसने कहा, “मुझमें अब जीने की ताकत नहीं बची। सरफराज ने मुझे बर्बाद कर दिया।” उसकी जेब से तीन पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जो उसने न्यायाधीश के नाम लिखा था। नोट में उसने सरफराज को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया और प्रेमिका के परिवार को निर्दोष बताया। उसने लिखा, “मुझे अप्रैल से धमकियाँ मिल रही थीं। उनके स्क्रीनशॉट मेरे फोन में हैं।”
सुसाइड नोट के कुछ अंश दिल को छू लेने वाले थे। पवन ने लिखा, “बस मैं क्या ही कहूँ। मैं अपने अंगूठे का निशान पेपर पर लगा रहा हूँ। निवेदन है कि लड़कियाँ बहुत बचा लीं, अब अपने बेटों को संभालो। मैं उस लड़की से बहुत प्यार करता था, लेकिन उसका नया बॉयफ्रेंड मुझे ब्लैकमेल कर रहा है। सरफराज को सजा मिले। मुझे इंसाफ दिला देना, साहब। मैं हार गया हूँ।” उसने BNS की धारा 108 का जिक्र करते हुए सरफराज के लिए 10 साल की सजा की माँग की।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही लोनी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुँची। पुलिस ने पवन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और सुसाइड नोट, मोबाइल, और अन्य सबूतों को कब्जे में लिया। पवन के पिता की तहरीर पर सरफराज के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और ब्लैकमेलिंग की धाराओं में FIR दर्ज की गई। 27 मई 2025 की देर रात पुलिस ने सरफराज को हिरासत में ले लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि सुसाइड नोट और वीडियो की जाँच की जा रही है। धमकियों के स्क्रीनशॉट और अन्य सबूतों की पड़ताल भी शुरू हो गई है।
परिवार का दर्द और सामाजिक बहस
पवन की आत्महत्या ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। परिजनों का कहना है कि सरफराज और उसकी प्रेमिका ने पवन को इस हद तक तंग किया कि उसने अपनी जान दे दी। यह घटना गाजियाबाद में चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस मामले को प्रेम में धोखे और ब्लैकमेलिंग से जोड़कर देख रहे हैं। कुछ लोग पवन के दर्द के साथ सहानुभूति जता रहे हैं, तो कुछ इस बात पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि युवा प्रेम के चक्कर में अपनी जिंदगी क्यों गँवा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी यह मामला छाया हुआ है। लोग पवन के सुसाइड नोट के अंश शेयर कर रहे हैं, जिसमें उसने “लड़कियाँ बहुत बचा लीं, अब बेटों को संभालो” लिखा था। यह लाइन सामाजिक बहस का केंद्र बन गई है, जो लड़के-लड़कियों के रिश्तों में संतुलन और जिम्मेदारी पर सवाल उठाती है।
मानसिक स्वास्थ्य और हेल्पलाइन
पवन की आत्महत्या ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को सामने ला दिया। प्रेम में धोखा, ब्लैकमेलिंग, और सामाजिक दबाव कई युवाओं को डिप्रेशन की ओर धकेल रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में परिवार और दोस्तों का साथ जरूरी है। अगर कोई निराशा या डिप्रेशन में है, तो उसे गलत कदम उठाने से पहले मदद लेनी चाहिए।
डिस्क्लेमर हेल्पलाइन नंबर: जीवन अमूल्य है। अगर आपको या किसी को निराशा, तनाव, या डिप्रेशन का सामना करना पड़ रहा है, तो कृपया सरकारी हेल्पलाइन नंबर +91 9630899002 या +91 7389366696 पर संपर्क करें।