जौनपुर: किराएदार से प्यार, पति को धोखा, मंदिर में शादी और धमकी के बाद CM योगी से लगाई गुहार

Jaunpur News: जौनपुर में रूपल जायसवाल ने किराएदार अनुराग सिंह से मंदिर में शादी रचाई और तीन साल के बेटे को ले गई। पति अभिषेक ने धमकियों के बाद CM से गुहार लगाई। वीडियो वायरल, पुलिस जाँच कर रही है।

Samvadika Desk
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इमेज - सोशल मीडिया
Highlights
  • जौनपुर में पत्नी ने किराएदार से मंदिर में रचाई शादी, पति स्तब्ध!
  • रूपल जायसवाल ने बेटे को ले अनुराग से की शादी, वीडियो वायरल!
  • अभिषेक प्रजापति ने CM योगी से बेटे की वापसी की लगाई गुहार!

जौनपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक प्रेम कहानी ने रिश्तों को तार-तार कर दिया। लाइन बाजार थाना क्षेत्र की एक महिला ने अपने पति को छोड़कर किराएदार प्रेमी के साथ मंदिर में शादी रचा ली और अपने तीन साल के बेटे को भी साथ ले गई। इस घटना से आहत पति ने अपनी सुरक्षा और बेटे की वापसी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। शादी का वीडियो वायरल होने और धमकियों के बाद यह मामला चर्चा में है।

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किराएदार और मकान मालिक की पत्नी का प्रेम

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जौनपुर की राजा राम सिंह कॉलोनी के रहने वाले अभिषेक प्रजापति ने अप्रैल 2024 में अनुराग सिंह को अपने घर में किराए पर कमरा दिया था। अनुराग अपनी पत्नी के साथ वहाँ रहने आया, लेकिन जल्द ही उसका अभिषेक की पत्नी रूपल जायसवाल से प्रेम संबंध बन गया।

अभिषेक और रूपल की शादी 23 अप्रैल 2021 को हुई थी, और उनका एक तीन साल का बेटा है। 25 सितंबर 2024 को रूपल अपने बेटे को लेकर अनुराग के साथ फरार हो गई। दोनों ने एक मंदिर में शादी रचाई और इसका वीडियो व्हाट्सएप पर अभिषेक को भेज दिया, जिससे वह स्तब्ध रह गया।

पति का दर्द और कानूनी लड़ाई

रूपल और बेटे के गायब होने पर अभिषेक ने लाइन बाजार थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की। मामला कोर्ट पहुँचा, और टीडी कॉलेज चौकी प्रभारी को जाँच सौंपी गई। अनुराग और रूपल ने सुलह की कोशिश की, लेकिन अभिषेक ने इंकार करते हुए अपने बेटे की वापसी की माँग की।

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अभिषेक का आरोप है कि कोर्ट से लौटने के बाद अनुराग और उसके साथियों ने उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। परेशान अभिषेक ने IGRS पोर्टल के जरिए मुख्यमंत्री से अपनी और बेटे की सुरक्षा की अपील की है। नौ महीने बीतने के बावजूद उसे अपने बेटे से मिलने का मौका नहीं मिला, जो सात साल से कम उम्र का है।

सामाजिक और कानूनी सवाल

यह घटना रिश्तों में विश्वासघात और पारिवारिक टूटन को उजागर करती है। अभिषेक की गुहार और धमकियों का डर इस मामले को और गंभीर बनाता है। क्या प्रशासन अभिषेक को न्याय और उसके बेटे को वापस दिला पाएगा? यह प्रकरण समाज से यह सवाल पूछता है कि क्या प्रेम और व्यक्तिगत फैसलों की आड़ में बच्चों के अधिकारों की अनदेखी हो रही है? यह कहानी न केवल एक पिता के दर्द को बयां करती है, बल्कि प्रशासन से त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई की माँग भी करती है।

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