जमुई, बिहार: बिहार के जमुई जिले में एक सनसनीखेज घटना ने सामाजिक रिश्तों को कलंकित कर दिया है। टाउन थाना क्षेत्र के एक गाँव में तीन बच्चों की माँ ने अपने पड़ोसी भतीजे के साथ प्यार में पड़कर घर छोड़ दिया और झारखंड के देवघर में शादी रचा ली। इस शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने पूरे इलाके में हंगामा मचा दिया। दोनों अब पश्चिम बंगाल चले गए हैं, और महिला के तीन छोटे बच्चे भी उनके साथ हैं। यह मामला रिश्तों की मर्यादा और सामाजिक मूल्यों पर गहरे सवाल उठा रहा है।
चाची-भतीजे का प्रेम और विवाह
जानकारी के अनुसार, महिला की शादी छह साल पहले हुई थी, और उसके तीन बच्चे हैं, जिनकी उम्र 5, 3 और 2 साल है। सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन कुछ महीने पहले महिला का दिल अपने पड़ोसी भतीजे पर आ गया। दोनों की मोबाइल पर बातचीत शुरू हुई, और चाची-भतीजे के रिश्ते की आड़ में उनकी नजदीकियाँ बढ़ती गईं। गाँव में किसी को शक नहीं हुआ, क्योंकि उनका आना-जाना सामान्य था। धीरे-धीरे उनका प्यार गहरा गया, और दोनों ने जीने-मरने की कसमें खाकर घर छोड़ दिया। 26 जून 2025 को वे देवघर पहुँचे और वहाँ मंदिर में शादी रचा ली। शादी के दौरान सिंदूर डालने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो तेजी से वायरल हो गया।
वायरल वीडियो और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
वायरल वीडियो ने जमुई से लेकर पूरे बिहार में चर्चा का माहौल बना दिया है। लोग इस रिश्ते को लेकर हैरानी और नाराजगी जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं, कुछ लोग इसे सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन बता रहे हैं, तो कुछ इसे व्यक्तिगत पसंद का मामला मान रहे हैं। महिला के परिजन भी इस शादी से स्तब्ध हैं। वीडियो में दिख रही शादी की रस्मों ने गाँव और आसपास के इलाकों में तीखी बहस छेड़ दी है।
बच्चों का भविष्य और सवाल
महिला के साथ उसके तीन छोटे बच्चे भी हैं, जो इस नई शुरुआत का हिस्सा बन गए हैं। शादी के बाद दोनों देवघर से पश्चिम बंगाल चले गए। बच्चों का भविष्य और इस रिश्ते का सामाजिक प्रभाव अब चर्चा का केंद्र है। पुलिस या प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, क्योंकि कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
सामाजिक और नैतिक बहस
यह घटना रिश्तों की पवित्रता और सामाजिक मूल्यों पर गंभीर सवाल उठाती है। क्या प्यार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता सामाजिक मर्यादाओं से ऊपर हैं? क्या समाज को ऐसे रिश्तों को स्वीकार करने के लिए तैयार होना चाहिए, या यह नैतिकता का हनन है? बच्चों के भविष्य और परिवार की भावनाओं का क्या होगा? यह मामला समाज से गहरे आत्ममंथन और संवाद की माँग करता है।