Yami Gautam and Aditya Dhar Marriage Story: बॉलीवुड की चकाचौंध और फिल्मी शादियों के बीच यामी गौतम और आदित्य धर की शादी एक अलग मिसाल है। 2021 में हुई इस शादी में न कोई घुटनों पर बैठकर प्रपोजल था, न रिंग, न दिखावा। बस दो दिलों की सहमति, परिवार का आशीर्वाद और हिमाचल की पहाड़ियों के बीच देवदार के पेड़ों के नीचे सात फेरे। यामी ने हाल ही में ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में अपनी शादी की हर छोटी-बड़ी बात साझा की, जो सुनकर हर कोई भावुक हो जाता है।
“कोई प्रपोज करने वाला पल नहीं था, बस पता था कि शादी करनी है”
रिपोर्ट्स के अनुसार, यामी और आदित्य की मुलाकात फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ के दौरान हुई। आदित्य फिल्म के डायरेक्टर थे और यामी लीड एक्ट्रेस। प्रमोशन के दौरान दोनों करीब आए। यामी ने बताया, “कोई ऐसा फिल्मी सीन नहीं था जहां कोई घुटनों पर बैठकर रिंग दे या कुछ ड्रामेटिक हो। हम बस जानते थे कि हमें साथ रहना है। हमारे परिवार भी पूरी तरह सहमत थे।”
यामी ने कहा कि अगर कोरोना भी न होता, तब भी वह ऐसी ही सादगी भरी शादी करतीं। “मुझे बस अपने लोग, परिवार का आशीर्वाद और प्रकृति के बीच शादी चाहिए थी।”
पहाड़ों में वैदिक रीति से सात फेरे
शादी हिमाचल के मंडी में हुई। खुले आसमान के नीचे देवदार के पेड़ों के बीच मंत्रोच्चार और हवन। यामी ने कहा, “हम दोनों के लिए परंपराएं बहुत मायने रखती हैं। हर मंत्र का एक मतलब होता है। हम चाहते थे कि शादी दिखावे से ज्यादा रस्मों और भावनाओं पर आधारित हो।”
मां की साड़ी, नानी का दुपट्टा और पहाड़ी नथ
यामी के लिए शादी का सबसे भावुक पल उनका लहंगा था। उन्होंने अपनी मां की शादी वाली साड़ी पहनी। “मैं बिल्कुल मां जैसी दिखना चाहती थी। मैंने खुद मेकअप किया। पहले लगा कि नहीं हो पाएगा, लेकिन सब ठीक रहा। मेरे बाल सुरिली ने बनाए।”
उन्होंने हिमाचली रीड़ा दुपट्टा और पहाड़ी नथ भी पहनी, जो नानी ने उनके जन्म से संभालकर रखी थी। “नानी ने कहा था कि यह तेरी शादी के लिए है। उस पल मैं कुछ भी बदलना नहीं चाहूंगी।”
“आदित्य मेरे लिए ग्रीन फॉरेस्ट हैं”
यामी ने आदित्य की छोटी-छोटी बातें याद कीं जो उन्हें सबसे खास लगीं। ‘आर्टिकल 370’ के प्रमोशन के दौरान जब यामी प्रेग्नेंट थीं, आदित्य ने उनका पूरा ख्याल रखा। “वे बस चाहते थे कि मैं आराम से रहूं। तकिया लाकर दिए। इंटरनेट पर लोग उन्हें ‘ग्रीन फॉरेस्ट’ कहने लगे।”
‘उरी’ की शूटिंग में यामी जमीन पर बैठकर खाना खा रही थीं तो आदित्य ने अपनी डायरेक्टर चेयर दे दी। यामी ने कहा, “इतने सालों में किसी ने खुद से ऐसा नहीं किया था।”
दो परिवारों का मिलन, बिना दिखावे का प्यार
यामी ने बताया कि शादी में दोनों परिवार पूरी तरह घुल-मिल गए। “सब किचन में साथ खाना बना रहे थे। कोई दिखावा नहीं, बस सम्मान और प्यार था। यह दिखाता है कि शादी दो लोगों की नहीं, दो परिवारों की होती है।”
आदित्य और यामी अब बेटे वेदविद के माता-पिता हैं। उनकी यह सादगी भरी शादी आज भी लोगों के लिए प्रेरणा है – प्यार में दिखावा नहीं, बस सच्चाई और परंपराएं काफी हैं।

