लखनऊ: KGMU डॉक्टर से लव जिहाद की शिकायत पर CM योगी ने खुद फोन कर दिया न्याय का भरोसा, बोले – “दोषी को बख्शा नहीं जाएगा”

UP News: KGMU की रेजिडेंट डॉक्टर ने आरोपी डॉक्टर रमीज मलिक पर लव जिहाद, धर्मांतरण दबाव और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। CM योगी ने पीड़िता से फोन पर बात की, न्याय का भरोसा दिया और विशेष सुरक्षा तैनात की। उपमुख्यमंत्री ने मिसाल बनेगी कार्रवाई का वादा किया। जांच जारी, आरोपी पर सख्त एक्शन तय।

Samvadika Desk
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योगी आदित्यनाथ (इमेज - सोशल मीडिया)
Highlights
  • KGMU डॉक्टर से लव जिहाद, CM योगी ने खुद फोन पर दिया न्याय का भरोसा!
  • धर्मांतरण का दबाव: योगी बोले – दोषी को बख्शा नहीं जाएगा!
  • उपमुख्यमंत्री पाठक: मिसाल बनेगी कार्रवाई!

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की एक रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ कथित लव जिहाद और धर्मांतरण के दबाव का मामला अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है। सीएम ने खुद पीड़िता से फोन पर बात की और हर हाल में न्याय दिलाने का पूरा भरोसा दिया। योगी ने साफ कहा – “दोषी को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।” इस घटना ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है और महिलाओं की सुरक्षा, कार्यस्थल पर गरिमा तथा धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है।

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पीड़िता से सीएम की सीधी बात, विशेष सुरक्षा का इंतजाम

मीडिया जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पीड़ित डॉक्टर से फोन पर विस्तार से बात की। पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद सीएम ने तुरंत शासन को निर्देश दिए कि मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की जाए। साथ ही पीड़िता की सुरक्षा के लिए एक महिला सिपाही की विशेष तैनाती कर दी गई है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि “ऐसी कार्रवाई होगी जो मिसाल बनेगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी।”

क्या है पूरा मामला?

KGMU में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में कार्यरत महिला ने शिकायत की थी कि आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर रमीज मलिक ने उनसे दोस्ती के बहाने नजदीकियां बढ़ाईं और फिर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने मानसिक उत्पीड़न किया, धमकियां दीं और निकाह के लिए मजबूर करने की कोशिश की। जब पीड़िता ने विरोध किया तो आरोपी ने और दबाव बढ़ाया।

प्रारंभिक जांच में आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं। KGMU की आंतरिक विशाखा कमेटी ने मामले की जांच की और अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि परिसर में सभी डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित की जाएगी।

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सरकार और प्रशासन की सख्ती

मामला सामने आने के बाद शासन स्तर पर हलचल मच गई। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने स्पष्ट निर्देश दिए कि दोषियों पर विभागीय और कानूनी कार्रवाई दोनों होंगी। पुलिस ने भी मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन, मानसिक उत्पीड़न और अन्य संबंधित धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।

समाज में उठ रहे सवाल

यह घटना एक बार फिर लव जिहाद, कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक दबाव जैसे मुद्दों को उजागर कर रही है। KGMU जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में ऐसी घटना ने डॉक्टरों और स्टाफ में भी चिंता पैदा कर दी है। लोग कह रहे हैं कि महिलाओं को अपनी मर्जी से जीने और काम करने का हक है, किसी को धर्म बदलने या शादी के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

सीएम योगी का पीड़िता से सीधा संवाद और सख्त निर्देश इस मामले में तेज कार्रवाई का संकेत दे रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपी पर क्या एक्शन होता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। यह मामला महिलाओं की सुरक्षा और न्याय की लड़ाई का प्रतीक बनता दिख रहा है।

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