नई दिल्ली: इंडिगो की “दादागीरी” पर लगाम, सरकार ने दो नई एयरलाइनों को दी NOC; एविएशन मार्केट में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

National News: सरकार ने इंडिगो की मार्केट डोमिनेंस और फ्लाइट कैंसिलेशन से सबक लेते हुए दो नई एयरलाइंस अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को NOC दी। शंख एयर पहले ही मंजूर। एविएशन में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने का लक्ष्य, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत होगी। ऊंची ऑपरेटिंग कॉस्ट की चुनौती बरकरार, लेकिन 5 बड़ी एयरलाइंस के लिए जगह का दावा।

Samvadika Desk
4 Min Read
इंडिगो (प्रतीकात्मक इमेज)
Highlights
  • इंडिगो की दादागीरी पर लगाम, दो नई एयरलाइंस को NOC!
  • अल हिंद और फ्लाईएक्सप्रेस को हरी झंडी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी!
  • फ्लाइट कैंसिलेशन से सबक, सरकार ने खोले नए दरवाजे!

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मार्केट में करीब 65% हिस्सेदारी है, लेकिन हाल में उसकी हजारों फ्लाइट्स कैंसिल होने से यात्रियों को भारी परेशानी हुई। इस सबक से सरकार ने एविएशन सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने का फैसला किया है। हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने पिछले हफ्ते दो नई एयरलाइनों – अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस – को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया। इससे पहले शंख एयर को भी NOC मिल चुकी है। सरकार का मानना है कि भारतीय आसमान में कम से कम 5 बड़ी एयरलाइनों के लिए जगह है और ज्यादा विकल्प यात्रियों को सस्ती और बेहतर सेवा देंगे।

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इंडिगो की फ्लाइट कैंसिलेशन से मिला सबक

हाल के महीनों में इंडिगो की कई फ्लाइट्स रद्द होने से यात्रियों को भारी दिक्कत हुई। लंबा इंतजार, महंगे अल्टरनेटिव टिकट और कैंसिलेशन की मार – इन सबने सरकार को सोचने पर मजबूर किया। मंत्री राम मोहन नायडू ने X पर पोस्ट कर बताया कि उन्होंने नई एयरलाइनों की टीमों से मुलाकात की है। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता एविएशन मार्केट है। हम चाहते हैं कि ज्यादा एयरलाइंस आएं, प्रतिस्पर्धा बढ़े और यात्री को फायदा हो।”

नई एयरलाइंस कौन-कौन?

  • शंख एयर: पहले ही NOC मिल चुकी है।
  • अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस: इस हफ्ते NOC जारी हुई।

ये एयरलाइंस क्षेत्रीय और घरेलू रूट्स पर फोकस करेंगी। उड़ान योजना की सफलता से स्टार एयर, इंडिया वन एयर और फ्लाई91 जैसी छोटी कंपनियां पहले से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी दे रही हैं। नई कंपनियां इसको और मजबूत करेंगी।

एविएशन इंडस्ट्री की बड़ी चुनौती: ऊंची ऑपरेटिंग कॉस्ट

एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में एयरलाइंस चलाना दुनिया में सबसे महंगा है। मुख्य कारण:

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  • जेट फ्यूल पर ऊंचे टैक्स
  • हाई एयरपोर्ट चार्जेस
  • मेंटेनेंस और अन्य खर्च

एक सीनियर एयरलाइन अधिकारी ने कहा, “भारत में एयरलाइंस को छोड़कर बाकी सब – एयरपोर्ट, फ्यूल कंपनियां, मेंटेनेंस प्रोवाइडर – पैसा कमाते हैं। इसलिए पिछले तीन दशकों में दर्जनों एयरलाइंस बंद हो चुकी हैं। नई एयरलाइन शुरू करना आसान है, लेकिन लंबे समय तक चलाना बहुत मुश्किल।”

एक्सपर्ट्स की मांग है कि सरकार फ्यूल टैक्स कम करे, एयरपोर्ट चार्जेस घटाए और नीतियां एयरलाइंस फ्रेंडली बनाए। हवाई यात्रा अब लग्जरी नहीं, आम आदमी की जरूरत बन चुकी है।

सरकार का विजन: 5 बड़ी एयरलाइंस और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी

सरकार का मानना है कि भारत में इंडिगो और एयर इंडिया के अलावा कम से कम तीन और बड़ी एयरलाइंस के लिए जगह है। उड़ान योजना ने छोटे शहरों को जोड़ा है। अब नई कंपनियां इसको और विस्तार देंगी। मंत्री नायडू ने कहा, “हम एविएशन को सस्ता, सुरक्षित और पहुंच योग्य बनाना चाहते हैं। ज्यादा प्रतिस्पर्धा से टिकट सस्ते होंगे और सेवा बेहतर होगी।”

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इंडिगो की हाल की दिक्कतों ने साबित कर दिया कि एक कंपनी का दबदबा यात्रियों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। सरकार का यह कदम मार्केट को बैलेंस करने और उपभोक्ता हितों की रक्षा करने की दिशा में बड़ा कदम है। आने वाले सालों में भारतीय आसमान में ज्यादा विमान उड़ते दिखेंगे।

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