लखनऊ, उत्तर प्रदेश: पूर्वोत्तर रेलवे में रेल संचालन को और सुगम बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। रेलवे बोर्ड ने सीतापुर-मैलानी-पीलीभीत-बरेली सेक्शन की 212.30 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की स्वीकृति दे दी है। इसके लिए 509.52 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने इसे क्षेत्र के विकास और रोजगार के लिए बड़ा तोहफा बताया है।
दोहरीकरण से क्या फायदा होगा?
यह प्रोजेक्ट पूरा होने पर:
- ट्रेनों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होगी
- यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा
- मालगाड़ियों का संचालन बढ़ेगा, जिससे व्यापार को बल मिलेगा
- पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और बरेली जैसे जिलों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में सिंगल लाइन होने से ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए रुकना पड़ता है, जिससे देरी होती है। दोहरीकरण के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी और स्पीड भी बढ़ेगी।
DPR और सर्वे के लिए 509.52 लाख रुपये
जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे बोर्ड के निदेशक गतिशक्ति सिविल प्रथम दीपक सिंह ने 23 दिसंबर को महाप्रबंधक उत्तर रेलवे गोरखपुर को पत्र जारी किया। इसमें फाइनल लोकेशन सर्वे और DPR बनाने की मंजूरी दी गई है। अब टेंडर जारी कर सर्वे कराया जाएगा। DPR तैयार होने के बाद इसे रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा और स्वीकृति मिलते ही दोहरीकरण का काम शुरू हो जाएगा।
सीनियर डीसीएम इज्जतनगर रेल मंडल संजीव कुमार शर्मा ने बताया, “DPR बनने के बाद रेलवे बोर्ड से अंतिम मंजूरी मिलेगी। इसके बाद काम तेजी से शुरू होगा।”
जितिन प्रसाद ने दी बधाई, PM और रेल मंत्री का जताया आभार
केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “सीतापुर-मैलानी-पीलीभीत-बरेली सेक्शन के दोहरीकरण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे की स्वीकृति मिलने पर पीलीभीत, लखीमपुर और सीतापुर वासियों को बधाई। इससे यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, समय बचेगा और माल परिवहन में सुधार होगा। क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार।”
पूर्वोत्तर रेलवे की बड़ी योजना
यह प्रोजेक्ट पूर्वोत्तर रेलवे की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। वर्तमान में इस रूट पर कई पैसेंजर और मालगाड़ियां चलती हैं, लेकिन सिंगल लाइन होने से क्षमता सीमित है। दोहरीकरण के बाद नई ट्रेनें शुरू हो सकेंगी और मौजूदा ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी।
रेलवे अधिकारियों का दावा है कि DPR जल्द तैयार हो जाएगी और काम में तेजी आएगी। इस प्रोजेक्ट से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि औद्योगिक और कृषि उत्पादों के परिवहन में भी बड़ा फायदा होगा। बरेली, पीलीभीत और लखीमपुर जैसे क्षेत्रों का आर्थिक विकास नए मुकाम तक पहुंचेगा।

