Pleasure Marriage Indonesia: एक मुस्लिम देश इंडोनेशिया में ऐसी प्रथा सामने आई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है। यहाँ कुछ महिलाएँ 15 दिनों के लिए ‘पत्नी’ बनती हैं, और बदले में उन्हें पैसे मिलते हैं। इस प्रथा को ‘प्लेजर मैरिज’ या ‘निकाह मुताह’ कहा जाता है। यह चलन इंडोनेशिया के पुनकक (Puncak) इलाके में खासतौर पर देखा जाता है, जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और अरबी प्रभाव के लिए मशहूर है। लेकिन इस प्रथा की सच्चाई बेहद दर्दनाक है, क्योंकि इसके पीछे गरीबी और मजबूरी की कहानी छिपी है।
क्या है ‘प्लेजर मैरिज’? (What is Pleasure Marriage)
‘प्लेजर मैरिज (Pleasure Marriage)’ एक अस्थाई शादी (Temporary Marriage) की व्यवस्था है, जिसमें महिलाएँ, खासकर गरीब समुदायों की, मध्य पूर्व से आने वाले अमीर टूरिस्टों से कुछ दिनों के लिए शादी करती हैं। यह शादी आमतौर पर 5 से 15 दिनों तक चलती है और टूरिस्ट के देश छोड़ने पर खत्म हो जाती है। इस दौरान महिलाएँ न केवल यौन सेवाएँ देती हैं, बल्कि घरेलू काम जैसे खाना बनाना, सफाई करना और अन्य सेवाएँ भी करती हैं। यह प्रथा इंडोनेशिया के पुनकक क्षेत्र के कोटा बूंगा जैसे टूरिस्ट रिसॉर्ट्स में ज्यादा प्रचलित है। लॉस एंजिल्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रथा अवैध है, लेकिन कमज़ोर कानूनी कार्रवाई के कारण यह एक उद्योग बन चुकी है, जो टूरिज्म और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है।
गरीबी और मजबूरी की कहानी
प्लेजर मैरिज (Pleasure Marriage) में शामिल ज्यादातर महिलाएँ गरीब परिवारों से होती हैं, जिनके पास आजीविका का कोई दूसरा साधन नहीं होता। एक महिला, जिसका नाम काहया (बदला हुआ नाम) बताया गया, ने लॉस एंजिल्स टाइम्स को अपनी कहानी साझा की। उसने बताया कि वह 17 साल की उम्र से इस प्रथा में शामिल है और अब तक 15 से ज्यादा बार मध्य पूर्व के टूरिस्टों से अस्थाई शादी कर चुकी है। उसकी पहली शादी एक 50 साल के सऊदी पुरुष से हुई, जिसने 850 डॉलर (लगभग 71,400 रुपये) का दहेज दिया, लेकिन एजेंट और अन्य खर्चों के बाद उसे केवल आधा पैसा मिला। काहया ने बताया कि वह हर शादी से 300 से 500 डॉलर कमाती है, जो उसके बीमार दादा-दादी की देखभाल और किराए के लिए मुश्किल से काफी होता है।
कैसे काम करता है निकाह मुताह का ये धंधा?
पुनकक (Puncak) के कोटा बूंगा (Kota Bunga) में एजेंसियाँ और ब्रोकर इस प्रथा को चलाते हैं। ये ब्रोकर टूरिस्टों को स्थानीय महिलाओं से मिलवाते हैं। एक छोटा-सा विवाह समारोह होता है, जिसमें दहेज तय किया जाता है। शादी के बाद महिला टूरिस्ट के साथ रहती है, और जब वह देश छोड़ता है, तो शादी खत्म हो जाती है। कुछ मामलों में, टूरिस्ट केवल यौन सेवाएँ नहीं, बल्कि घरेलू काम के लिए भी महिलाओं को ‘पत्नी’ के रूप में रखते हैं। इंडोनेशिया के कानून में ऐसी अस्थाई शादियाँ अवैध हैं, लेकिन कानून का पालन न होने से यह प्रथा खुलेआम चल रही है।
एक और महिला की कहानी
एक अन्य महिला, निसा, ने भी अपनी कहानी साझा की। उसने 20 से ज्यादा बार अस्थाई शादियाँ कीं, लेकिन बाद में वह इस चक्र से निकल पाई। उसने एक इंडोनेशियाई इमिग्रेशन अधिकारी से शादी की और अब दो बच्चों के साथ नई ज़िंदगी जी रही है। निसा ने कसम खाई कि वह कभी इस अतीत में नहीं लौटेगी। उसने बताया कि गरीबी और परिवार की ज़रूरतों ने उसे इस रास्ते पर धकेला था।
इस्लामी कानून और विवाद
‘प्लेजर मैरिज’ या ‘निकाह मुताह’ की जड़ें शिया इस्लाम में हैं, लेकिन इसे ज्यादातर इस्लामी विद्वान अनैतिक मानते हैं। इंडोनेशिया, जो मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम देश है, में यह प्रथा कानूनी रूप से मान्य नहीं है। जकार्ता के स्यारिफ हिदायतुल्लाह इस्लामिक स्टेट यूनिवर्सिटी में इस्लामी परिवार कानून के प्रोफेसर यायन सोप्यान ने लॉस एंजिल्स टाइम्स को बताया कि यह प्रथा गरीबी और आर्थिक अवसरों की कमी के कारण बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “टूरिज्म इस आर्थिक ज़रूरत को पूरा करता है, और यह प्रथा अब फैल रही है।”
सामाजिक और नैतिक सवाल
इस प्रथा ने इंडोनेशिया और विदेशों में भारी विवाद पैदा किया है। सोशल मीडिया पर लोग इसे महिलाओं के शोषण और सेक्स टूरिज्म (Sex Tourism) का हिस्सा बताते हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह अस्थाई शादियों का काला धंधा टूरिज्म और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है, शायद इसलिए सरकार भी चुप है।” आलोचकों का कहना है कि यह प्रथा गरीब महिलाओं का शोषण करती है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कोई सुरक्षा नहीं है।
क्या है इसका मकसद?
प्लेजर मैरिज का मुख्य मकसद गरीब महिलाओं के लिए आजीविका कमाना है, लेकिन यह एक दर्दनाक सच्चाई को उजागर करता है। आर्थिक तंगी और बेरोज़गारी के कारण ये महिलाएँ मजबूरी में ऐसी शादियाँ करती हैं। यह प्रथा टूरिस्टों को सस्ती सेवाएँ और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ देती है, लेकिन इसके पीछे छिपा शोषण और महिलाओं की लाचारी गंभीर सवाल उठाता है।