बड़वानी, मध्यप्रदेश: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में दीवाली से पहले एक दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। एक 40 वर्षीय कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर अंगूर बाला लोनखेड़े ने कथित तौर पर पति द्वारा मंगलसूत्र न खरीदने की नाराजगी में नर्मदा नदी के पुल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके पति, जो इंदौर में बाल रोग विशेषज्ञ हैं, ने बताया कि पत्नी मंगलसूत्र की जिद कर रही थी और उनके लिए ब्रेसलेट खरीदने पर नाराज थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
नर्मदा नदी में छलांग, नहीं बची जान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना बड़वानी के छोटी कसरावद क्षेत्र में हुई, जहां अंगूर बाला ने 125 फीट ऊंचे नर्मदा नदी के पुल से छलांग लगा दी। कोतवाली थाना प्रभारी दिनेश कुशवाहा ने बताया कि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) ने उन्हें नदी से निकाला और जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वह कल्याणपुरा से स्कूटर लेकर पुल पर पहुंची थीं।
पति का बयान: मंगलसूत्र को लेकर थी नाराज
अंगूर बाला के पति डॉ. कृष्णा लोनखेड़े, जो इंदौर में बाल रोग विशेषज्ञ हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी सोने का मंगलसूत्र खरीदने की जिद कर रही थी। कुछ दिन पहले बेटी के लिए गहने खरीदे गए थे, तब उन्होंने मंगलसूत्र लेने का सुझाव दिया था, लेकिन अंगूर ने कीमत अधिक होने का हवाला देकर मना कर दिया। बाद में जब डॉ. कृष्णा ने अपने लिए सोने का ब्रेसलेट खरीदा, तो अंगूर नाराज हो गईं। उन्होंने कहा, “तुमने अपने लिए ब्रेसलेट ले लिया, लेकिन मेरे लिए मंगलसूत्र नहीं। तुम मुझसे प्यार नहीं करते।” इसी नाराजगी में वह दीवाली की सुबह स्कूटर लेकर घर से निकल गईं।
परिवार ने की थी रेस्क्यू की कोशिश
डॉ. कृष्णा ने बताया कि नाराजगी के बाद उन्होंने 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी और पत्नी के पीछे गए, लेकिन तब तक अंगूर नर्मदा नदी में कूद चुकी थीं। SDRF ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जांच में जुटी
कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि अंगूर बाला राजपुर ब्लॉक के बोरली हेल्थकेयर वेलनेस सेंटर में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर थीं। पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है और परिजनों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि विवाद की वजह केवल मंगलसूत्र थी या कोई और कारण। बड़वानी की सीएमएचओ डॉ. सुरेखा जमरे ने अंगूर बाला की मेहनती छवि की पुष्टि की और इस घटना को दुखद बताया।
सामाजिक और पारिवारिक चर्चा
यह घटना बड़वानी में चर्चा का विषय बन गई है। स्थानीय लोग इसे पारिवारिक विवाद और भावनात्मक तनाव का परिणाम मान रहे हैं। एक पड़ोसी ने कहा, “अंगूर बाला पढ़ी-लिखी और आत्मनिर्भर थीं। इतना बड़ा कदम उठाना समझ से परे है।” कुछ लोग इसे सामाजिक दबाव और रिश्तों में संवाद की कमी से जोड़ रहे हैं।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पति के बयान और परिस्थितियों को आधार बनाया है, लेकिन अन्य पहलुओं की पड़ताल की जा रही है। फोरेंसिक और अन्य साक्ष्यों के आधार पर यह जांच की जाएगी कि क्या कोई अन्य कारण इस घटना के पीछे था। फिलहाल, यह दुखद घटना दीवाली जैसे त्योहारी मौके पर परिवार और समाज के लिए एक बड़ा झटका बन गई है।
यह घटना रिश्तों में संवाद, समझ और भावनात्मक संतुलन की अहमियत को रेखांकित करती है। आत्मनिर्भर और शिक्षित होने के बावजूद अंगूर बाला का यह कदम कई सवाल छोड़ गया है। समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पारिवारिक रिश्तों में खुली बातचीत और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।

