ईद-उल-अज़हा से पहले MP वक्फ बोर्ड की सख्त हिदकायत: सड़कों पर न पढ़ें नमाज़, तय जगह पर करें कुर्बानी

MP News: मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने ईद-उल-अज़हा 2025 के लिए एडवाइजरी जारी की, जिसमें सड़कों पर नमाज़ न पढ़ने, केवल तय जगहों पर कुर्बानी करने, और सोशल मीडिया पर वीडियो/ऑडियो न शेयर करने की हिदायत दी गई।

Samvadika Desk
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AI जनित प्रतीकात्मक इमेज
Highlights
  • MP वक्फ बोर्ड ने ईद-उल-अज़हा 2025 के लिए एडवाइजरी जारी की: सड़कों पर नमाज़ न पढ़ें!
  • कुर्बानी केवल तयशुदा, ढके हुए स्थानों पर करें, प्रतिबंधित जानवरों से बचें!
  • कुर्बानी के वीडियो/ऑडियो सोशल मीडिया पर शेयर न करें, तनाव से बचें!

भोपाल, मध्य प्रदेश: ईद-उल-अज़हा से पहले मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। बोर्ड ने साफ निर्देश दिए हैं कि सड़कों पर ईद की नमाज़ नहीं पढ़ी जाए और कुर्बानी केवल तयशुदा जगहों पर ही की जाए। साथ ही, प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से बचने और सोशल मीडिया पर कुर्बानी के वीडियो या ऑडियो शेयर न करने की हिदायत दी गई है। यह एडवाइजरी त्योहार को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाने के लिए जारी की गई है।

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सड़कों पर नमाज़ से परहेज़

जानकारी के अनुसार, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल ने कहा कि ईद-उल-अज़हा इस्लाम का एक प्रमुख त्योहार है, और इसे गरिमा के साथ मनाया जाना चाहिए। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि ईद की नमाज़ केवल मस्जिदों, ईदगाहों, या उनके परिसरों में पढ़ी जाए। बिना ज़रूरत सड़कों पर नमाज़ पढ़ने से बचना होगा। अगर विशेष परिस्थितियों में ऐसा करना पड़े, तो स्थानीय प्रशासन की अनुमति और सहमति ज़रूरी होगी। यह कदम सांप्रदायिक सौहार्द और ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

कुर्बानी के लिए सख्त नियम

एडवाइजरी में कुर्बानी को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड ने कहा कि कुर्बानी केवल निर्धारित स्थानों पर की जाए, और इन जगहों को चारों ओर से दीवारों या टीन शेड से ढँककर गोपनीय रखा जाए। कुर्बानी स्थल पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और आवश्यक दवाओं का छिड़काव किया जाए, ताकि स्वच्छता बनी रहे। कुर्बानी के बाद जानवरों के अनुपयोगी हिस्सों को नगर निकाय के कंटेनरों या चयनित स्थानों पर ही निपटाया जाए। प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी को सख्ती से मना किया गया है, और सरकारी नियमों का पालन अनिवार्य बताया गया है।

सोशल मीडिया पर सतर्कता

वक्फ बोर्ड ने कुर्बानी से जुड़े किसी भी वीडियो या ऑडियो को सोशल मीडिया पर शेयर न करने की सलाह दी है। डॉ. पटेल ने कहा कि ऐसी सामग्री वायरल होने से सामाजिक तनाव पैदा हो सकता है। उन्होंने समुदाय से अपील की कि वे अपनी धार्मिक और नैतिक ज़िम्मेदारी समझें और संवेदनशीलता बनाए रखें। बोर्ड ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कुर्बानी की प्रक्रिया पूरी तरह निजी और व्यवस्थित हो।

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वक्फ संपत्तियों की निगरानी

मध्य प्रदेश में मस्जिदों, कब्रिस्तानों, दरगाहों, ईदगाहों, और मदरसों सहित लगभग 15,000 वक्फ संपत्तियाँ हैं। बोर्ड ने इनके प्रबंधकों (मुतवल्ली) और प्रबंध समितियों को निर्देश दिए हैं कि वे एडवाइजरी का पालन करें। डॉ. पटेल ने मीडिया रिपोर्टर को बताया कि प्रदेश के सभी कलेक्टरों को त्योहार को सफल और शांतिपूर्ण बनाने के लिए इन नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। समुदाय से अपील की गई है कि वे प्रशासन के साथ सहयोग करें और त्योहार को सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाएँ।

समुदाय से अपील

वक्फ बोर्ड की इस एडवाइजरी का मकसद ईद-उल-अज़हा को शांतिपूर्ण और गरिमापूर्ण तरीके से संपन्न करना है। बोर्ड ने समुदाय से अपील की कि वे साफ-सफाई, नियमों का पालन, और सामाजिक संवेदनशीलता का ध्यान रखें। यह कदम न केवल धार्मिक एकता को बढ़ावा देगा, बल्कि सामाजिक समरसता को भी मज़बूत करेगा।

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