भोपाल, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिंदू लड़कियों (Hindu Girls) को निशाना बनाकर किए गए दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग (Rape and Blackmail) के सनसनीखेज मामले, जिसे भोपाल लव जिहाद कांड (Bhopal Love Jihad Case) के नाम से जाना जा रहा है, में राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women, NCW) ने अपनी जाँच रिपोर्ट सौंप दी है। NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय जाँच दल बनाया था, जिसने 3 से 5 मई 2025 तक भोपाल में जाँच की। यह रिपोर्ट अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल को भेजी गई है, जिसमें मामले की गहन जाँच और संगठित अपराध (Organized Crime) की धाराओं के तहत कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
NCW की रिपोर्ट में बड़े खुलासे
NCW की जाँच में सामने आया है कि भोपाल में हिंदू छात्राओं को सुनियोजित तरीके से प्रेमजाल (Love Trap) में फँसाया गया। आरोपियों ने महंगे उपहार (Expensive Gifts), कपड़े, और मोटरसाइकिल जैसे लालच देकर लड़कियों को आकर्षित किया। इसके बाद उन्हें नशीले पदार्थ (Narcotics) खिलाकर उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें (Objectionable Photos) खींची गईं, जिनका इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग (Blackmailing) के लिए किया गया। सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि पीड़िताओं पर मतांतरण (Religious Conversion) के लिए लगातार दबाव डाला गया।
रिपोर्ट में संदेह जताया गया है कि इस अपराध के पीछे एक बड़ा संगठित नेटवर्क (Organized Network) काम कर रहा हो सकता है। NCW ने सुझाव दिया है कि आरोपियों के खिलाफ संगठित अपराध से संबंधित कड़ी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। अभी तक इस मामले में छह पीड़ित लड़कियाँ सामने आई हैं, जिनमें दो सगी बहनें शामिल हैं। मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी लव जिहाद (Love Jihad) के समान मामले सामने आए हैं, जिसने इस मुद्दे की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
आरोपियों की विलासिता और ड्रग तस्करी का शक
NCW की रिपोर्ट में आरोपियों की जीवनशैली पर भी सवाल उठाए गए हैं। जाँच में पाया गया कि आरोपियों की पारिवारिक स्थिति सामान्य है, लेकिन उनकी जीवनशैली अत्यधिक विलासितापूर्ण (Luxurious Lifestyle) है। यह संदेह पैदा करता है कि वे ड्रग तस्करी (Drug Trafficking) जैसे संगठित अपराधों में शामिल हो सकते हैं। NCW ने सिफारिश की है कि उनकी आय के स्रोतों और संभावित वित्त पोषण (Funding) की जाँच की जाए। यह भी पता लगाया जाए कि क्या कोई संगठन इन गतिविधियों को आर्थिक रूप से समर्थन दे रहा है।
पीड़िताओं का साहस और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
रिपोर्ट में पीड़िताओं के साहस की तारीफ की गई है। मानसिक और सामाजिक दबाव (Mental and Social Pressure) के बावजूद, उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए थाना बागसेवनिया में FIR दर्ज कराई। पुलिस की तत्परता से आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार (Arrested) किया गया। NCW ने इस मामले में बागसेवनिया पुलिस की सक्रियता की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर जाँच ज़रूरी है।
NCW की सिफारिशें और एडवाइज़री
NCW ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस-प्रशासन, शैक्षणिक संस्थानों, और मीडिया के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:
- शैक्षणिक संस्थानों के लिए: सभी कॉलेजों को प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट (Prevention of Sexual Harassment) नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। उन्हें जिला प्रशासन को अनुपालन रिपोर्ट (Compliance Report) जमा करनी होगी। साथ ही, शिकायत हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) और ईमेल आईडी को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा।
- छात्रवृत्ति योजनाओं की जाँच: जिन संस्थानों को सरकारी योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति (Scholarship) या मुफ्त शिक्षा मिलती है, उन्हें छात्रों की उपस्थिति (Attendance) और ड्रॉपआउट कारणों का रिकॉर्ड रखना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि योजनाओं का दुरुपयोग न हो।
- राज्यव्यापी जाँच: NCW ने पूरे मध्य प्रदेश में लव जिहाद और ब्लैकमेलिंग के मामलों की जाँच की माँग की है। यह पता लगाया जाए कि क्या कोई रैकेट (Racket) सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर सक्रिय है।
- शिक्षा के नाम पर धनार्जन: कुछ शिक्षण संस्थानों द्वारा सस्ती ज़मीन और छात्रवृत्ति योजनाओं का दुरुपयोग कर “शिक्षा की दुकानें” चलाने की जाँच हो।
- महिला योजनाओं का हिसाब: राज्य सरकार को यह बताना होगा कि महिलाओं के लिए योजनाओं और कौशल विकास (Skill Development) के लिए मिली धनराशि का उपयोग कैसे हुआ।
भोपाल लव जिहाद कांड की गूँज
यह मामला न केवल भोपाल, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। NCW की रिपोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि लव जिहाद जैसे मामले सिर्फ व्यक्तिगत अपराध नहीं, बल्कि एक संगठित साजिश (Organized Conspiracy) का हिस्सा हो सकते हैं। पीड़िताओं पर मतांतरण का दबाव और ब्लैकमेलिंग की रणनीति समाज में डर और असुरक्षा पैदा करती है। NCW ने सरकार से अपील की है कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएँ।
सरकार और समाज के सामने चुनौती
NCW की सिफारिशें मध्य प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ी ज़िम्मेदारी लाई हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को न केवल इस मामले की गहन जाँच करानी होगी, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों और योजनाओं के दुरुपयोग पर भी नकेल कसनी होगी। यह कांड समाज के सामने भी एक सवाल खड़ा करता है कि क्या युवतियों की सुरक्षा (Women’s Safety) और उनकी स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं?
लव जिहाद: एक संगठित अपराध!
भोपाल लव जिहाद कांड ने न केवल एक संगठित अपराध नेटवर्क की संभावना को उजागर किया, बल्कि समाज और प्रशासन को महिलाओं की सुरक्षा और शैक्षणिक संस्थानों की जवाबदेही पर सोचने के लिए मजबूर किया। NCW की यह रिपोर्ट एक चेतावनी है कि ऐसे अपराधों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। अब देखना यह है कि मध्य प्रदेश सरकार इस मामले में कितनी तेज़ी और सख्ती से कार्रवाई करती है।