छतरपुर, मध्य प्रदेश: (Chhatarpur Love Story) मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया, जिसने रिश्तों की परिभाषा पर सवाल खड़े कर दिए। तीन मासूम बच्चियों की माँ, राजकुमारी (25 वर्ष), अपने भतीजे के साथ घर छोड़कर फरार हो गई। पति का दावा, वह अपने साथ 50 हजार रुपये नकद और 2 लाख रुपये के जेवरात भी ले गई। बेसहारा पति मनीष अहिरवार अब अपनी तीन बेटियों के साथ इंसाफ की गुहार लगा रहा है। उसने नौगांव थाने में शिकायत दर्ज कर पत्नी और भतीजे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों की तलाश शुरू कर दी है।
घटना का पूरा ब्योरा
यह मामला नौगांव थाना क्षेत्र के वनगाय गाँव का है। मनीष अहिरवार ने बताया कि शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025 की सुबह करीब 5 बजे, जब उनकी नींद खुली, तो पत्नी राजकुमारी घर पर नहीं थी। उस समय उनकी तीन बेटियाँ स्कूल जाने की तैयारी कर रही थीं। मनीष ने तुरंत घर और आसपास के इलाकों में राजकुमारी की तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई अता-पाता नहीं चला। “मैंने सभी रिश्तेदारों से पूछा, गाँव में खोजा, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला,” मनीष ने पुलिस को बताया।
जब मनीष ने घर की तलाशी ली, तो उन्हें पता चला कि 50 हजार रुपये नकद और 2 लाख रुपये के जेवरात गायब हैं। इसके साथ ही उनका भतीजा भी घर से लापता था। मनीष का कहना है कि उसे कुछ समय से भतीजे पर शक था, लेकिन उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी पत्नी ऐसा कदम उठाएगी। “मेरी पत्नी ने अपनी तीन मासूम बेटियों को बेसहारा छोड़ दिया। मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि ममता की मूरत कही जाने वाली माँ अपने बच्चों की दुनिया उजाड़ देगी,” मनीष ने भावुक होकर कहा।
गाँव वालों के बीच भी इस घटना ने हड़कंप मचा दिया। स्थानीय लोग राजकुमारी को ‘चाची जी’ कहकर बुलाते थे, और उनके भतीजे के साथ प्रेम प्रसंग की खबर ने सभी को हैरान कर दिया। मनीष के अनुसार, भतीजे और राजकुमारी के बीच कुछ समय से नज़दीकियाँ बढ़ रही थीं, लेकिन वह इस बात को नज़रअंदाज़ करता रहा। “मुझे शक था, लेकिन मैंने सोचा कि शायद मैं गलत हूँ। लेकिन शुक्रवार की सुबह मेरा शक यकीन में बदल गया,” उसने बताया।
पुलिस की कार्रवाई और जाँच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनीष अपनी तीन बेटियों को लेकर नौगांव थाने पहुँचा और पत्नी व भतीजे के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उसने पुलिस को बताया कि राजकुमारी ने न सिर्फ़ घर छोड़ा, बल्कि परिवार की मेहनत की कमाई और जेवरात भी ले गई। “मेरी बेटियाँ अपनी माँ को ढूँढ रही हैं। मैं चाहता हूँ कि पुलिस मेरी पत्नी और भतीजे को ढूँढे और उन्हें सजा दे,” मनीष ने अपनी शिकायत में कहा।
नौगांव थाने की पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। SDOP अमित मेशराम ने बताया, “हमें 16 अप्रैल को महिला के लापता होने की सूचना मिली थी। पति की शिकायत के बाद हमने मामला दर्ज किया है। हमने रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की, लेकिन अभी तक राजकुमारी का कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी है।” SDOP के अनुसार, पुलिस गाँव और आसपास के इलाकों में छानबीन कर रही है, साथ ही संभावित ठिकानों पर भी नज़र रख रही है।
हालाँकि, अभी तक राजकुमारी या भतीजे का कोई पता नहीं चला है, और पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है। जाँच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह केवल प्रेम प्रसंग का मामला है, या इसके पीछे कोई अन्य मंशा (जैसे आर्थिक लाभ) थी। मनीष ने पुलिस से यह भी अनुरोध किया है कि उनकी गायब हुई राशि और जेवरात की वसूली के लिए कदम उठाए जाएँ।
परिवार पर प्रभाव
इस घटना का सबसे गहरा असर मनीष और उनकी तीन बेटियों पर पड़ा है। मनीष ने बताया कि उनकी बेटियाँ अपनी माँ के अचानक चले जाने से सदमे में हैं। “सुबह जब वे स्कूल जाने की तैयारी कर रही थीं, तो उन्हें नहीं पता था कि उनकी माँ अब उनके साथ नहीं होगी। वे बार-बार पूछ रही हैं कि मम्मी कहाँ गईं,” मनीष ने कहा। गाँव में भी इस घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने मनीष और उसकी बेटियों के प्रति सहानुभूति जताई, लेकिन राजकुमारी के इस कदम की निंदा भी की।
मनीष अब अकेले अपनी बेटियों की देखभाल कर रहा है। उसने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति पहले से ही कमज़ोर थी, और 50 हजार रुपये और 2 लाख के जेवरात का नुकसान उसके लिए बड़ा झटका है। “मैं एक मज़दूर हूँ। ये पैसे और जेवरात मेरी सालों की मेहनत थे। अब मेरे पास अपनी बेटियों को पालने के लिए बहुत कम संसाधन बचे हैं,” उसने कहा।
रिश्तों पर सवाल
यह घटना रिश्तों की बदलती परिभाषा और सामाजिक ज़िम्मेदारियों पर गंभीर सवाल उठाती है। राजकुमारी का अपने भतीजे के साथ फरार होना और तीन बच्चियों को छोड़ना न सिर्फ़ एक पारिवारिक त्रासदी है, बल्कि समाज में रिश्तों के प्रति बढ़ती उदासीनता को भी दर्शाता है। मनीष ने कहा, “मैंने अपनी पत्नी पर पूरा भरोसा किया, लेकिन उसने मेरे और मेरी बेटियों के साथ विश्वासघात किया।”
हाल के दिनों में इस तरह की कई घटनाएँ सामने आई हैं, जहाँ रिश्तों की पारंपरिक सीमाएँ टूटी हैं। कुछ दिनों पहले सास का दामाद के साथ फरार हो जाना और समधी-समधन का रिश्तों की गरिमा को नजरअंदाज कर फरार हो जाना आदि। छतरपुर की यह घटना भी उनमें से एक है, जो माता-पिता की ज़िम्मेदारी और पारिवारिक मूल्यों पर बहस छेड़ती है। क्या व्यक्तिगत इच्छाएँ परिवार और बच्चों की ज़िम्मेदारी से ऊपर हो सकती हैं? यह सवाल न सिर्फ़ मनीष, बल्कि पूरे समाज के सामने है।
पुलिस जाँच और भविष्य
पुलिस की जाँच अब इस मामले की गहराई में जा रही है। SDOP अमित मेशराम ने आश्वासन दिया है कि पुलिस हर संभावित जगह पर तलाश कर रही है। “हम यह भी जाँच रहे हैं कि क्या राजकुमारी और भतीजे ने पहले से इसकी योजना बनाई थी। अगर कोई आपराधिक मंशा पाई गई, तो उचित कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने कहा।
मनीष और उसकी बेटियों के लिए यह समय बेहद कठिन है। वह अपनी पत्नी के लौटने की उम्मीद तो रखता है, लेकिन उसका सबसे बड़ा सवाल है कि उसकी बेटियों का भविष्य अब क्या होगा। “मैं चाहता हूँ कि मेरी बेटियाँ पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर बनें। लेकिन इसके लिए मुझे सहारा चाहिए,” उसने कहा।
यह घटना छतरपुर के वनगाय गाँव की एक त्रासदी बन चुकी है, जिसने न सिर्फ़ एक परिवार को तोड़ा, बल्कि समाज में रिश्तों और ज़िम्मेदारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस की जाँच और मनीष की उम्मीदें अब इस कहानी के अगले अध्याय को तय करेंगी।