महाराष्ट्र में लाडली बहना योजना का दुरुपयोग: सरकारी कर्मचारी महिलाओं से होगी सख्त वसूली

Ladli Behna Yojana: महाराष्ट्र की लाडली बहना योजना में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसमें 2,656 सरकारी कर्मचारी महिलाओं ने फर्जी दस्तावेजों से 3.58 करोड़ रुपये का लाभ लिया। सरकार ने इनसे वसूली और सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। आधार सत्यापन और IT जाँच से गड़बड़ी पकड़ी गई, जिसमें कुछ महिलाएँ नमो शेतकरी योजना का भी दोहरा लाभ ले रही थीं।

Samvadika Desk
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मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना
Highlights
  • महाराष्ट्र में लाडली बहना योजना का दुरुपयोग, सरकारी कर्मचारियों से वसूली शुरू!
  • 2,656 कर्मचारी महिलाओं ने फर्जी दस्तावेजों से लिया 3.58 करोड़ का लाभ!
  • चंद्रशेखर बावनकुले: “गरीबों का हक छीनने वालों से हर पाई वसूल होगी।”
  • दोहरे लाभ का खुलासा: नमो शेतकरी योजना के साथ लिया लाडली का पैसा!

मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र सरकार ने लाडली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) के तहत गलत तरीके से लाभ लेने वाली सरकारी कर्मचारी महिलाओं (Government Employee Women) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं (Economically Weaker Women) को हर महीने 1,500 रुपये की सहायता देने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन जाँच में खुलासा हुआ कि कई सरकारी नौकरी वाली महिलाएँ फर्जी दस्तावेजों (Fake Documents) के जरिए इसका फायदा उठा रही थीं। अब सरकार ने इनसे पूरी राशि की वसूली (Recovery) और सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है।

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लाडली बहना योजना का मकसद और गड़बड़ी

महाराष्ट्र में लाडली बहना योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता (Financial Independence) और बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। इसके तहत पात्र महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 1,500 रुपये मासिक भेजे जाते हैं। मध्य प्रदेश की तर्ज पर शुरू हुई इस स्कीम को महायुति गठबंधन (Mahayuti Alliance) ने बड़े स्तर पर लागू किया, जिसमें 1.5 करोड़ महिलाओं को लाभ देने के लिए 46,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया। हाल ही में सरकार ने सहायता राशि को 2,100 रुपये करने की घोषणा भी की।

लेकिन जाँच में सामने आया कि कई सरकारी कर्मचारी महिलाएँ, जो इस योजना की पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करतीं, गलत तरीके से लाभ ले रही थीं। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (Chandrashekhar Bawankule) ने इसे गंभीर अपराध बताया। उन्होंने कहा, “इन महिलाओं ने गरीब और जरूरतमंद बहनों का हक छीना। यह अन्याय है, और उनसे हर पाई वापस ली जाएगी।” सरकार ने अगस्त 2024 से 2025 तक दी गई 13,500 रुपये प्रति महिला की राशि की वसूली शुरू कर दी है, जिसका कुल आँकड़ा 3.58 करोड़ रुपये है।

फर्जीवाड़ा कैसे पकड़ा गया?

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) ने इस साल कर्मचारियों के डेटा की जाँच आधार सत्यापन (Aadhaar Verification) और आईटी विभाग (IT Department) की मदद से की। 1.20 लाख सरकारी कर्मचारी महिलाओं के रिकॉर्ड खंगाले गए, जिसमें 2,656 महिलाएँ फर्जी कागजातों के जरिए योजना का लाभ लेती पाई गईं। चौंकाने वाला खुलासा यह था कि 7 लाख से अधिक महिलाएँ लाडली बहना योजना के साथ-साथ नमो शेतकरी महासम्मान निधि (Namo Shetkari Mahasanman Nidhi) जैसी दूसरी योजनाओं का भी दोहरा लाभ ले रही थीं। सरकार ने इन सभी के भुगतान रोक (Payment Suspension) दिए और राशि वापस जमा करने का निर्देश दिया।

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अभी 6 लाख और महिलाओं की जाँच बाकी है। सरकार जल्द ही इसके लिए समयसीमा (Deadline) तय करेगी, और समय पर राशि न लौटाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई (Strict Action) की चेतावनी दी गई है।

कौन है पात्र?

इस आर्थिक सहायता योजना की पात्रता शर्तें साफ हैं:

  • महिला की उम्र 21 से 65 वर्ष (Age Limit) होनी चाहिए।
  • पारिवारिक वार्षिक आय (Annual Family Income) 2.5 लाख रुपये से कम हो।
  • विवाहित, अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्त, और निराश्रित महिलाएँ (Married, Unmarried, Widowed, Divorced, Abandoned, Destitute) लाभ ले सकती हैं।
  • सरकारी कर्मचारी (Government Employees) या आयकर दाता (Income Tax Payers) परिवारों की महिलाएँ पात्र नहीं हैं।

सरकार की सख्ती और भविष्य

महाराष्ट्र सरकार ने योजना के दुरुपयोग को रोकने के लिए जाँच प्रक्रिया को और मजबूत करने का फैसला किया है। बावनकुले ने कहा कि डेटा विश्लेषण (Data Analysis) और आधार सत्यापन के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभ केवल सही हकदारों तक पहुँचे। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ वसूली के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) भी होगी।

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यह मामला प्रशासनिक खामियों (Administrative Lapses) को उजागर करता है, लेकिन साथ ही सरकार की पारदर्शिता (Transparency) और जवाबदेही (Accountability) को भी दर्शाता है। सरकार का लक्ष्य है कि यह स्कीम जरूरतमंद महिलाओं के लिए वरदान बने, न कि फर्जीवाड़े का जरिया।

योजना का प्रभाव

लाडली बहना योजना ने लाखों महिलाओं को आर्थिक सहारा दिया है, जिससे उनके स्वास्थ्य (Health), पोषण (Nutrition), और परिवार में भूमिका मजबूत हुई है। लेकिन इस तरह की गड़बड़ियाँ योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हैं। सरकार की सख्ती यह संदेश देती है कि गरीबों के हक का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना है कि यह वसूली और जाँच प्रक्रिया कितनी प्रभावी साबित होती है।

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