गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद पुलिस ने कानून व्यवस्था को मजबूत करने और थानों में पारदर्शिता लाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब शहर के सभी थानों और एसीपी कोर्ट परिसरों में 86 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी के लिए तीनों जोनल पुलिस उपायुक्त कार्यालयों में कमांड एंड कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। इस पहल का मकसद पुलिस और नागरिकों की गतिविधियों पर 24 घंटे नजर रखना, शिकायतों की निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करना और पुलिस व्यवहार में सुधार लाना है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह कदम गाजियाबाद में पुलिस सेवाओं को अधिक उत्तरदायी और समयबद्ध बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
थानों में सीसीटीवी और निगरानी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक थाने में तीन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं: एक थाना परिसर में, दूसरा कार्यालय में, और तीसरा उस स्थान पर जहाँ शिकायतें दर्ज की जाती हैं। कुल 86 कैमरे, जिनमें 68 थानों में और 18 एसीपी कोर्ट परिसरों में लगाए गए हैं, 24 घंटे निगरानी करेंगे। तीन शिफ्टों में तैनात पुलिस कर्मी इन कमांड एंड कंट्रोल रूम्स से हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। इससे थानों में आने वाले शिकायतकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के व्यवहार की पूरी जानकारी मिलेगी। संदिग्ध गतिविधियों या दुर्व्यवहार की स्थिति में तत्काल रिपोर्टिंग और कार्रवाई होगी। इस प्रणाली का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि शिकायतकर्ताओं को अनावश्यक रूप से रोका न जाए और उनकी शिकायतों का निष्पक्ष समाधान हो।
पहले भी रही है सिटिजन चार्टर की पहल
गाजियाबाद पुलिस ने पहले भी सिटिजन चार्टर के तहत पासपोर्ट सत्यापन और अन्य सेवाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की व्यवस्था लागू की थी। लेकिन अब कमांड एंड कंट्रोल रूम के साथ एक फीडबैक सेल भी शुरू किया गया है, जो सेवाओं की गुणवत्ता और पुलिस व्यवहार पर नजर रखेगा। यह नई प्रणाली न केवल तकनीकी उन्नति का प्रतीक है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ाने का भी प्रयास है।
पारदर्शिता और जवाबदेही का नया दौर
यह पहल गाजियाबाद में पुलिसिंग को और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सीसीटीवी निगरानी और कमांड सेंटर के जरिए पुलिसकर्मियों के व्यवहार और शिकायतों की प्रक्रिया में सुधार की उम्मीद है। यह प्रणाली न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि नागरिकों को यह भरोसा भी देगी कि उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी और उनका निपटारा निष्पक्ष रूप से होगा।
जनता और पुलिस के बीच विश्वास की कड़ी
गाजियाबाद पुलिस की यह पहल तकनीक और जवाबदेही का संगम है। यह समाज को यह संदेश देती है कि पुलिस व्यवस्था में सुधार और नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। यह कदम न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएगा, बल्कि जनता और पुलिस के बीच विश्वास को भी मजबूत करेगा।