रंगारेड्डी, तेलंगाना: तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के शंकरपल्ली में एक हैरान करने वाली घटना ने रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय लोगों को सकते में डाल दिया। एक महिला ने कोंडाकल रेलवे गेट और शंकरपल्ली के बीच रेलवे ट्रैक पर अपनी कार दौड़ा दी, जिससे रेल सेवाएँ करीब 45 मिनट तक ठप रहीं। बेंगलुरु से हैदराबाद आने वाली ट्रेनों सहित कई ट्रेनें प्रभावित हुईं। शुरुआती जाँच में संदेह है कि महिला शराब के नशे में थी, और पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।
रेलवे ट्रैक पर कार का हंगामा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना उस समय हुई जब रेलवे कर्मचारियों को सूचना मिली कि एक महिला रेलवे ट्रैक पर तेज रफ्तार से कार चला रही है। कर्मचारियों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन महिला ने पटरियों के बीच कार दौड़ाना जारी रखा। इससे रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मच गया, और एक बड़े हादसे की आशंका के चलते एक ट्रेन को तुरंत रोकना पड़ा। कर्मचारियों को महिला को कार से उतारने, गाड़ी को ट्रैक से हटाने, और पटरियों की सुरक्षा जाँचने में करीब 30 मिनट लगे। इस दौरान रेल सेवाएँ पूरी तरह बाधित रहीं।
चॉकलेट ने बढ़ाई घबराहट
हंगामा तब और बढ़ गया जब कर्मचारियों ने महिला के हाथ में ‘चॉकलेट’ जैसी वस्तु देखी, जिससे उनकी चिंता और घबराहट बढ़ गई। आशंका थी कि यह कोई संदिग्ध वस्तु हो सकती है। तुरंत स्थानीय पुलिस को बुलाया गया, और कड़ी मशक्कत के बाद महिला और उसकी कार को ट्रैक से हटाया गया। इस घटना ने रेलवे कर्मचारियों और आसपास के लोगों को डर और हैरानी में डाल दिया।
पुलिस जाँच और ट्रेनों में देरी
स्थानीय पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, महिला शराब के नशे में हो सकती थी, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए गहन जाँच जारी है। रेलवे ट्रैक पर कार के कारण बेंगलुरु-हैदराबाद रूट की ट्रेनों सहित कई ट्रेनें 45 मिनट देरी से चलीं। रेलवे अधिकारियों ने ट्रैक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद ही ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।
सामाजिक और सुरक्षा सवाल
यह विचित्र घटना सड़क और रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है। क्या नशे में गाड़ी चलाने की बढ़ती घटनाओं पर सख्ती की जरूरत है? रेलवे ट्रैक जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए? यह मामला न केवल लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि प्रशासन से बेहतर निगरानी और त्वरित कार्रवाई की माँग करता है।