औरैया, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई, जिसने सभी को हैरान कर दिया। कंचौसी गाँव के एक युवक की शादी घाटमपुर में तय थी, लेकिन उसकी प्रेमिका ने पुलिस को सूचना देकर बरात रुकवा दी। अंततः युवक ने अपनी प्रेमिका से शादी रचा ली, जबकि घाटमपुर की दुल्हन ने अपनी बहन के देवर के साथ विवाह कर लिया। यह अजब-गजब घटनाक्रम न केवल प्रेम और विश्वास की कहानी है, बल्कि सामाजिक रीति-रिवाजों के बीच नए रास्ते तलाशने की मिसाल भी है।
प्रेमिका की हिम्मत और पुलिस का हस्तक्षेप
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंचौसी गाँव के एक युवक, जो नोएडा में प्राइवेट नौकरी (Private Job) करता है, की शादी उसके परिजनों ने घाटमपुर की एक युवती से तय की थी। रविवार, 11 मई 2025 को बरात जानी थी। लेकिन युवक की बिहार निवासी प्रेमिका, जिसके साथ वह नोएडा में तीन साल से लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) में रह रहा था, को यह बात पता चली। उसने 10 मई को नोएडा से कंचौसी पहुँचकर युवक के परिवार को उनके प्रेम संबंधों के बारे में बताया।
परिजनों ने पहले शादी के लिए मना किया। बात न बनने पर प्रेमिका ने दिबियापुर थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने शुरू में इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद उसने यूपी 112 पर कॉल की, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। चौकी प्रभारी प्रवीन कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुँचे और प्रेमी, प्रेमिका, और परिजनों को चौकी ले गए। प्रेमिका ने पुलिस को बताया कि वह एक बार प्रेमी के कहने पर गर्भवती हुई थी और गर्भपात (Abortion) करवाया था। इस खुलासे के बाद परिजन शादी के लिए राजी हो गए, और सोमवार, 12 मई 2025 को औरैया के आर्य समाज मंदिर में प्रेमी-प्रेमिका का विवाह (Arya Samaj Marriage) संपन्न हुआ।
घाटमपुर की दुल्हन का नया रास्ता
दूसरी ओर, घाटमपुर की दुल्हन, जिसके साथ युवक की शादी तय थी, को इस घटनाक्रम की जानकारी मिली। उसने हिम्मत दिखाते हुए अपनी बहन के देवर के साथ शादी करने का फैसला किया। बताया जाता है कि यह देवर पहले से ही उससे शादी करने को तैयार था, लेकिन दुल्हन के पिता ने एक ही परिवार में दो बेटियों की शादी से इनकार कर दिया था। जब रविवार को बरात रुकने की खबर मिली, तो परिजनों ने देवर के साथ शादी को उचित माना। इस तरह, दुल्हन ने कानपुर देहात के इस युवक के साथ नया जीवन शुरू किया।
प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात और प्रेम प्रसंग
इस अनोखी कहानी की शुरुआत नोएडा में हुई, जहाँ कंचौसी का युवक और बिहार की युवती एक ही कंपनी में काम करते थे। दोनों का प्रेम प्रसंग शुरू हुआ और वे तीन साल तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहे। इस दौरान उनका रिश्ता गहरा हुआ, लेकिन युवक के परिजनों को इसकी भनक नहीं थी। जब परिजनों ने उसकी शादी घाटमपुर में तय की, तो प्रेमिका ने हार नहीं मानी। उसने न केवल परिवार से बात की, बल्कि पुलिस की मदद से अपने प्यार को अंजाम तक पहुँचाया।
पुलिस का बयान और सामाजिक चर्चा
दिबियापुर थाना प्रभारी निरीक्षक मुकेश बाबू चौहान ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया कि इस मामले में कोई औपचारिक तहरीर (Written Complaint) नहीं मिली है। पुलिस ने केवल मध्यस्थता की और दोनों पक्षों को समझौते के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “मामला आपसी सहमति से सुलझ गया, और दोनों शादियाँ संपन्न हो गईं।” यह घटना औरैया और घाटमपुर में चर्चा का विषय बन गई है। लोग प्रेमिका की हिम्मत और दुल्हन के फैसले की तारीफ कर रहे हैं, जो सामाजिक बंधनों के बीच अपने लिए नया रास्ता चुनने में सफल रहीं।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश
यह प्रेम कहानी न केवल व्यक्तिगत साहस को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक रूढ़ियों पर भी सवाल उठाती है। प्रेमिका ने अपने रिश्ते को बचाने के लिए पुलिस और परिवार का सहारा लिया, जबकि घाटमपुर की दुल्हन ने बिना किसी विवाद के नया जीवन चुना। यह घटना लिव-इन रिलेशनशिप, प्रेम विवाह, और सामाजिक स्वीकृति (Social Acceptance) जैसे मुद्दों पर नई बहस छेड़ सकती है। साथ ही, यह दिखाती है कि प्यार और विश्वास के सामने कई बार पारंपरिक रीति-रिवाज भी नए रूप ले लेते हैं।