पटना, बिहार: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियाँ तेज हो गई हैं, और राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर है। शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये करने की घोषणा की, तो रविवार को तेजस्वी यादव ने इस फैसले को “टेंशन में लिया गया कदम” करार देते हुए नीतीश और उनकी पार्टी JDU पर जमकर हमला बोला। राजद नेता ने गंभीर आरोप लगाए, कहा कि JDU को BJP और RSS ने “हाईजैक” कर लिया है, और यहाँ तक कि JDU के टिकट भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बाँटेंगे। आइए, इस सियासी जंग और पेंशन विवाद की पूरी कहानी जानते हैं।
नीतीश की पेंशन घोषणा: 400 से 1,100 रुपये
शनिवार, 21 जून 2025 को नीतीश कुमार ने बिहार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में बड़ा बदलाव करते हुए पेंशन राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये प्रति माह करने का ऐलान किया। यह योजना विधवा महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, और दिव्यांगों के लिए है। नीतीश ने अपने X हैंडल पर लिखा, “मुझे खुशी है कि अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों को 1,100 रुपये मिलेंगे। जुलाई 2025 से यह राशि हर महीने की 10 तारीख को लाभार्थियों के खातों में जमा होगी।”
उन्होंने कहा कि इससे 1 करोड़ 9 लाख 59 हजार 255 लाभार्थियों को फायदा होगा। नीतीश ने यह भी जोड़ा कि “बुजुर्ग समाज का अनमोल हिस्सा हैं, और उनका सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।” यह घोषणा बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन (JDU-BJP) के लिए चुनावी माहौल में एक बड़ा दाँव मानी जा रही है।
तेजस्वी का पलटवार: “टेंशन में पेंशन बढ़ाई”
तेजस्वी यादव, राजद के प्रमुख चेहरा और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता, ने नीतीश की इस घोषणा को “चुनावी डर” और “महागठबंधन की नकल” बताया। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा, “20 साल से नीतीश जी ने पेंशन नहीं बढ़ाई। अब जब महागठबंधन की सरकार आने वाली है, तो टेंशन में पेंशन बढ़ा रहे हैं। हमने तो पहले ही वादा किया था कि हमारी सरकार बनी तो वृद्धा और विधवा पेंशन को 400 से 1,500 रुपये करेंगे। नीतीश जी बस हमारी योजनाओं की नकल कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई विजन नहीं है।”
तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश सरकार “थकी हुई” है और बिहार के विकास में उनकी कोई रुचि नहीं। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री अचेत अवस्था में हैं। एक उपमुख्यमंत्री ‘फाउल माउथ’ हैं, दूसरा ‘लाउड माउथ’—बस लालू जी और मुझे गाली देने में व्यस्त हैं। जनता इनसे तंग आ चुकी है।”
JDU पर BJP का कब्जा? तेजस्वी का बड़ा आरोप
तेजस्वी ने JDU और BJP के गठबंधन पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि JDU को BJP और RSS ने “हाईजैक” कर लिया है। तेजस्वी ने कहा, “JDU के टिकट भी अमित शाह बाँटेंगे, यह तय है। संजय झा RSS के आदमी हैं, अरुण जेटली के कोटे से JDU में आए हैं। नीतीश जी अब सिर्फ नाम के लिए मुख्यमंत्री हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह ने कई बार साफ किया है कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा, “BJP ने साफ कर दिया है कि चुनाव तक तो नीतीश जी को साथ रखेंगे, लेकिन बाद में कौन CM बनेगा, कोई नहीं जानता। बिहार की जनता इसे समझ रही है।”
बिहार के विकास पर सवाल
तेजस्वी ने नीतीश सरकार के 20 साल के शासन और केंद्र में BJP के 11 साल के कार्यकाल पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “नीतीश जी और PM मोदी ने मिलकर बिहार में क्या किया? कोई IT पार्क, SEZ, औद्योगिक क्लस्टर, सेमीकंडक्टर फैक्ट्री, खाद्य प्रसंस्करण इकाई, या शैक्षणिक केंद्र क्यों नहीं बनाया? बिहार को सिर्फ वादे मिले।”
उन्होंने वादा किया कि अगर राजद की सरकार बनी, तो वह इन सभी क्षेत्रों में काम करेंगे। तेजस्वी ने यह भी संकेत दिया कि वह राजद के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, जिससे उनकी सियासी महत्वाकांक्षा साफ झलकती है।
सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
तेजस्वी के बयानों ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। X पर कई यूजर्स ने उनके तंज और आरोपों का समर्थन किया। एक यूजर ने लिखा, “तेजस्वी ने सही कहा, नीतीश जी अब थक चुके हैं। पेंशन बढ़ाना सिर्फ चुनावी जुमला है।” दूसरे ने तंज कसा, “JDU अब BJP की B-टीम बन गई है। अमित शाह टिकट बाँटें या CM चुनें, नीतीश जी बस तमाशा देख रहे हैं।”
हालांकि, कुछ यूजर्स ने नीतीश की पेंशन योजना की तारीफ भी की। एक ने लिखा, “1,100 रुपये पेंशन से लाखों बुजुर्गों, विधवाओं, और दिव्यांगों को राहत मिलेगी। नीतीश जी ने अच्छा कदम उठाया।” लेकिन तेजस्वी के आरोपों ने सत्तारूढ़ गठबंधन को बैकफुट पर ला दिया है।
सियासी जंग का पेंशन कनेक्शन
बिहार चुनाव 2025 से पहले पेंशन राशि में बढ़ोतरी और तेजस्वी के तीखे हमले सियासी माहौल को और गर्म कर रहे हैं। नीतीश की घोषणा को जहाँ कुछ लोग बुजुर्गों और कमजोर वर्गों के लिए राहत का कदम बता रहे हैं, वहीं तेजस्वी इसे “चुनावी हथकंडा” कहकर खारिज कर रहे हैं।
तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी की माँगों के दबाव में नीतीश को यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा, “हमने हर मंच पर पेंशन बढ़ाने की बात कही थी। अब नीतीश जी घबराहट में हमारे वादों को कॉपी कर रहे हैं। लेकिन जनता समझदार है, वो हमें मौका देगी।”
बिहार चुनाव का माहौल
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, और JDU-BJP गठबंधन और राजद-कांग्रेस के महागठबंधन के बीच काँटे की टक्कर है। नीतीश कुमार की पेंशन योजना को गठबंधन का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है, जो कमजोर वर्गों को लुभाने की कोशिश है। दूसरी ओर, तेजस्वी अपने युवा चेहरे, आक्रामक बयानबाजी, और विकास के वादों के साथ जनता को रिझाने में जुटे हैं।
तेजस्वी का यह दावा कि JDU को BJP ने हाईजैक कर लिया है, गठबंधन में तनाव की ओर इशारा करता है। साथ ही, उनके “नीतीश टायर्ड, डिप्टी CMs फाउल और लाउड माउथ” वाले बयान ने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है।
बिहार की सियासत में नया मोड़
नीतीश कुमार की पेंशन राशि बढ़ाने की घोषणा और तेजस्वी यादव के तीखे हमलों ने बिहार की सियासत को नए मोड़ पर ला दिया है। जहाँ नीतीश जनता को लुभाने के लिए सामाजिक योजनाओं का सहारा ले रहे हैं, वहीं तेजस्वी इसे “चुनावी नकल” और “घबराहट” बता रहे हैं। JDU-BJP गठबंधन पर उनके आरोप, खासकर अमित शाह और संजय झा को लेकर, सत्तारूढ़ खेमे की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
बिहार चुनाव 2025 में जनता किसे चुनेगी—नीतीश की अनुभवी सियासत को या तेजस्वी की युवा जोश और विकास के वादों को? यह तो वक्त बताएगा। लेकिन इतना तय है कि पेंशन, टिकट, और सियासी बयानबाजी इस चुनाव का रंग और गर्म करेंगे।