पटना, बिहार: बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा कर इस फैसले की घोषणा की और इसके पीछे की वजहें भी बताईं। मनीष ने कहा कि वे बिहार के मजदूरों और पलायन की समस्या के लिए लड़ना चाहते हैं, लेकिन पार्टी में रहकर वे इन मुद्दों पर प्रभावी ढंग से आवाज़ नहीं उठा पा रहे थे। इस घोषणा ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है।
BJP छोड़ने का ऐलान
मनीष कश्यप ने X पर पोस्ट किए गए वीडियो में साफ कहा, “मैं अब BJP का सदस्य नहीं हूँ।” उन्होंने बताया कि हाल ही में वे चनपटिया और बिहार के कई इलाकों में गए, जहाँ उन्होंने लोगों से मुलाकात की। इन दौरों के बाद उन्हें लगा कि बिहार के मजदूरों और पलायन जैसे गंभीर मुद्दों पर वे पार्टी के अंदर रहकर उतनी ताकत से लड़ाई नहीं लड़ सकते। मनीष ने कहा, “पार्टी में रहते हुए मैंने इन मुद्दों पर आवाज़ उठाई, लेकिन अब मुझे लगता है कि बाहर से मैं ज़्यादा प्रभावी ढंग से काम कर सकता हूँ।”
बिहार के लिए लड़ाई
मनीष ने अपने वीडियो में बिहार के पलायन और मजदूरों की समस्याओं पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार से लोग रोज़गार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं, और इस समस्या को रोकना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी में रहकर वे इन मुद्दों पर वह असर नहीं डाल पा रहे थे, जो वे चाहते थे। “मैं बिहारियों के लिए, अपने मजदूर भाइयों के लिए लड़ना चाहता हूँ। इसके लिए मुझे यह कठिन फैसला लेना पड़ा,” मनीष ने कहा।
2024 लोकसभा का ज़िक्र
मनीष ने अपने फैसले पर उठने वाले सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें महत्वकांक्षी कह रहे थे, लेकिन अगर ऐसा होता तो वे 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरकर “कई लोगों का खेल बिगाड़ देते।” उन्होंने बताया कि उस समय उन्होंने समझदारी दिखाई और सोचा कि पार्टी के साथ रहकर वे लोगों की बेहतर मदद कर पाएँगे। लेकिन अब स्थिति ऐसी हो गई है कि वे खुद की मदद नहीं कर पा रहे, तो दूसरों की क्या करेंगे। “जो मनीष कश्यप अपनी मदद नहीं कर पा रहा, वह बिहार के लोगों की कैसे करेगा?” उन्होंने भावुक होकर कहा।
समर्थकों को संदेश
मनीष ने अपने समर्थकों से कहा कि यह फैसला उनके लिए दुखद हो सकता है, लेकिन यह मजबूरी में लिया गया है। उन्होंने अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि बिहार के हित में वे हर कदम उठाएँगे। “कई लोग इस फैसले से नाराज़ होंगे, लेकिन सभी जानते हैं कि मुझे इसके लिए मजबूर किया गया,” उन्होंने वीडियो में कहा।
सियासी हलचल
मनीष कश्यप का BJP छोड़ना बिहार की राजनीति में एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। मनीष की सोशल मीडिया पर मज़बूत मौजूदगी और युवाओं में लोकप्रियता के चलते उनकी यह घोषणा चर्चा का विषय बन गई है। उनके इस कदम से BJP की रणनीति पर असर पड़ सकता है, खासकर पश्चिम चंपारण जैसे इलाकों में, जहाँ मनीष का प्रभाव है।
भविष्य की योजना
मनीष ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किसी दूसरी पार्टी में शामिल होंगे या स्वतंत्र रूप से काम करेंगे। लेकिन उनके बयान से साफ है कि वे बिहार के मुद्दों पर अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उनके इस फैसले ने सियासी गलियारों में अटकलों को जन्म दे दिया है कि क्या वे चुनाव में कोई नया दाँव चलेंगे।