बरेली, उत्तर प्रदेश: बरेली की सड़कों पर अब बिना चालक की पहचान के कोई भी सार्वजनिक वाहन नहीं दौड़ेगा। यात्रियों, खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, बरेली ट्रैफिक पुलिस ने एक सख्त नियम लागू करने का ऐलान किया है। एसपी ट्रैफिक मोहम्मद अकमल खान ने स्थानीय पत्रकार को बताया कि 1 जुलाई 2025 से ओला, उबर, ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी, टेंपो और रैपिडो जैसे सभी सार्वजनिक वाहनों में चालक की पूरी जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चालक की पहचान होगी जरूरी
नए नियम के तहत, हर सार्वजनिक वाहन में चालक का नाम, मोबाइल नंबर, और आधार कार्ड नंबर या उसकी साफ फोटोकॉपी बड़े और पढ़ने योग्य अक्षरों में वाहन के अंदर चिपकानी होगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसी अपराध या घटना के बाद चालक की पहचान और तलाश आसान हो। एसपी ट्रैफिक ने कहा, “कई बार अपराधी चालक मौके से फरार हो जाते हैं, और अस्पष्ट नंबर प्लेट्स के कारण उनकी तलाश मुश्किल होती है। यह नियम खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए है।”
30 जून तक का समय, फिर सख्ती
ट्रैफिक पुलिस ने चालकों को 30 जून 2025 तक का समय दिया है, जिसमें उन्हें अपने वाहनों में यह जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। 1 जुलाई से नियम का पालन न करने वाले चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें जुर्माना और वाहन जब्ती शामिल हो सकती है। एसपी ट्रैफिक ने चेतावनी दी, “नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हमारा मकसद यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद यात्रा का अनुभव देना है।”
जागरूकता के लिए अभियान
नए नियम की जानकारी फैलाने के लिए गुरुवार, 19 जून 2025 से ट्रैफिक पुलिस शहर भर में जागरूकता अभियान शुरू करेगी। एक विशेष गाड़ी माइक के जरिए चालकों को नियमों की जानकारी देगी और उन्हें जरूरी बदलाव करने के लिए प्रेरित करेगी। एसपी मोहम्मद अकमल खान ने यात्रियों से भी अपील की है कि वे बिना चालक की पहचान वाले वाहनों में सफर न करें और ऐसी गाड़ियों की शिकायत ट्रैफिक हेल्पलाइन या पुलिस को करें।
यात्रियों में भरोसा बढ़ाने की कोशिश
यह नियम बरेली में सार्वजनिक परिवहन को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। शहर में आए दिन होने वाली छेड़खानी, लूटपाट, और अन्य अपराधों में कई बार सार्वजनिक वाहन चालकों की संलिप्तता सामने आई है। नया नियम न सिर्फ चालकों की जवाबदेही बढ़ाएगा, बल्कि यात्रियों में भी भरोसा जगाएगा। स्थानीय निवासियों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है।