Bangladesh Hindu Woman Rape Case: बांग्लादेश के कुमिला शहर में एक हिंदू महिला के साथ बलात्कार की दिल दहला देने वाली घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। मुख्य आरोपी फजोर अली, जो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) का स्थानीय नेता है, समेत पाँच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फजोर ने न केवल महिला के साथ रेप किया, बल्कि उसके साथियों ने इस घिनौने कृत्य का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। कुमिला के पुलिस अधीक्षक (SP) नजीर अहमद खान ने 29 जून 2025 को गिरफ्तारी की पुष्टि की। इस घटना ने स्थानीय लोगों और छात्रों में आक्रोश पैदा कर दिया है।
रात के अंधेरे में टूटा दरवाजा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना 26 जून 2025 की रात मुरादनगर थाना क्षेत्र के बहेचर पचकिट्टा गाँव में हुई। 21 वर्षीय पीड़िता, जिसके पति दुबई में काम करते हैं, अपने दो बच्चों के साथ पिछले 15 दिनों से अपने पिता के घर में थी। वह स्थानीय ‘हरि सेवा’ त्योहार के लिए आई थी। रात करीब 10 बजे फजोर अली ने उसके घर का दरवाजा खटखटाया और खोलने को कहा। पीड़िता के मना करने पर फजोर ने दरवाजा तोड़कर जबरन प्रवेश किया और उसके साथ बलात्कार किया। इस दौरान उसके साथी मोहम्मद सुमन, रमजान अली, मोहम्मद आरिफ, और मोहम्मद अनिक ने घटना का वीडियो बनाया।
पड़ोसियों ने की कार्रवाई
खबरों के मुताबिक, पड़ोसियों ने रात में तेज चीखें सुनीं और पीड़िता के घर की ओर दौड़े। वहाँ टूटा दरवाजा और मारपीट की स्थिति देखकर उन्होंने फजोर को पकड़कर उसकी पिटाई की और उसे अस्पताल भेजा। हालाँकि, फजोर वहाँ से भाग निकला। पीड़िता ने 27 जून को मुरादनगर थाने में शिकायत दर्ज की, जिसके बाद पुलिस ने 28 जून की रात छापेमारी कर सभी पाँच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि फजोर पहले भी पीड़िता का पीछा करता था, और घटना के दिन वह घर में अकेली थी, क्योंकि परिवार के बाकी सदस्य स्थानीय मेले में गए थे।
पुलिस जाँच और विरोध प्रदर्शन
SP नजीर अहमद खान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सभी आरोपी गाँव के ही रहने वाले हैं और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। वीडियो बनाने और वायरल करने के आरोप में भी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना के खिलाफ ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने 28 जून की रात विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने त्वरित न्याय की माँग की। सोशल मीडिया पर भी यह मामला गूंज रहा है, लोग इस क्रूरता के खिलाफ गुस्सा जता रहे हैं।
आस्था और सुरक्षा पर सवाल
यह घटना न केवल एक महिला की सुरक्षा, बल्कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के सम्मान पर भी सवाल उठाती है। क्या बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की महिलाएँ सुरक्षित हैं? क्या सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो समाज में नैतिकता की गिरावट को दर्शाता है? यह मामला कठोर कानूनी कार्रवाई और सामाजिक सुधार की माँग करता है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न दोहराई जाए।