पूर्णिया, बिहार: प्यार की कोई उम्र नहीं होती, और पहला प्यार तो हमेशा दिल में जिंदा रहता है। बिहार के पूर्णिया जिले में एक ऐसी ही चौंकाने वाली प्रेम कहानी ने सबको हैरान कर दिया। 60 वर्षीय वकील संजीव कुमार अपनी बचपन की प्रेमिका, जो अब 50 वर्षीय डॉक्टर की पत्नी है, को लेकर घर छोड़कर चले गए। दोनों का प्रेम बचपन से शुरू हुआ था, जो परिवार की मर्जी के खिलाफ दशकों तक छिपकर चलता रहा। इस घटना ने न केवल पूर्णिया, बल्कि सहरसा तक हलचल मचा दी, और सामाजिक रिश्तों पर गहरे सवाल खड़े कर दिए।
बचपन का प्यार और छिपा रिश्ता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना केहाट थाना क्षेत्र के प्रभात कॉलोनी, डॉनर चौक की है। सहरसा जिले के प्रोफेसर कॉलोनी, गंगाजला निवासी वकील संजीव कुमार और डॉक्टर की पत्नी बचपन में सहपाठी थे। स्कूल के दिनों में दोनों के बीच प्यार पनपा, लेकिन परिवारों ने इस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। परिणामस्वरूप, युवती की शादी एक डॉक्टर से कर दी गई। लेकिन समय के साथ यह प्रेम खत्म नहीं हुआ। संजीव और डॉक्टर की पत्नी चोरी-छिपे संपर्क में रहे। संजीव ने पुलिस को बताया, “हम बचपन से एक-दूसरे से प्यार करते थे। परिवार ने उसकी शादी कहीं और कर दी, लेकिन हमारा दिल कभी अलग नहीं हुआ।” यह रिश्ता वर्षों तक गुप्त रहा, और दोनों फोन पर बातें करते हुए कभी-कभी मुलाकात भी करते थे।
पत्नी के गायब होने से हड़कंप
11 मई 2025 को दोपहर करीब 1:00 बजे डॉक्टर की पत्नी अपना बैग और पर्स लेकर घर से निकली। जब वह रात 8:00 बजे तक नहीं लौटी, तो डॉक्टर ने चिंता में खोजबीन शुरू की। कई जगह संपर्क करने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला। डॉक्टर ने केहाट थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें अपहरण (Abduction) का मामला दर्ज किया गया। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी संजीव कुमार से लगातार फोन पर बात करती थी और कई बार उनके क्लिनिक में होने पर चुपके से उससे मिलने जाती थी। डॉक्टर ने संजीव का मोबाइल नंबर भी पुलिस को सौंपा, जिससे जाँच में मदद मिली।
सहरसा से बरामद हुए प्रेमी जोड़े
केहाट थाना प्रभारी उदय कुमार ने स्थानीय पत्रकार को बताया कि शिकायत के आधार पर तुरंत जाँच शुरू की गई। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन और अन्य सुरागों के आधार पर संजीव और डॉक्टर की पत्नी को सहरसा जिले से बरामद कर लिया। दोनों को पूर्णिया लाया गया, जहाँ डॉक्टर की पत्नी का बयान धारा 183 और 184 के तहत न्यायालय में दर्ज किया जा रहा है। थाना प्रभारी ने कहा कि आगे की कार्रवाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार होगी। इस घटना ने पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच खासी चर्चा बटोरी, क्योंकि यह कोई साधारण मामला नहीं, बल्कि दशकों पुराने प्रेम का पुनर्जनम था।
परिवार पर पड़ा गहरा असर
डॉक्टर और उनकी पत्नी के तीन बच्चे हैं—दो बेटे, जो MBBS कर रहे हैं, और एक बेटी। इस घटना ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। डॉक्टर का कहना है कि वह अपनी पत्नी के व्यवहार से पहले से परेशान थे, लेकिन उन्हें इतने बड़े कदम की उम्मीद नहीं थी। बच्चों के लिए यह स्थिति और भी मुश्किल है, क्योंकि उनकी माँ ने परिवार छोड़कर बचपन के प्रेमी के साथ नई जिंदगी चुन ली। यह घटना पारिवारिक रिश्तों की जटिलता और प्रेम की ताकत को दर्शाती है, जो उम्र और सामाजिक बंधनों को भी चुनौती दे सकती है।
सामाजिक और भावनात्मक सवाल
यह प्रेम कहानी सामाजिक और भावनात्मक सवाल खड़े करती है। क्या पहला प्यार इतना गहरा हो सकता है कि वह दशकों बाद भी परिवार और जिम्मेदारियों को पीछे छोड़ दे? क्या संजीव और डॉक्टर की पत्नी का यह कदम स्वार्थी था, या यह उनके अधूरे प्रेम को पूरा करने की आखिरी कोशिश थी? पूर्णिया और सहरसा के लोग इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। कुछ लोग इसे सच्चे प्यार की मिसाल मान रहे हैं, तो कुछ इसे परिवार के प्रति बेवफाई कह रहे हैं। यह मामला समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि प्रेम और पारिवारिक दायित्वों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।
स्थानीय चर्चा और भविष्य
यह घटना पूर्णिया के प्रभात कॉलोनी और सहरसा के गंगाजला में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इस बात से हैरान हैं कि सीनियर सिटिजन की उम्र में भी प्रेम इतनी ताकत रखता है। कुछ लोग डॉक्टर के प्रति सहानुभूति जता रहे हैं, तो कुछ वकील और उनकी प्रेमिका के साहस की तारीफ कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जाँच पूरी होने और कोर्ट के फैसले के बाद ही इस मामले का अंतिम नतीजा सामने आएगा। तब तक यह प्रेम कहानी लोगों के बीच जिज्ञासा और बहस का विषय बनी रहेगी।