गोंडा, यूपी: गोंडा जिले (Gonda district) के नगर कोतवाली क्षेत्र (Nagar Kotwali area) से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो सुनने में फिल्मी लगती है, लेकिन हकीकत में एक परिवार की जिंदगी को तोड़ रही है। एक दर्जी की पत्नी ने अपने चार बच्चों को छोड़कर एक ग्राहक के साथ फरार होने का रास्ता चुना, जिसने पूरे इलाके को हैरान कर दिया। इस गोंडा प्रेम प्रसंग ने न सिर्फ पति की दुनिया उजाड़ दी, बल्कि बच्चों के रोने की आवाज़ भी लोगों के दिल को छू रही है। आइए, इस अनोखी घटना की परतों को खोलते हैं और जानते हैं कि आखिर हुआ क्या।
कहानी की शुरुआत: दोस्ती से प्रेम तक
यह कहानी शुरू होती है एक साधारण दर्जी, रईस अहमद (Raees Ahmad), के घर से, जो नगर कोतवाली क्षेत्र में कपड़े सिलाई का काम करता था। उसके घर एक ग्राहक, इकबाल काजमी (Iqbal Kazmi), आता-जाता था, जो थानेपुर थाना क्षेत्र (Thanepur police station area) का रहने वाला है। इकबाल की उम्र 53 साल है, और दो महीने पहले उसकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, जिसके बाद उसके तीन बच्चे अनाथ जैसे हैं। रमजान माह में इकबाल ने रईस के घर पर रहकर उसकी मदद की, जो शुरुआत में भरोसे की निशानी लगी। लेकिन यहीं से कहानी ने पलटा खाया।
धीरे-धीरे इकबाल और रईस की 30 साल की पत्नी के बीच नजदीकियाँ बढ़ीं। यह दोस्ती दर्जी की पत्नी और ग्राहक के बीच प्रेम प्रसंग में बदल गई। रईस को इसकी भनक 5 दिन पहले लगी, जब उसने इकबाल को घर आने से मना कर दिया। इकबाल ने इसका सम्मान करते हुए दुकान पर आना बंद कर दिया, लेकिन यह चुप्पी टूटने वाली थी।
फरार का पल: बच्चों को छोड़ अनजान राह
18 अप्रैल 2025 (गुरुवार) की शाम 6 बजे, दर्जी की पत्नी ने घर से “अभी आती हूँ” कहकर निकली। वह अपनी 3 साल की बेटी को साथ ले गई, जिसे रईस खासा प्यार करता था। दो दिन तक इंतजार के बाद रईस को शक हुआ, और उसने नगर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई। उसका आरोप है कि इकबाल काजमी ने उसकी पत्नी को भगा लिया। इस फरार प्रेमी की उम्र और बच्चों की स्थिति ने इस प्रेम कहानी को और जटिल बना दिया है।
रईस का दर्द बयान नहीं हो सकता। उसने बताया, “दो दिन से हम उसे ढूंढ रहे हैं। पुलिस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। मेरी 3 साल की बेटी, जिसे मैं बहुत प्यार करता था, वह भी चली गई।” उसके तीन अन्य बच्चे घर पर हैं, और उनका रो-रो कर बुरा हाल है। पत्नी का मायके में पति के साथ रहने का रिकॉर्ड भी इस फैसले को हैरान करने वाला बनाता है।
इकबाल का किरदार: विधुर की नई शुरुआत?
इकबाल काजमी, जो 53 साल का है और तीन बच्चों का पिता है, इस कहानी का दूसरा पहलू है। उसकी पत्नी की मौत के बाद वह अकेला था, और रमजान में रईस के घर रहना शायद उसे भावनात्मक सहारा दे रहा था। लेकिन इस दौरान उसकी पत्नी के साथ नजदीकी रिश्ता बनाना भरोसे का दुरुपयोग माना जा सकता है। रईस का कहना है कि इकबाल ने प्रेम प्रसंग को गुप्त रखा और मौका पाते ही पत्नी को अपने साथ ले गया। क्या यह प्यार था, या कोई और मंशा? इसका जवाब अभी अनजान है।
पुलिस जांच: सत्य की तलाश
नगर कोतवाली पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। रईस का आरोप है कि इकबाल ने उसकी पत्नी को प्रलोभन देकर भगा लिया, जो कानूनी कार्रवाई का आधार हो सकता है। लेकिन अगर पत्नी स्वेच्छा से गई, तो यह मामला जटिल हो सकता है, क्योंकि वह वयस्क है। पुलिस इकबाल की तलाश में है, और पत्नी की लोकेशन का पता लगाने की कोशिश चल रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला जल्द सुलझना चाहिए, वरना बच्चों का भविष्य दाँव पर लग जाएगा।
अलीगढ़ से तुलना: प्रेम का अलग रंग
यह घटना अलीगढ़ (Aligarh) के हालिया सास-दामाद प्रेम प्रसंग की याद दिलाती है, जहाँ रिश्तों की सीमाएँ टूटीं और सुर्खियाँ बनीं। लेकिन गोंडा की यह कहानी अलग है। जहाँ अलीगढ़ में पारिवारिक रिश्तों का उल्लंघन था, वहीं गोंडा में एक ग्राहक और गृहिणी के बीच का रिश्ता बच्चों और उम्र के अंतर के साथ सामने आया। रईस की तरह अलीगढ़ के पीड़ित ने भी न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन गोंडा में 3 साल की बेटी का साथ जाना भावनात्मक पहलू को और गहरा करता है। यह गोंडा प्रेम प्रसंग अपनी तरह का अनोखा मामला बन गया है।
सामाजिक प्रतिक्रिया: सबक और सवाल
स्थानीय लोग इस घटना को लेकर हैरान हैं। कुछ का कहना है कि रमजान जैसे पवित्र माह में ऐसा होना भरोसे की कमी को दर्शाता है। अन्य मानते हैं कि पत्नी का फैसला उसकी निजी आजादी का प्रतीक हो सकता है, लेकिन बच्चों को छोड़ना उसे जायज नहीं ठहराता। रईस की गुहार—”हम चाहते हैं कि बच्ची और पत्नी वापस आए, इकबाल को सजा मिले”—समाज में चर्चा का विषय बनी है। क्या यह प्रेम था, या कोई मजबूरी? यह सवाल अनुत्तरित है।
भावनात्मक पहलू: बच्चों का दर्द
चार बच्चों में से तीन रईस के साथ हैं, और उनकी माँ की गैरमौजूदगी उन्हें तोड़ रही है। 3 साल की बेटी, जो माँ के साथ गई, का भविष्य भी अनिश्चित है। रईस का कहना है, “वह मेरी जिंदगी थी, और अब वह चली गई।” यह कहानी न सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते, बल्कि माता-पिता और बच्चों के बंधन पर भी सवाल उठाती है।
आगे की राह: क्या होगा नतीजा?
पुलिस जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। अगर इकबाल पर अपहरण का आरोप सिद्ध होता है, तो उसे सजा हो सकती है। लेकिन अगर पत्नी की मर्जी थी, तो यह उसकी निजी पसंद मानी जाएगी, भले ही बच्चों के लिए दुखद हो। रईस की उम्मीद है कि उसकी बेटी और पत्नी वापस आएँ, लेकिन फरार प्रेमी की चुप्पी इस उम्मीद को कमजोर करती है।
निष्कर्ष: एक अनसुलझी गाथा
यह गोंडा प्रेम प्रसंग एक ऐसी कहानी है, जो प्यार, विश्वासघात, और पारिवारिक टूटन का मेल है। दर्जी की पत्नी का चार बच्चों को छोड़कर जाना और फरार प्रेमी इकबाल के साथ चले जाना समाज के लिए एक सबक हो सकता है। रईस के आँसुओं और बच्चों के रोने की आवाज़ इस घटना को दुखद बनाती है। पुलिस की जांच ही तय करेगी कि यह कहानी खुशी से खत्म होगी या अधूरी रह जाएगी। गोंडा (Gonda) की गलियों में यह चर्चा लंबे समय तक गूंजेगी।
नोट: यह रिपोर्ट स्थानीय दैनिक पत्रिका और पीड़ित के बयान पर आधारित है।