‘मैं गीता और बेटियों से बहुत प्यार करता था…’ – उन्नाव में दिल दहला देने वाली मौत की पटकथा”

Unnao Murder and Suicide Case: उन्नाव जिले के साहबखेड़ा गाँव में अमित यादव ने अपनी पत्नी गीता और दो बेटियों की गला दबाकर हत्या कर दी और फिर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने अपने साले को भेजे गए ऑडियो मैसेज में गीता के कथित अवैध संबंध का ज़िक्र किया, जो पुलिस जाँच का मुख्य आधार बना। इसके साथ ही, 2022 में दर्ज एक रेप केस की कड़ियाँ इस मामले को और जटिल बना रही हैं। पुलिस दोनों कोणों से जाँच कर रही है, लेकिन परिवार की चुप्पी और सामाजिक दबाव ने इस त्रासदी को एक रहस्यमय गुत्थी में बदल दिया है।

Samvadika Desk
9 Min Read
मृतक - अमित, गीता (पत्नी)
Highlights
  • उन्नाव के साहबखेड़ा में पति ने पत्नी-बेटियों को मारकर खुद जान दे दी!
  • अमित यादव ने मौत से पहले भेजे दो ऑडियो, खोले रिश्तों के राज़!
  • “मैं बहुत दुख झेल चुका हूं...” अमित का जीतू को आखिरी मैसेज!
  • अमित ने कैमरे लगाए थे घर में, कुछ देखा क्या? पुलिस कर रही पड़ताल!

उन्नाव, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के साहबखेड़ा गाँव में एक ऐसी त्रासदी हुई, जिसने न केवल स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक सवालों को भी जन्म दिया। अचलगंज थाना क्षेत्र में 14 मई 2025 को अमित यादव ने अपनी पत्नी गीता और दो मासूम बेटियों, खुशी (10) और निधि (6), की गला दबाकर हत्या (Smothering) की, फिर खुद फाँसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। इस दिल दहलाने वाली घटना का खुलासा अमित के साले जीतू को भेजे गए दो ऑडियो मैसेज से हुआ, जिसमें उसने गीता के पड़ोसी अनुज से कथित अवैध संबंध को इस कांड का कारण बताया। पुलिस अब इस मामले को अवैध संबंध और 2022 में दर्ज एक रेप केस के दबाव के कोण से जाँच रही है, जो इस त्रासदी को और रहस्यमय बना रहा है।

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ऑडियो मैसेज: अमित की तड़प और गुस्सा

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, अमित ने अपनी मृत्यु से पहले साले जीतू को दो ऑडियो मैसेज भेजे, जो अब पुलिस जाँच का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन मैसेज में उसने अपनी मानसिक पीड़ा और गीता के प्रति शक को व्यक्त किया। उसने कहा, “जीतू भैया, मुझे माफ करना। गीता पड़ोसी अनुज से मिलती थी। मैं एक महीने से ड्यूटी पर था, और वह रोज हमारे घर आता था। मैंने बहुत दुख झेला। उसकी वजह से मुझे अपनी बेटियों को मारना पड़ा, जो मेरे लिए सब कुछ थीं। मैं गीता से बहुत प्यार करता था, इसलिए उसे और बेटियों को अपने साथ ले जा रहा हूँ।” अमित ने यह भी कहा कि अगर वह अपने पिता को यह बात बताता, तो परिवार की बदनामी होती, जिसे वह सहन नहीं कर सकता था। जीतू ने इन ऑडियो को पुलिस को सौंपा, जिसके बाद जाँच ने नया मोड़ लिया। पुलिस अब इन मैसेज की सत्यता और अमित की मानसिक स्थिति की पड़ताल कर रही है।

Deceased Khushi and Nidhi Unnao
मृतक – खुशी, निधि (बेटियाँ)

हत्याओं और आत्महत्या का समय अंतर

पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Autopsy Findings) के अनुसार, गीता और दोनों बेटियों की मृत्यु गला दबाने से हुई, जबकि अमित की मृत्यु फाँसी (Hanging) के कारण हुई। पुलिस ने पाया कि हत्याओं और अमित की आत्महत्या के बीच करीब एक घंटे का अंतर था। यह एक घंटा जाँच का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। पुलिस इस दौरान अमित की गतिविधियों, संभावित बातचीत, और उसके फोन की कॉल डिटेल्स (Call Records) की जाँच कर रही है। अमित ने ऑडियो में घर में लगे कैमरों का जिक्र किया, जिसके आधार पर पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसने कोई रिकॉर्डिंग देखी थी। सोमवार शाम को गाँव में चारों शवों को दफनाया गया, लेकिन इस घटना ने कई अनुत्तरित सवाल छोड़ दिए।

पुलिस जाँच के दो प्रमुख दिशाएँ

पुलिस इस मामले की जाँच दो मुख्य कोणों से कर रही है, जो इस त्रासदी के पीछे की जटिलता को दर्शाते हैं:

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1. अवैध संबंध का शक और सामाजिक दबाव

अमित के ऑडियो में पड़ोसी अनुज का नाम बार-बार आया, जिससे पुलिस को संदेह है कि गीता के कथित अवैध संबंध (Suspected Affair) ने अमित को इस कदर परेशान किया कि उसने यह जघन्य कदम उठाया। गाँव वालों ने पुलिस को बताया कि अमित और गीता के बीच अक्सर तनाव रहता था। अमित ने ऑडियो में कहा कि उसने घर में कैमरे (Surveillance Cameras) लगाए थे, और संभवतः उसने कुछ आपत्तिजनक रिकॉर्डिंग देखी, जिसने उसे उकसाया। पुलिस अनुज से पूछताछ की तैयारी कर रही है, लेकिन परिवार की चुप्पी इस कोण को जटिल बना रही है। अमित के चार भाई गाँव में ही रहते हैं, और उसे सामाजिक बदनामी का डर था, जो इस त्रासदी का एक बड़ा कारण हो सकता है।

2. 2022 का रेप केस और मानसिक तनाव

2022 में गीता ने गाँव के गजोधर पर रेप का केस दर्ज कराया था। उसने शिकायत में कहा था कि गजोधर ने रात में उसके घर में घुसकर रेप (Rape Allegation) किया और मारपीट की, जिससे उसका गर्भपात हो गया। पुलिस इस पुराने केस को भी हत्याओं से जोड़कर देख रही है। माना जा रहा है कि इस केस को वापस लेने के लिए अमित और उसके परिवार पर दबाव था, जिसने उसके मानसिक तनाव को बढ़ाया। सुनवाई शुरू होने से पहले इस घटना ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया। पुलिस गजोधर और संबंधित लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि इस कोण को और स्पष्ट किया जा सके।

परिवार की खामोशी और जीतू का दुख

अचलगंज थाने के इंस्पेक्टर राजेश पाठक ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया कि अभी तक न गीता के परिवार और न ही अमित के परिजनों ने कोई शिकायत दर्ज की है। जीतू, जो अपनी बहन की मौत से गहरे सदमे में है, अभी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। पुलिस ऑडियो की सत्यता की जाँच कर रही है, लेकिन इसके लिए जीतू या परिवार के बयानों की जरूरत है। इंस्पेक्टर ने कहा, “हम हर संभावना की जाँच कर रहे हैं। अगर परिवार कोई नई जानकारी देता है, तो उस आधार पर कार्रवाई होगी।” अनुज का नाम सामने आने के बावजूद परिवार की चुप्पी जाँच को और जटिल बना रही है।

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अमित का पारिवारिक और सामाजिक जीवन

अमित पाँच भाइयों में से दूसरे नंबर पर था। उसकी शादी 2011 में रायबरेली की गीता से हुई थी। पाँच साल पहले भाइयों ने आपसी सहमति से अलग-अलग घर बना लिए थे। अमित एक ट्रैक्टर एजेंसी में नौकरी करता था और सोशल मीडिया पर रील्स (Social Media Content) बनाने का शौकीन था। वह अक्सर गीता और बेटियों के साथ इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करता था, जो उसके परिवार के प्रति प्रेम को दर्शाते थे। उसकी बेटी खुशी तीसरी कक्षा में थी, और निधि ने हाल ही में स्कूल शुरू किया था। रविवार रात को अमित का परिवार रायबरेली में एक शादी समारोह में गया था, लेकिन उसने थकान का बहाना बनाकर जाने से इनकार कर दिया। यह निर्णय शायद उसकी मानसिक उथल-पुथल का संकेत था।

सामाजिक और मनोवैज्ञानिक निहितार्थ

यह त्रासदी साहबखेड़ा गाँव में चर्चा का विषय बन गई है। लोग इसे अवैध संबंध के शक, सामाजिक बदनामी के डर, और मानसिक तनाव से जोड़ रहे हैं। अमित के ऑडियो से पता चलता है कि वह गीता से गहरा प्यार करता था, लेकिन शक और सामाजिक दबाव ने उसे इस हद तक ले गया। यह घटना परिवार में संवाद की कमी, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता (Mental Health Support), और सामाजिक कलंक जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। गाँव में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया है, और यह मामला समाज में गहरी चिंता का विषय बना हुआ है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अमित का यह कदम गहरे मानसिक तनाव और भावनात्मक उथल-पुथल का परिणाम हो सकता है। शक, सामाजिक दबाव, और परिवार की प्रतिष्ठा का डर ऐसी घटनाओं को जन्म दे सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में परिवार और समाज को संवाद बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी कितनी गंभीर समस्या है।

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आगे की जाँच और सवाल

पुलिस की जाँच अब इस बात पर केंद्रित है कि क्या अमित के शक में सच्चाई थी, या यह उसकी मानसिक स्थिति का परिणाम था। अनुज और गजोधर से पूछताछ इस मामले में नया मोड़ ला सकती है। साथ ही, 2022 के रेप केस का दबाव और उसका इस त्रासदी से संबंध भी जाँच का अहम हिस्सा है। परिवार की चुप्पी और जीतू का मौन इस मामले को और रहस्यमय बना रहा है। यह त्रासदी न केवल एक परिवार की तबाही है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि संवाद, विश्वास, और मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करने की कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

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