कांवड़ यात्रा 2025: फूहड़ गानों और डीजे कंपटीशन पर सख्त पाबंदी, पुलिस ने जारी किए नियम

Kanwar Yatra 2025 Rules: मेरठ में कांवड़ यात्रा 2025 के लिए पुलिस ने फूहड़ गानों और डीजे कंपटीशन पर सख्त पाबंदी लगाई। डीजे के आकार और शोर पर निगरानी होगी। नियम तोड़ने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई। यह कदम शांतिपूर्ण यात्रा के लिए उठाया गया।

Samvadika Desk
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कांवर यात्रा (प्रतीकात्मक इमेज)
Highlights
  • कांवड़ यात्रा 2025 में फूहड़ गानों पर मेरठ पुलिस की सख्त रोक!
  • डीजे कंपटीशन पर पूरी पाबंदी, मेरठ में कांवड़ यात्रा होगी शांतिपूर्ण!
  • कांवड़ यात्रा में आपत्तिजनक गाने बजाने पर होगी कड़ी कार्रवाई!

मेरठ, उत्तर प्रदेश: वेस्ट यूपी में जल्द शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में इस बार बम-बम के जयकारों के बीच डीजे का शोर कम होगा। मेरठ पुलिस और जिला प्रशासन ने डीजे संचालकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि फूहड़, जाति-धर्म आधारित गाने और डीजे कंपटीशन पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। नियम तोड़ने वालों पर यात्रा के दौरान और बाद में कड़ी कार्रवाई होगी। पुलिस ने डीजे के आकार और ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी मानक तय किए हैं, ताकि यात्रा शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहे।

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डीजे पर सख्त निगरानी

मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने स्थानीय रिपोर्टर को बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए डीजे संचालकों के साथ बैठक कर नियमों की जानकारी दे दी गई है। मुजफ्फरनगर बॉर्डर पर पुलिस की विशेष टीम तैनात होगी, जो डीजे के आकार और मानकों की जाँच करेगी। डीजे की चौड़ाई 14 फीट और ऊँचाई 12 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर कोई डीजे तय मानकों से बड़ा पाया गया, तो उसे तत्काल डिस्मेंटल कर दिया जाएगा। नियम न मानने पर डीजे सीज करने की चेतावनी भी दी गई है।

फूहड़ गानों और कंपटीशन पर रोक

पुलिस ने साफ कर दिया है कि जाति या धर्म से जुड़े आपत्तिजनक और फूहड़ गाने बजाना मना है। डीजे कंपटीशन पर भी पूरी तरह पाबंदी है, क्योंकि पहले इस तरह के आयोजनों से झगड़े और मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एसपी सिटी ने कहा, “ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए मानक के अनुसार गाने बजाएँ। अगर कोई गलत गाना चलाने का दबाव बनाता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।” यह कदम यात्रा के दौरान शांति और भाईचारे को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

शांतिपूर्ण यात्रा का लक्ष्य

कांवड़ यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु भोले के जयकारों के साथ अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हैं। लेकिन डीजे के तेज शोर और विवादास्पद गानों ने कई बार माहौल खराब किया है। इस बार प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित न करने और ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सख्ती बरतने का फैसला किया है। डीजे संचालकों को भी चेतावनी दी गई है कि नियम तोड़ने पर कांवड़ यात्रा के बाद भी कार्रवाई होगी।

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सामाजिक जिम्मेदारी का सवाल

यह कदम न केवल कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण बनाने की कोशिश है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक कदम है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या धार्मिक आयोजनों में शोर और विवादास्पद सामग्री की जरूरत है? यह नियम समाज में भाईचारे को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या ये नियम यात्रा को और गरिमामय बनाएँगे।

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