“सर, मैं अभी बहुत छोटी हूँ, दादी कहती हैं…”: दतिया में 16 साल की लड़की की गुहार

Child Marriage Stopped in Datia: दतिया के भांडेर कस्बे में 16 साल की नाबालिग लड़की ने अपनी शादी रुकवाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से गुहार लगाई। 9वीं में फेल होने के बाद उसकी दादी और परिजनों ने उसकी शादी तय कर दी थी।

Samvadika Desk
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AI जनित प्रतीकात्मक इमेज
Highlights
  • भांडेर कस्बे में नाबालिग ने कहा, “मैं पढ़ना चाहती हूँ, शादी नहीं।”
  • महिला बाल विकास विभाग की त्वरित कार्रवाई, 4 दिन बाद आने वाली थी बारात!
  • दतिया में 16 साल की लड़की की गुहार ने रुकवाया बाल विवाह!

दतिया, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में एक 16 साल की नाबालिग लड़की ने अपनी शादी रुकवाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से मार्मिक गुहार लगाई। भांडेर कस्बे की इस लड़की ने कहा, “सर, मैं अभी बहुत छोटी हूँ। पढ़-लिखकर सपने पूरे करना चाहती हूँ, लेकिन दादी और माता-पिता जबरदस्ती शादी करा रहे हैं।” उसकी दादी ने 9वीं कक्षा में फेल होने के बाद उसकी पढ़ाई रोककर शादी तय कर दी थी। चार दिन बाद उसकी बारात आने वाली थी, लेकिन विभाग की त्वरित कार्रवाई से बाल विवाह रुक गया। अब लड़की की पढ़ाई और भविष्य का जिम्मा विभाग के डीपीओ ने उठाया है।

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नाबालिग की मार्मिक अपील

स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, दतिया के भांडेर कस्बे में रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग ने महिला एवं बाल विकास विभाग से संपर्क किया। उसने बताया कि उसकी दादी और माता-पिता उसकी मर्जी के खिलाफ शादी कराने की तैयारी कर रहे हैं। उसने कहा, “मुझे पढ़ाई करनी है, अपने सपनों को पूरा करना है, लेकिन दादी कहती हैं कि 9वीं में फेल हो गई, अब शादी करो। मेरी पढ़ाई रोक दी गई है।” उसने यह भी बताया कि चार दिन बाद उसकी बारात आने वाली थी। उसकी गुहार थी कि उसका जीवन बचाया जाए।

विभाग की त्वरित कार्रवाई

लड़की की शिकायत मिलते ही महिला एवं बाल विकास विभाग के डीपीओ अरविंद कुमार उपाध्याय ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। उनकी टीम ने भांडेर कस्बे में तीन बार जाकर स्थिति का जायजा लिया। 11 मई 2025 को विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम गाँव पहुँची। सूचना मिलने पर नाबालिग की बारात नहीं आई, और शादी रुक गई। विभाग ने नाबालिग की दादी को दतिया के कार्यालय बुलाकर समझाइश दी, जिसके बाद परिवार ने शादी रद्द कर दी।

परिवार को समझाइश

डीपीओ अरविंद कुमार उपाध्याय ने स्थानीय पत्रकार को बताया कि नाबालिग की शादी 9वीं कक्षा में फेल होने के बाद उसकी दादी और माता-पिता ने तय की थी। उन्होंने कहा, “हमने परिवार को समझाया कि बाल विवाह गलत है। दादी और परिजनों को कानूनी और सामाजिक जिम्मेदारियों के बारे में बताया।” उनकी कोशिशों से शादी रुक गई। नाबालिग अब अपने भविष्य को लेकर खुश है और पढ़ाई जारी रखना चाहती है।

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पढ़ाई और शादी का जिम्मा

अरविंद कुमार ने नाबालिग की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया है। उन्होंने कहा, “मैं अपने खर्चे पर उसकी पढ़ाई कराऊँगा। इस साल उसका स्कूल में दाखिला भी करवाऊँगा। सही उम्र होने पर उसकी शादी भी करवाने में मदद करूँगा।” यह कदम न केवल नाबालिग के भविष्य को सुरक्षित करता है, बल्कि अन्य परिवारों के लिए भी प्रेरणा है।

बाल विवाह पर सख्ती

यह मामला दतिया में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता की ज़रूरत को उजागर करता है। महिला एवं बाल विकास विभाग की इस कार्रवाई ने एक नाबालिग का जीवन बचा लिया। विभाग अब ऐसे मामलों पर नज़र रखने और जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है, ताकि बाल विवाह की प्रथा को पूरी तरह रोका जा सके।

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