सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा का कांग्रेस पर हमला: गायों की कुर्बानी के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं

Himanta Vishwa Sharma on Congress: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने 3 जुलाई 2025 को कांग्रेस पर गायों की कुर्बानी और गोमांस विवाद पर चुप्पी की आलोचना की। गोरुखुटी परियोजना पर भी कांग्रेस को घेरा।

Samvadika Desk
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हिमंत बिस्वा शर्मा (इमेज - फेसबुक)
Highlights
  • हिमंत ने कांग्रेस को ललकारा: गायों की कुर्बानी पर बोलने की हिम्मत दिखाए!
  • धुबरी-हाजो में गोमांस टुकड़े: हिमंत बोले, कांग्रेस चुप क्यों?
  • हिमंत का तंज: कांग्रेस को गायों की हत्या पर बोलने में सात जन्म लगेंगे!

गुवाहाटी, असम: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उनमें गायों की कुर्बानी और धार्मिक स्थलों पर गोमांस फेंके जाने जैसे मुद्दों पर बोलने का साहस नहीं है। गुरुवार, 3 जुलाई 2025 को एक सभा में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो मुस्लिम समुदाय से गायों को छोड़कर अन्य जानवरों की कुर्बानी करने की अपील कर सकती है। यह बयान असम में हाल के विवादों और गोमांस से जुड़ी घटनाओं के बाद आया है, जिसने सियासी माहौल को गर्म कर दिया है।

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कांग्रेस को चुनौती: गायों के हित में बोलकर दिखाए

हिमंत ने कांग्रेस को खुली चुनौती देते हुए कहा, “क्या कांग्रेस गायों की कुर्बानी के खिलाफ बोलने की हिम्मत दिखा सकती है? इसके लिए उसे सात जन्म लेने पड़ेंगे।” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस ने कभी दुकानों में खुलेआम गोमांस बिक्री या धार्मिक स्थलों जैसे नामघर के सामने मांस फेंके जाने का विरोध किया। उन्होंने धुबरी और हाजो की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “क्या कांग्रेस ने इन मामलों की निंदा की? जहाँ बोलना चाहिए, वहाँ यह चुप रहती है।” मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की चुप्पी उनकी प्राथमिकताओं को दर्शाती है।

गोमांस विवाद और पुलिस कार्रवाई

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले महीने ईद के दौरान धुबरी, होजई, ग्वालपाड़ा, और लखीमपुर जिलों में गोमांस के टुकड़े फेंके जाने की घटनाओं के बाद पुलिस ने करीब 80 लोगों को गिरफ्तार किया था। गुरुवार को कामरूप जिले के हाजो में भी संदिग्ध गोमांस के टुकड़े मिलने से विवाद बढ़ गया। हिमंत ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कहा कि असम में हर साल कुर्बानी के लिए हजारों गायों की हत्या होती है, लेकिन विपक्ष इस पर मौन रहता है। उन्होंने गोमांस पर पहले से लागू प्रतिबंध को और सख्त करने की बात कही, जिसे हाल ही में असम सरकार ने होटल, रेस्तरां, और सार्वजनिक स्थानों पर लागू किया था।

गोरुखुटी परियोजना पर भी साधा निशाना

हिमंत ने कांग्रेस पर दरांग जिले की गोरुखुटी बहुउद्देशीय कृषि परियोजना को लेकर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने का भी इल्ज़ाम लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मकसद इस परियोजना को बंद करवाना और 2021 में बेदखल किए गए अतिक्रमणकारियों, जिनमें ज्यादातर बंगाली भाषी मुसलमान थे, को वापस बसाना है। हिमंत ने दावा किया कि स्थानीय लोगों ने इस क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त रखने का संकल्प लिया है, और कांग्रेस को जनता ने करारा जवाब दिया है।

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सियासी तनाव और सामाजिक संदेश

हिमंत के बयानों ने असम में सियासी तापमान बढ़ा दिया है। उनके आरोपों ने गोमांस और कुर्बानी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बहस को और तेज कर दिया है। यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं, बल्कि राजनीतिक रणनीति और सामाजिक सौहार्द से भी जुड़ा है। हिमंत का यह रुख दिखाता है कि भाजपा इन मुद्दों को लेकर सख्ती से पेश आ रही है, जबकि कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं। यह स्थिति असम की राजनीति और सामाजिक माहौल में नए तनाव को जन्म दे सकती है।

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