झुंझुनूं, राजस्थान: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ क्षेत्र में एक अनोखी बारात ने सभी का ध्यान खींचा। काकोड़ा पंचायत की गोलियों की ढाणी से दूल्हा योगेश झाझड़िया अपनी बारात ऊंट गाड़ियों पर सवार होकर लोटिया मोड़ 1100 बीघा पहुँचा। यह बारात न केवल पारंपरिक रीति-रिवाजों को जीवित रखने का संदेश दे रही थी, बल्कि आधुनिकता और परंपरा के सुंदर संगम को भी दर्शा रही थी। दूल्हे ने हाथी पर सवार होकर तोरण मारा, और दुल्हन ममता के परिवार ने पूरे रीति-रिवाजों के साथ उनका स्वागत किया। इस अनूठी शादी ने न केवल बुजुर्गों को पुराने ज़माने की याद दिलाई, बल्कि युवाओं को भी अपनी जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा दी।
डॉक्टर दूल्हा और बीएससी छात्रा दुल्हन
पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, दूल्हा योगेश पशु चिकित्सक हैं, जबकि दुल्हन ममता बीएससी की छात्रा। दोनों ने मिलकर अपनी शादी को यादगार बनाने की योजना बनाई। परिवारों के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्होंने फैसला किया कि शादी पारंपरिक अंदाज में होगी। दूल्हे की माँ सुमन देवी ने कहा, “हमारी पुरानी परंपराएँ आज भी उतनी ही खूबसूरत हैं, और हमने उन्हें जीवित रखने का संकल्प लिया।” दुल्हन के परिवार ने भी इस विचार का समर्थन किया और कहा कि वे चाहते थे कि शादी कुछ ऐसा हो, जो सभी के लिए यादगार बने।
हाथी पर सवार होकर तोरण, ऊंट गाड़ियों पर बारात
बारात में ऊंट गाड़ियों को पारंपरिक सजावट से सजाया गया था, और दूल्हा हाथी पर सवार होकर बारातियों के साथ निकला। हाथी पर सवार होकर तोरण मारने की रस्म ने इस शादी को और भी खास बना दिया। दुल्हन ममता के परिवार ने पूरे रीति-रिवाजों के साथ दूल्हे का स्वागत किया, जो भारतीय शादियों की समृद्ध परंपराओं को दर्शाता है।
लोगों का उत्साह
विवाह स्थल पर यह दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उमड़ पड़े। बारात में ऊंट गाड़ियों और हाथी की सवारी ने लोगों को आकर्षित किया, और वे इस अनोखे आयोजन का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक थे। बुजुर्गों को यह देखकर पुराने ज़माने की याद आई, जबकि युवा इस परंपरा से जुड़ने का अनुभव कर रहे थे।
परंपरा और आधुनिकता का मेल
यह शादी न केवल एक जोड़े के मिलन का जश्न थी, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे परंपरा और आधुनिकता को एक साथ लाया जा सकता है। डॉक्टर जैसे पेशे में होने के बावजूद दूल्हा योगेश ने पारंपरिक तरीके से बारात निकालकर यह संदेश दिया कि हमारी जड़ें हमें हमेशा याद रहनी चाहिए। दुल्हन ममता और उनके परिवार ने भी इस पहल का समर्थन करके इसे और खास बना दिया।
एक यादगार आयोजन
झुंझुनूं की यह अनोखी शादी न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा बन गई। ऊंट गाड़ियों पर बारात और हाथी पर सवार होकर तोरण मारने की रस्म ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि परंपराएँ कितनी खूबसूरत हैं, और उन्हें जीवित रखना हमारी ज़िम्मेदारी है। योगेश और ममता की शादी न केवल उनके लिए, बल्कि सभी के लिए एक यादगार पल बन गई।