नई दिल्ली: सेंटिनल द्वीप (Sentinelese Tribe) के रहस्यमयी और दुनिया से अलग-थलग रहने वाले लोगों तक पहुँचने की कोशिश में एक 24 साल के अमेरिकी यूट्यूबर को भारतीय पुलिस ने हिरासत में लिया। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का हिस्सा, नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड, एक प्रतिबंधित क्षेत्र है, जहाँ बाहरी लोगों का जाना सख्त मना है। इस यूट्यूबर, मायखाइलो विक्टरोविच पोल्याकोव (Mykhailo Viktorovych Polyakov), ने 31 मार्च को इस द्वीप पर कदम रखा, जिसके बाद उसे 2 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि उसने यह जोखिम भरा कदम रोमांच और अपनी जिज्ञासा के चलते उठाया।
क्या हुआ था?
पोल्याकोव, जो अमेरिका के स्कॉट्सडेल, एरिज़ोना से है, ने एक inflatable नाव से नॉर्थ सेंटिनल की ओर रुख किया। उसने अपने इस सफर को GPS की मदद से पूरा किया और द्वीप पर पहुँचने से पहले दूरबीन से इलाके को देखा। सुबह 10 बजे के करीब वह तट पर उतरा, जहाँ उसने करीब एक घंटे तक समय बिताया। उसने सेंटिनल लोगों का ध्यान खींचने के लिए सीटी बजाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उसने वहाँ एक नारियल और डाइट कोक की कैन छोड़ी, कुछ रेत के नमूने लिए, और GoPro से वीडियो बनाया। फिर वह वापस लौट आया। 31 मार्च की इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने उसे खुरमदेरा बीच के पास देखा, जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
कानूनी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि पोल्याकोव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और उसकी अगली पेशी 17 अप्रैल को होगी। उस पर प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने का आरोप है, जिसके लिए उसे 5 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। अंडमान और निकोबार पुलिस के प्रमुख एचजीएस धालीवाल ने कहा, “उसके इस कदम से सेंटिनल लोगों की सुरक्षा को खतरा हो सकता था, जिन्हें बाहरी संपर्क से बचाने के लिए कानून बनाया गया है।” अमेरिकी दूतावास को भी इस मामले की सूचना दे दी गई है।
सेंटिनल द्वीप (Sentinelese Tribe) और उसका इतिहास
नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड एक छोटा, जंगल से ढका क्षेत्र है, जो मैनहट्टन के आकार का है। यहाँ रहने वाले सेंटिनल लोग हज़ारों सालों से बाहरी दुनिया से कटे हुए हैं। उनकी संख्या 50 से 200 के बीच मानी जाती है, हालाँकि सटीक आँकड़ा किसी को नहीं पता। वे शिकार और मछली पकड़कर जीवन चलाते हैं और तीर-कमान जैसे हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। भारत सरकार ने इस द्वीप के 5 किलोमीटर के दायरे में प्रवेश पर रोक लगा रखी है, ताकि इन लोगों को बाहरी बीमारियों से बचाया जा सके, जिनके खिलाफ उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता शून्य है।
पिछले कुछ दशकों में यहाँ बाहरी लोगों के साथ कई हिंसक घटनाएँ हुई हैं। 2018 में, अमेरिकी मिशनरी जॉन एलन चाउ को सेंटिनल लोगों ने तीरों से मार डाला था, जब वह अवैध रूप से द्वीप पर पहुँचा था। 2006 में, दो भारतीय मछुआरे भी गलती से वहाँ पहुँच गए थे और उनकी हत्या कर दी गई थी। इन घटनाओं ने सेंटिनल लोगों की बाहरी दुनिया के प्रति संदिग्ध और आक्रामक रवैये को उजागर किया।
पोल्याकोव का इरादा
पुलिस की शुरुआती जाँच में पता चला कि पोल्याकोव ने पहले भी दो बार—अक्टूबर 2024 और जनवरी 2025 में—इस द्वीप तक पहुँचने की कोशिश की थी। वह एक “डेंजर टूरिस्ट” के तौर पर जाना जाता है और अपने यूट्यूब चैनल “Neo-Orientalist” पर रोमांचक यात्राओं का वीडियो डालता है। उसने अफगानिस्तान जैसे खतरनाक इलाकों की यात्रा भी की है। सूत्रों के अनुसार, वह सेंटिनल लोगों के रहस्य से आकर्षित था और इसे एक चुनौती मानकर वहाँ गया।
विशेषज्ञों की चिंता
सेंटिनल लोगों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था Survival International ने इस घटना को “बेवकूफी भरा और खतरनाक” बताया। संस्था की निदेशक कैरोलिन पीयर्स ने कहा, “यह न सिर्फ उसकी जान के लिए जोखिम था, बल्कि पूरे सेंटिनल समुदाय को खतरे में डाल सकता था।” उन्होंने चेतावनी दी कि फ्लू या खसरा जैसी आम बीमारियाँ, जिनसे सेंटिनल लोगों का कोई बचाव नहीं है, उनकी पूरी आबादी को खत्म कर सकती हैं।
पहले की कोशिशें
1970 और 1980 के दशक में, भारतीय अधिकारियों ने सेंटिनल लोगों से संपर्क की कोशिश की थी। छोटी टीमें नारियल और केले जैसे तोहफे लेकर गई थीं, लेकिन ज्यादातर मौकों पर उन्हें तीरों का जवाब मिला। 1991 में एक बार संपर्क सफल रहा था, जब सेंटिनल लोगों ने तोहफे स्वीकार किए थे। इसके बाद सरकार ने ऐसी कोशिशें बंद कर दीं और सख्त नियम बना दिए।
आगे क्या?
पुलिस अब यह पता लगा रही है कि पोल्याकोव को इस सफर में किसने मदद की। स्थानीय मछुआरों या नाव वालों पर भी कार्रवाई हो सकती है। इस बीच, अधिकारियों ने द्वीप का दौरा किया और पुष्टि की कि वहाँ कोई खतरा नहीं छूटा। यह घटना एक बार फिर सेंटिनल लोगों की निजता और सुरक्षा पर सवाल उठाती है।