Fake Wedding Trend in India: दिल्ली-मुंबई में चल रही हैं नकली शादियाँ, रिवाज वही, रिश्ते नहीं

Fake Marriages in India: भारत के महानगरों में एक नया और अजीब ट्रेंड सामने आया है - नकली शादियाँ। इनमें न दूल्हा-दुल्हन असली होते हैं, न रिश्ता, फिर भी पूरी शादी जैसी पार्टी होती है। महज 550 रुपये की एंट्री फीस देकर लोग सिर्फ मस्ती और अनुभव के लिए इन नकली शादियों में शामिल हो रहे हैं। ये ट्रेंड अब सोशल मीडिया और शहरी युवाओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

Samvadika Desk
7 Min Read
भारत के बड़े शहरों में तेजी से बढ़ रहा है नकली शादियों का ट्रेंड (Fake Marriage Trend in India) | सांकेतिक तस्वीर: Pixabay
Highlights
  • दिल्ली में वायरल हुआ नकली शादी का ट्रेंड, बिना दूल्हा-दुल्हन भी शादी की मस्ती!
  • हल्दी, मेहंदी, संगीत—सब कुछ असली, पर शादी नकली!
  • शादी से पहले ही शादी का फील—बस टिकट लो और एंजॉय करो।
  • नकली शादी में मेहमान बनना अब नया ट्रेंड।

Fake Wedding Trend: भारत में शादियाँ हमेशा से उत्सव का रूप रही हैं, लेकिन अब एक नया और अनोखा ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है—नकली शादियाँ (Fake Marriages)। इन शादियों में न तो दूल्हा होता है और न ही दुल्हन, फिर भी हल्दी, मेहंदी, संगीत और बारात का पूरा मजा लिया जाता है। लोग सज-धजकर आते हैं, नाचते-गाते हैं, खाने-पीने का लुत्फ उठाते हैं और घर लौट जाते हैं। सबसे खास बात? इस मस्ती भरे अनुभव के लिए सिर्फ 550 रुपये की एंट्री फीस देनी पड़ती है। खासकर दिल्ली में यह ट्रेंड युवाओं के बीच धूम मचा रहा है, और सोशल मीडिया पर इसके वीडियो वायरल हो रहे हैं।

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शादियों का बदलता अंदाज

भारत में शादियाँ केवल दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव हैं। इनमें महीनों की तैयारी, भव्य डेकोरेशन, लहंगे-ज्वैलरी का चयन और रिश्तेदारों का जमावड़ा शामिल होता है। लोग अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च करते हैं, और कई बार शादियों में करोड़ों से लेकर अरबों रुपये तक खर्च हो जाते हैं। पहले शादियाँ परंपराओं के इर्द-गिर्द होती थीं, लेकिन अब लेटेस्ट ट्रेंड्स, डिज़ाइनर आउटफिट्स और थीम बेस्ड डेकोरेशन का बोलबाला है।

इसी बीच, नकली शादियों का यह नया कल्चर एक अनोखा ट्विस्ट लेकर आया है। इन आयोजनों में शादी के सभी रस्म-रिवाज और मस्ती तो होती है, लेकिन असल में कोई शादी होती ही नहीं। यह एक ऐसी पार्टी है, जो शादी का पूरा अनुभव देती है, बिना किसी जिम्मेदारी या बंधन के। दिल्ली जैसे महानगरों में, जहां लोग व्यस्त जीवनशैली में फंसे हैं, यह ट्रेंड तेजी से पॉपुलर हो रहा है।

क्या हैं नकली शादियाँ? (What are fake weddings or marriages)

नकली शादियाँ असल में एक थीम बेस्ड पार्टी हैं, जिसमें शादी के सभी फंक्शन जैसे हल्दी, मेहंदी, संगीत और बारात का आयोजन होता है। लोग ट्रेडिशनल या डिज़ाइनर कपड़ों में सज-धजकर आते हैं, ढोल-नगाड़ों पर नाचते हैं, मेहंदी लगवाते हैं, और हल्दी की रस्म में शामिल होते हैं। खाने-पीने का शानदार इंतजाम होता है, और माहौल बिलकुल किसी असली शादी जैसा होता है। लेकिन इसमें एक खास बात है—कोई दूल्हा-दुल्हन नहीं होता।

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ये पार्टियाँ खासकर उन लोगों के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जो शादी के मज़े लेना चाहते हैं, लेकिन शादी की जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं। दिल्ली में ऐसे आयोजनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है, और इनकी एंट्री फीस भी बेहद किफायती है—मात्र 550 रुपये। इसके बदले में लोग पूरे दिन की मस्ती, गाने-बजाने और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं।

क्यों पसंद आ रहा है यह ट्रेंड?

दिल्ली जैसे शहरों में लोगों की जिंदगी बेहद व्यस्त और तनावपूर्ण हो गई है। नौकरी, ट्रैफिक और रोज़मर्रा की भागदौड़ में लोग अक्सर मौज-मस्ती के लिए समय नहीं निकाल पाते। ऐसे में नकली शादियाँ एक शानदार मौका देती हैं, जहां लोग बिना किसी बड़े खर्च या जिम्मेदारी के शादी का पूरा अनुभव ले सकते हैं।

यह ट्रेंड खासकर युवाओं में लोकप्रिय है, जो शादी करने से पहले या शादी न करने की चाहत रखते हुए भी इस उत्सव का हिस्सा बनना चाहते हैं। इन पार्टियों में कोई रिश्तेदारों को बुलाने की मजबूरी नहीं, न ही महीनों की तैयारी की जरूरत। बस टिकट लो, सज-धजकर जाओ, और मस्ती करके लौट आओ। यह एक तरह का ‘पार्टी मोड’ है, जो लोगों को तनावमुक्त और खुशहाल अनुभव देता है।

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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

सोशल मीडिया ने इस ट्रेंड को और भी लोकप्रिय बना दिया है। इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर नकली शादियों के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में लोग बारात में नाचते, हल्दी की रस्म में मस्ती करते, और मेहंदी लगवाते नजर आते हैं। माहौल इतना जीवंत होता है कि देखने वालों को लगता है कि यह किसी असली शादी का आयोजन है।

इन आयोजनों के लिए खास तौर पर शादी के कार्ड भी छपवाए जाते हैं, जो मेहमानों को एक औपचारिक निमंत्रण का अहसास देते हैं। लोग पूरी तरह ट्रेडिशनल या स्टाइलिश लुक में तैयार होकर आते हैं, और आयोजन की हर रस्म में उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं। सोशल मीडिया पर इन वीडियो को देखकर कई लोग इस ट्रेंड की ओर आकर्षित हो रहे हैं, और दिल्ली के बाहर भी ऐसे आयोजन होने की चर्चा शुरू हो गई है।

शादी न करने का नया कल्चर

यह ट्रेंड एक बड़े सामाजिक बदलाव की ओर भी इशारा करता है। आज के युवा शादी को लेकर पहले जितने उत्साहित नहीं हैं। कई लोग देर से शादी करना चाहते हैं या शादी न करने का फैसला ले रहे हैं। ऐसे में नकली शादियाँ उन्हें शादी का अनुभव जीने का एक मजेदार तरीका देती हैं। यह एक तरह से सामाजिक दबावों से मुक्ति का रास्ता है, जहां लोग बिना किसी बंधन के उत्सव का हिस्सा बन सकते हैं।

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इन पार्टियों की लोकप्रियता यह भी दर्शाती है कि लोग अब मनोरंजन के नए और अनोखे तरीके तलाश रहे हैं। शादी जैसा भव्य आयोजन, जो आमतौर पर लाखों-करोड़ों रुपये का होता है, अब कुछ सौ रुपये में अनुभव किया जा सकता है। यह किफायती होने के साथ-साथ तनावमुक्त और मजेदार भी है।

नकली शादियाँ, असली मस्ती

भारत में नकली शादियों का यह नया ट्रेंड न केवल मनोरंजन का एक अनोखा तरीका है, बल्कि यह बदलते सामाजिक रुझानों का भी प्रतीक है। दिल्ली में शुरू हुआ यह कल्चर अब देश के अन्य हिस्सों में भी अपनी जड़ें जमा सकता है। बिना दूल्हा-दुल्हन के ये पार्टियाँ लोगों को शादी का पूरा मजा देती हैं, वो भी बिना किसी जिम्मेदारी या बड़े खर्च के।

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सिर्फ 550 रुपये की एंट्री फीस में हल्दी, मेहंदी, संगीत और बारात का लुत्फ उठाना आज के युवाओं को खूब भा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो इस ट्रेंड को और बढ़ावा दे रहे हैं। यह साफ है कि नकली शादियाँ भले ही असली शादी न हों, लेकिन इनमें मस्ती और उत्साह बिलकुल असली है। क्या यह ट्रेंड भविष्य में शादियों के पारंपरिक ढांचे को चुनौती देगा? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल ये पार्टियाँ दिल्ली की रंगीन शामों का नया आकर्षण बन चुकी हैं।

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